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Stock Market में ट्रेडिंग पोजीशन को कैसे बनाए रखे ?

दोस्तों, आज हम यहां पर मिलकर, "Stock Market में ट्रेडिंग पोजीशन को कैसे बनाए रखे ?" इसके बारे में जानकारी लेंगे। दोस्तों हमारे मन में हमेशा यह सवाल मंडराता रहता है कि, कंडीशन चाहे जो भी हो हम अपने ट्रेड्स पर्याप्त समय तक होल्ड क्यों नहीं कर पाते हैं ? 

            अगर हमें थोड़ा लॉस होने लगता है या फिर थोड़ा प्रॉफिट होने लगता है तब हम अपने ट्रेड को क्लोज क्यों कर देते हैं ? क्या हमें ट्रेड लेकर टार्गेट और स्टॉपलॉस लगाकर उसकी तरफ देखना ही नहीं चाहिए ? 

            हम स्टॉक मार्केट में पैसा कमाने के लिए आए हैं लेकिन फाइनली हम पैसा गवाँते क्यों हैं ? इसपर हमें ऐसा क्या उपाय करना चाहिए कि, हम अपने ट्रेड्स पर्याप्त समय तक होल्ड कर पाए ? इन सवालों के जवाब यहां पर ढूंढने की कोशिश करेंगे। तो आइए शुरू करते हैं। 

Stock Market Trading tips and Tricks.
Stock Market Trading position Holding in Hindi


गहन विचार करने पर हमें यह महसूस होगा कि, ऐसा ज्यादातर बार स्टॉक मार्केट की स्थिति पर नहीं बल्कि हमारे अपने मन की स्थिति पर निर्भर होता है। स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में सही माइंडसेट बनाने के लिए यह जानकारी बहुत ही हेल्पफुल होने वाली है।

     

    हम ट्रेड्स होल्ड क्यों नहीं कर पाते हैं ?

    सीधे जवाब पर आते हैं। हम अपने ट्रेड्स होल्ड कर नहीं पाते हैं क्योंकि, हमने अपनी स्ट्रेटेजी का पर्याप्त Back Testing नहीं किया होता है। इस वजह के साथ ही हमें स्टॉक मार्केट में आगे क्या होने वाला है यह भी पता नहीं होता है। इस पर क्या उपाय हैं इसके बारे में हमने निचे डिटेल में जानकारी उपलब्ध की है। 


    हम ट्रेड्स क्लोज क्यों कर देते हैं ?

    हमारे ट्रेड लेने के तुरंत बाद हमारे ट्रेड के अनुकूल मूवमेंट बनना शुरू ना होने पर हम ट्रेड को क्लोज कर देते हैं। कई बार हम बड़े टार्गेट की संभावना को भाँपकर ट्रेड में एंट्री करते तो हैं लेकिन थोड़ा प्रॉफिट या थोड़ा लॉस बुक करके हम बाहर निकल आते हैं। क्योंकि ट्रेड लेने के तुरंत बाद हमारे ट्रेड के अनुकूल मूवमेंट बनना शुरू नहीं होता है। 


    चार्ट पर पैटर्न बनने के बाद हमें मालूम होता हैं।

    चार्ट पर बन रहे चार्ट पैटर्न शुरुआती स्थिति में हम पहचान नहीं पाते हैं इसमें कोई अचरज की बात नहीं है लेकिन आधा चार्ट पैटर्न बनने के बाद भी हमें चार्ट पैटर्न मालूम नहीं होता है बल्कि जब चार्ट पैटर्न पूरा बन जाता है तब हमें मालूम हो जाता है कि यह चार्ट पैटर्न बना है और तब तक ट्रेडिंग करने का समय और अवसर जा चुका होता है। 


    हम स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में फाइनली पैसा गवाँते क्यों हैं ?

    कई बार हमारे लिए गए ट्रेड में बड़े प्रॉफिट होने की संभावना होती तो है लेकिन हम छोटा प्रॉफिट बुक करके खुश हो जाते हैं। अगर लिए हुए ट्रेड के विरुद्ध दिशा में मूवमेंट बनना शुरू हो तो हम थोड़ा लॉस बुक करके ट्रेड क्लोज कर देते हैं। 

                अपने खुद के द्वारा तय किए हुए स्टॉपलॉस हिट होने तक हम अपने ट्रेड को होल्ड नहीं करते हैं। इससे प्रॉफिट बुकिंग के मुकाबले ज्यादातर ट्रेड्स में हम लॉस बुक करते हैं। हमारा कोई भी एक ट्रेड हमारे कई सारे लॉसेस को रिकवर नहीं कर पाता है। इसलिए हम फाइनली स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में पैसा गवाँते हैं। 

                तो क्या हमें ट्रेड लेकर टार्गेट और स्टॉपलॉस लगाकर उसकी तरफ देखना ही नहीं चाहिए ? ऐसा करना भी प्रोफेशनल ट्रेडर के लिए सही नहीं हो सकता है। क्योंकि कई बार बड़ा मूवमेंट होकर वापस रिकवरी हो जाने से हमारा नुकसान हो सकता है। इसलिए हमारे द्वारा लिए गए हर एक लाइव ट्रेड पर हमें जरूर नजर रखनी चाहिए। 


    ट्रेड्स होल्ड करने के लिए हमें क्या उपाय करना चाहिए ?

