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सक्सेसफुल ऑप्शन ट्रेडर कैसे बने ? स्टॉक मार्केट प्रेडिक्शन टू कन्फर्मेशन एक सफर।

दोस्तों, आज हम यहां पर मिलकर, "सक्सेसफुल ऑप्शन ट्रेडर कैसे बने ?" इसके बारे में विस्तार से जानकारी लेंगे। इसमें स्टॉक मार्केट प्रेडिक्शन से कंफर्मेशन के सफर को कैसे तय करना है यह समझेंगे। ऑप्शन ट्रेडिंग में सक्सेस हासिल करने के लिए एक ही काम पर फोकस करने के बारे में बढ़िया जानकारी यहां पर उपलब्ध है। 

            इसके साथ ही कंफर्मेशन पाने के लिए एक नया तरीका यहां पर उपलब्ध है। इसके बारे में भी जानकारी लेंगे। तो आइए शुरू करते हैं। 

Stock Market Option Trading in Hindi.
How to become Stock Market Option Trader ?


मेरे दोस्त के भाई, "मिस्टर एस कुमार" ने कई बार उनकी यादों को दोहराया है। जब उन्होंने नया-नया डिमैट अकाउंट खोला तब उन्हें जो एहसास हुआ वह आज भी नहीं भूले हैं। उन्होंने बताया कि उस वक्त डिमैट अकाउंट ओपनिंग का फॉर्म किसी नेट कैफ़े से प्रिंट आउट निकाल कर उसे भरना होता था। इसके 30 से 35 पेजेस होते थे। उन सभी पर साइन करके भेजना होता था।

     

                अब जमाना आगे बढ़ चुका है। लेकिन मिस्टर एस कुमार जी का यह कहना है कि, जब हम डिमैट अकाउंट खोलने के लिए 30 से 35 पन्नों पर साइन कर रहे होते हैं तब एक बंधन बनता है। एक जिम्मेदारी का बंधन, खुशी का बंधन, स्वीकृति और मान्यता का बंधन। 

                क्योंकि जाहिर सी बात है कि, इससे पहले कभी हमने एकसाथ इतने पन्नों पर साइन नहीं किए होते हैं। है ना ? और फिर उन्हें स्पीड पोस्ट से ब्रोकर के पते पर भेजने पर हफ्ते 2 हफ्ते में डिमैट अकाउंट खुल जाता। 

                इस पर गौर करें कि, इस बात का जिक्र यहां पर किस लिए किया गया होगा क्या बस ऐसे ही! या फिर इसके पीछे कुछ मकसद है ?

                आइए इसके पीछे का मकसद समझ लेते हैं। अब तो डीमैट अकाउंट मोबाइल पर ऑनलाइन ही खुलता है। ब्रोकर मोबाइल से ही ट्रेडिंग करने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। मिस्टर एस कुमार जी ने बताया कि, शुरू में वह ब्रोकर की ऑफिस में फोन लगाकर ट्रेडिंग किया करते थे। 

                अब तो मोबाइल और इंटरनेट का फास्ट जमाना आ गया है। इसमें कोई शक नहीं है। अब जरा ध्यान से पढ़िए। दोस्तों, मोबाइल से स्टॉक मार्केट में एक्टिविटी करने से कोई बंधन, किसी जिम्मेदारी का एहसास शायद ही बन पाता है। क्या आपने ऐसा महसूस किया हैं। अगर आप इन बातों से सहमत है तो चलिए और आगे बढ़ते हैं। 

                अब आते हैं स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के विषय पर। दोस्तों, इसमें हमें कितना पैसा लगाना है ? इसके बारे में चर्चा को शामिल नहीं किया है। क्योंकि हम सभी को मालूम है कि, स्टॉक मार्केट में Rs. 500 से भी कम में शुरुआत कर सकते हैं। सही है ? 