    इस सवाल का जवाब बहुत ही हेल्पफुल साबित होने वाला है। हमारा ऐसा मानना है कि हमें अपने ट्रेड के लिए टाइम फ्रेम सेट करना चाहिए। 

                इस पर गौर करें की ट्रेड लेने के बाद टार्गेट हासिल होना या स्टॉपलॉस हिट होना हमारे हाथ में नहीं होता है। सही है ? लेकिन उस पर्टिकुलर ट्रेड के लिए हम कितना वक्त दे सकते हैं यह तो हमारे हाथ में होता ही है। है ना ? 

                तो हमें यह तय करना चाहिए कि, हम ऐसा करें कि हम अपने ट्रेड के लिए समय तय करें। तय किए गए समय में अगर स्टॉपलॉस हिट होता है ट्रेड क्लोज कर देना है और अगर टार्गेट हिट होता है तो बहुत ही बढ़िया! हमें प्रॉफिट बुक करके खुशी मनानी है। लेकिन समय तय करना तो बनता ही है।

    उपयुक्त जानकारी

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    Stock Market में ट्रेडिंग पोजीशन को कैसे बनाए रखे ?

    इसे हम सीधे उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। 

    उदाहरण

    मेरे दोस्त के भाई, "मिस्टर एस कुमार" बैंक निफ़्टी ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं। एस कुमार ट्रेडिंग करने के लिए वह सब कुछ करते हैं जो कि हम सभी करते हैं। 

                लेकिन उनकी खासियत यह है कि, वह अपने ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए कालावधी पहले से ही तय करते हैं। वह ऐसा Formula 4 To 6 अपनाकर करते हैं। 

                मिस्टर एस कुमार को, बैंक निफ्टी के 5 मिनट कैंडलस्टिक चार्ट पर ट्रेडिंग करने का अवसर दिखता है तो Formula 4 To 6 के अनुसार, 

    5 × 4 = 20

    5 × 6 = 30

    वह 20 से 30 मिनट के लिए ट्रेड लेते हैं। 

    अगर उन्हें 15 मिनट के कैंडलस्टिक चार्ट पर ट्रेडिंग करने का अवसर दिखता है तो Formula 4 To 6 के अनुसार, 

    15 × 4 = 60

    15 × 6 = 90

    वह एक से डेढ़ घंटे के लिए ट्रेड में बने रहने का डिसीजन लेते हैं। 

    विशेष बात

    1 ) मिस्टर एस कुमार Formula 4 To 6 के अनुसार, ट्रेड का न्यूनतम कालावधी तय करते हैं। यह फॉर्मूला सिंगापुर के प्रसिद्ध इंडिपेंडेंट ट्रेडर मिस्टर Rayner Tio सर ने अपनी वेबसाइट पर 11 Trading Lessons में प्रकाशित किया है। इसके बारे में हम यहीं से दूसरे पेज पर जाकर पढ़ सकते हैं। तो चलिए आगे बढ़ते हुए ट्रेडिंग पोजीशन में बने रहने के बारे में जानकारी लेते हैं। 

    2 ) तय कालावधी के दरमियां अगर स्टॉपलॉस हिट होता है या टार्गेट हासिल होता है तो ट्रेड को क्लोज करते हैं। 

    3 ) मूवमेंट ना बने तो तय किए गए कालावधी के खत्म होने पर ट्रेड को क्लोज कर देते हैं। 

    4 ) अगर तय किए गए कालावधी में बढ़िया मूवमेंट बनने लगे तो ट्रेड को टार्गेट हासिल करने के लिए कालावधि थोड़ा बढ़ाते भी है। 


    ट्रेडिंग में स्टॉपलॉस हिट होना स्वाभाविक है।

    क्या स्टॉक मार्केट में ऐसा भी कोई ट्रेडर या इन्वेस्टर है जिन्हें किसी भी ट्रेड या निवेश में लॉस ना हुआ हो ? हम ढूंढने की कोशिश करेंगे तो सालों बीत जाने पर भी हमें ऐसा एक भी ट्रेडर या इन्वेस्टर नहीं मिलेगा। सही है ?