                तो अब हमने नया-नया डिमैट अकाउंट खुलवाया है। ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए हैं। अब हम शेयर खरीदते हैं। 


    स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग

    हम शेयर्स खरीदकर कुछ दिनों के लिए रखते हैं। मुनाफा होने लगता है तो हमें अपने अंदर एक अलग ही खुशी महसूस होती है। और अगर कम अमाउंट लगाया हो तो, Rs. 300 से 500 तक प्रॉफिट मिलते ही हम बुक कर लेते हैं। 

                यहीं से हम "स्टॉक मार्केट" की तरफ अट्रैक्ट होने लगते है। अब हमें स्टॉक मार्केट से प्यार होने लगता है और हम पूरी लगन से स्टॉक मार्केट का स्टडी करने में लग जाते हैं। 

                अब हमारा पोर्टफोलियो बढ़ते जाता है। अब हमारे पास 7 से 8 कंपनीज के शेयर्स है क्वांटिटी चाहे कम ही क्यों ना हो। अब हमारे मन की एक महत्वपूर्ण बात यहां पर पेश करने जा रहे हैं। हमारे पोर्टफोलियो में से जो स्टॉक्स बढ़ रहे हैं उन्हें देखकर हमें खुशी होती है और जो नहीं बढ़ रहे हैं गिर रहे हैं उन्हें हम इग्नोर कर देते हैं। 

                शुरुआत में ऐसा ही होता है और हम सभी ने इसे जरूर महसूस किया होगा। तो चलिए इसे दोबारा पढ़ते हैं, "जो स्टॉक्स बढ़ रहे होते हैं उन्हें देखकर हमें खुशी होती है और जो नहीं बढ़ रहे हैं, गिर रहे हैं उन्हें हम इग्नोर कर देते हैं।" बस उन्हें ऐसे ही अपने पोर्टफोलियो में होल्ड करते रहते हैं। 


    ट्रेडिंग में प्रेडिक्शन = अंदाजा लगाना

    अब हम जाने अनजाने में एक मजेदार, फनी एक्टिविटी शुरू कर देते हैं। जैसे कि, "बढ़िया प्रॉफिट हो रहा हो तो स्टॉक्स बेच देते हैं और जो गिर रहे हैं उनमें अवेरजिंग करके थोड़ी-थोड़ी क्वांटिटी खरीदने लगते हैं।"

                यकीन मानिए शुरूआती 6 महीने से 1 साल के बीच में है हम ऐसा करना शुरू कर देते हैं। पता है ऐसा हम क्यों करते हैं ? क्योंकि हम स्टॉक मार्केट में प्रेडिक्शन करना शुरू कर देते हैं। कभी यह प्रेडिक्शन टीवी या किसी और माध्यम से उपलब्ध जानकारी के आधार पर होते हैं तो कभी हमारे खुद के स्टडी से प्रेडिक्शन करते हैं। 

                शुरुआत में हमारा प्रॉफिट का अमाउंट, लॉस के अमाउंट से थोड़ा ज्यादा बनता है। मान लो, पचास हजार रूपये लगाए हैं। दस हजार का प्रॉफिट है और तीन-चार हजार का लॉस है। टोटल में छह- सात हजार का प्रॉफिट है। कुछ इसी तरह से चल रहा है। 

                अब हम प्रॉफिट में चल रहे शेयर्स बेचकर मुनाफा कमाकर खुशी मनाते हैं। जो शेयर्स गिर रहे हैं उनके बारे में हम सोचते है कि, थोड़ा और खरीद लेंगे तो हमारी खरीद कीमत नीचे आएगी। और जैसे ही वह बढ़ता है हम बेचकर निकल जाएंगे। मिस्टर एस कुमार जी तो शुरुआत में ऐसा ही सोचते थे। क्या हमने भी कभी ऐसा सोचा हैं ?