                दोस्तों स्टॉक मार्केट में लॉस होना स्वाभाविक है। यह स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग का एक परिणाम, एक स्थिति है या यूँ कहे तो एक अविभाज्य अंग है। हम टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस करके लॉस होने की संभावना को कम कर सकते हैं। 

                इसके साथ ही हम अपने हर एक ट्रेड को स्टॉपलॉस लगाते हैं। इस पर गौर करें कि, स्टॉपलॉस हम इसीलिए लगाते हैं ताकि अगर लॉस हुआ तो वह कम से कम हो। 


    स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग यह धीरे-धीरे अमीर बनने की मेथड है।

    दोस्तों, स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग यह धीरे-धीरे अमीर बनने की मेथड है। और इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं। हम अवास्तविक अपेक्षाओं के पीछे दौड़ लगाते हैं और स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग से रातों-रात अमीर बनने के लिए कोशिशें करते हैं। 

                इन कोशिशों के नतीजे में हमें लॉस का परिणाम प्राप्त होता है। इसलिए इस बात को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि, स्टॉक मार्केट में चाहे हम इन्वेस्टमेंट करें या ट्रेडिंग करें। इसमें सक्सेसफुल होने के लिए हमें लंबे वक्त तक बढ़िया परफॉर्मेंस करते रहना आवश्यक होता है। 

                स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग करियर में लंबे वक्त बने रहकर हम स्टॉक मार्केट के मूवमेंट्स, बिहेवियर के बारे में जान सकते हैं। और अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी में में सुधार कर सकते हैं। 

                नई-नई तकनीकें इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने कैपिटल का बढ़िया मैनेजमेंट कर सकते हैं। स्ट्रेटेजी का रिस्क रिवार्ड रेशों लगातार बेहतर बनाकर प्रॉफिट बनाने की संभावना को बढ़ा सकते हैं। 

                यह सब हम ट्रेडिंग को लंबे अवधि तक लगातार कंसिस्टेंटली करके ही प्राप्त कर सकते हैं। हम मानते हैं कि, ऑप्शन ट्रेडिंग में बहुत ही जल्दी अमीर बनने की संभावनाएं होती है। 

                लेकिन हमें इसकी दूसरी बाजू को भी कभी भूलना नहीं चाहिए कि, ऑप्शन ट्रेडिंग में बहुत कम समय में बड़ा लॉस होने की संभावना भी होती है। 


    ऑप्शन ट्रेडिंग पोजीशन को कैसे बनाए रखे ?

                स्टॉक मार्केट ऑप्शन ट्रेडिंग में प्रॉफिट कमाने की संभावना बढ़ाने के लिए और लॉस होने की संभावनाओं को कम करने के लिए बैंक निफ़्टी ऑप्शन ट्रेडिंग में हम एक नया इंडिकेटर उपलब्ध करा रहे हैं जिसका नाम है आज की संभावना इंडिकेटर। 

                इस इंडिकेटर का उपयोग करके हम बैंक निफ़्टी ऑप्शन ट्रेडिंग के इंट्राडे ट्रेड्स पर्याप्त समय तक बनाए रख सकते है। बैंक निफ़्टी ऑप्शन ट्रेडिंग में अपनी स्ट्रेटेजी के द्वारा फाइंड किए गए ट्रेड्स को क्रॉस चेकिंग कर सकते हैं। 

                अपने ट्रेड्स एग्जीक्यूट करें या ना करें इसके लिए सेकंड ओपिनियन ले सकते हैं। ट्रेड्स एग्जीक्यूट करने हो तो कैसे और कब करना सबसे बेहतर होगा यह समझ सकते हैं। ट्रेडिंग स्टॉप लॉस और टार्गेट्स रिसेट कर सकते हैं। 

                यह बहुत ही आसान तरीका है। बस इसे लंबी अवधि तक करते रहना आवश्यक होता है। एक-दो दिन या हफ्ते 2 हफ्ते में हो सकता है कि, इससे भी नेगेटिव रिजल्ट्स मिले। लेकिन कंसिस्टेंटली आज की संभावना इंडिकेटर को फॉलो करेंगे तो हमारा ऐसा विश्वास है कि, हमें इससे मुनाफा ही होगा। 

    विशेष जानकारी

    इंट्राडे शॉर्ट सेलिंग


    हमने यह जाना

    दोस्तों, आज हम सबने यहां पर मिलकर, स्टॉक मार्केट में ट्रेड्स को कैसे बनाए रखें ? इसके बारे में गंभीर चर्चा में सहभाग लिया है। इसमें हमने यह जाना कि, स्टॉक मार्केट में अपने ट्रेड्स को होल्ड करने में क्या क्या दिक्कतें आती है ? उनसे उबरने के लिए हम कौनसे उपाय कर सकते हैं ? इसमें हमने फार्मूला 4 टू 6 जाना। 

                ऑप्शंस ट्रेडिंग की तेज गतिविधि के दौरान में हम अपने ट्रेड्स को होल्ड करने के लिए क्या उपाय कर सकते हैं ? इसके बारे में हमने यहां पर जानकारी ली। इसमें हमने एक नए इंडिकेटर के बारे में भी जानकारी ली। हमारा ऐसा मानना है कि, यह जानकारी हमारे स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग करियर के लिए हेल्पफुल साबित हो सकती है। 


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