                इस तरह से एक्टिविटी करते-करते लॉस का अमाउंट बढ़ते जाता है और हम एक्टिविटीज तेज कर देते हैं। कभी-कभी हम नाराज होकर लॉस वाली पोजीशंस को भी काट देते हैं, शेयर्स नुकसान में बेच देते हैं। और फिर जिन शेयर्स में प्रॉफिट बुक किया उन्हें चढ़े भाव पर खरीद लेते हैं। 

                अब देखिए स्टॉक मार्केट तो किसी एक दिशा में नहीं जाता है। है ना ? कभी ऊपर तो कभी नीचे! तो अब तो हमने चढ़े भाव पर शेयर खरीद कर रिस्क को नौता भेजा ही है। 

                तो अगर यहां से स्टॉक मार्केट थोड़ासा भी गिरता है तो हमने ख़रीदे हुए शेयर्स के भाव गिरते ही हमें बड़ा लॉस होने लगता है। और इस तरह से हमारा पोर्टफोलियो निगेटिव रिजल्ट दिखाना शुरू करता है। 

                अब हम स्टॉक मार्केट में प्रेडिक्शन के लिए हर एक चीज, हर एक नुक्सा आजमाने की कोशिश करने लगते हैं। अब हम टिप्स या टीवी पर दिए जा रहे ट्रेडिंग की सलाह को भी अपने स्ट्रेटेजी की तरह आजमाना शुरू कर देते हैं। 

                और तो और ऐसा भी हो सकता है कि, हम इंट्राडे ट्रेडिंग भी शुरू करें। अब तो शामत आ ही जाती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में घुसते ही पहले 3 महीने में ही हम तकरीबन 50 परसेंट कैपिटल गवाँ देते हैं। ध्यान देना यह स्टॉक मार्केट प्रिडिक्शन का रिजल्ट है। और इससे यह साबित होता है कि, "ट्रेडिंग करने के लिए सिर्फ प्रेडिक्शन करना काफी नहीं होता है।" 


    स्टॉक मार्केट ऑप्शन ट्रेडिंग

    तब तक हमें स्टॉक मार्केट डेरिवेटिव्स के बारे में थोड़ा-थोड़ा नॉलेज होने लगता ही है। अब हम ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के बारे में सोचने लगते हैं। कई सारे ट्रेडर्स तो डीमैट अकाउंट खुलते ही ऑप्शन ट्रेडिंग में ही शुरुआत कर देते हैं। उन्हें तो अपने प्रेडिक्शन पर बहुत ही ज्यादा भरोसा होता है। परिणाम स्वरुप वह अपना सारा कैपिटल बहुत ही कम दिनों में खत्म कर देते हैं। 

                वोलैटिलिटी और लिक्विडिटी के कारण ऑप्शन ट्रेडिंग में जो-जो मुमकिन हो सकता है वह सब हमारे साथ होता है। अपना प्रेडिक्शन कभी सही बैठता है कभी गलत बैठता है। ओवर ऑल हमारा ट्रेडिंग बिज़नेस लॉस में चला जाता है। 

                तब हमारे मन में अंदर से कहीं से एक जरूरत महसूस होती है कि, हम जाने सक्सेसफुल ऑप्शन ट्रेडर कैसे बने ? आखिर ऐसी कौन सी तकनीक है, ऐसा कौन सा तरीका है, जिससे हम ऑप्शन ट्रेडिंग में सफलता हासिल कर सकते हैं ? अब इसे समझ लेते हैं और फिर आगे बढ़कर प्रेडिक्शन से कंफर्मेशन के सफर में हेल्पफुल साबित होने वाले एक नए फैक्टर के बारे में भी जानकारी लेंगे। 


    सक्सेसफुल ऑप्शन ट्रेडिंग करियर

    एक काम करना यह सफलता का तत्व है। 

    Option Trading success rules in hindi.
    Option Trading success rules.


    एक काम करो

    Do One Thing 

    इस धरती पर कोई एक इंसान अपने पूरे जोश और होश के साथ एक चीज में, एक काम में अपना पूरा ध्यान केंद्रित करें तो उसके कल्पनातीत परिणाम निकलते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है। 

                एक काम करना यह शुरुआती बिंदु है सफलता के सफर का। जब हम एक ही काम करने में लग जाते हैं, पूरी लगन के साथ तब हम असली शुरुआत करते हैं। इसलिए दोस्तों हमें करना है एक ही काम। 

                हम स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसमें हमें करना है एक ही काम। स्टॉक मार्केट में बहुत पैसा है। सफलता की कई सारी संभावनाएं हैं। तो हर तरफ, हर जगह थोड़ी थोड़ी मेहनत करने से बचते हुए एक ही जगह पर, एक ही काम करना चाहिए। 

                हमारा ध्यान इधर-उधर भटकना नहीं चाहिए कि, भाई देखो उस शेयर में बड़ा मूवमेंट हो रहा है। चलो उसके ऑप्शन में थोड़ा हाथ आजमाते हैं! इस तरह के लालच से अपने आप को दूर रखना है। अगर हमने बैंक निफ़्टी के ऑप्शन में ट्रेडिंग करने का काम चुना है तो उसमें रिस्क तो होती है। उससे ना डरते हुए लगातार काम करते रहना होता है। 

    एक्सपर्ट बनो

    सुपर स्पेशलाइजेशन 

    जब हम एक ही काम करने में लग जाते हैं तब हम असली शुरुआत करते हैं। ट्रेडिंग करना हो तो ट्रेडिंग ही करना चाहिए। इन्वेस्टमेंट करना हो तो इन्वेस्टमेंट ही करनी चाहिए। इस बात को जहन में बिठाना जरुरी है। 

                "ऑप्शन ट्रेडर बनना है तो ऑप्शन ट्रेडर ही बनना है।" इसमें भी और ज्यादा स्पेसिफिकेशन करते हैं। इंडेक्स के ऑप्शन में ट्रेडिंग करना है तो इंडेक्स के ऑप्शन में ही ट्रेडिंग करना है। निफ्टी में करना है तो निफ्टी में ही करना है। बैंक निफ्टी में करना है तो बैंक निफ़्टी में ही ऑप्शन ट्रेडिंग करना है। 

                ऐसा लगातार करने से किसी जादू की तरह हमारे अंदर सुपर स्पेशलाइजेशन की क्वालिटी आने लगती है। इससे हम ऑप्शन ट्रेडिंग के खास काम में खास किस्म के माहीर ट्रेडर बन जाते हैं। 


    ऑप्शन ट्रेडर कैसे बने रहे ?

    यकीन मानिए सुपर स्पेशलाइजेशन की क्वालिटी हासिल करने तक हम कुछ भी कमा नहीं रहे हैं। यह स्टॉक मार्केट की सच्चाई है। 

                जब तक हम एक ही काम में एक्सपर्ट नहीं बन जाते तब तक हम कुछ भी नहीं कमा रहे होते हैं और जैसे-जैसे हम इस क्षमता के पात्र होने लगते हैं हमें प्रॉफिट मिलना शुरू होता है। 

                अब हम यहां पर बने रहने के बारे में चर्चा करेंगे। यहां तक हम "माहिर ऑप्शन ट्रेडर" बन गए है। लेकिन कंटिन्यूटी कायम रखने के लिए हमें कोअर कॉम्पीटन्सी बनानी होती है। इसका हिंदी में मतलब होता है गाभाभूत सक्षमता। 

    कोअर कॉम्पीटन्सी

    यह ऐसी क्षमता है जिससे हम ऑप्शन ट्रेडिंग में चाहे कुछ भी हो जाए प्रॉफिट में ही रहेंगे। ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसे कमाते रहेंगे। स्टॉक मार्केट में चाहे कितनी भी उठापटक क्यों न हों, स्टॉक मार्केट कहीं पर भी खुले और कहीं पर भी बंद हो, हम इंट्राडे ट्रेडिंग में पैसे कमाकर ही आएंगे। 

                इस सक्षमता का महत्वपूर्ण अंग है हमारा कैपिटल। इन पैसों का हम एक्सपर्ट ऑप्शन ट्रेडर बनाने के बाद ट्रेडिंग में किस तरह से इस्तेमाल करते हैं ? इसके बारे में डिटेल योजना में, स्ट्रेटेजी में कोअर कॉम्पीटन्सी होती है। 

    ट्रेडिंग को व्यक्तिगत रूप से ना लें

    डोंट टेक इट पर्सनली 

    यह सक्षमता हासिल करके हम ऑप्शन ट्रेडिंग में लगातार ग्रोथ कर सकते हैं। कई बार दोस्तों, हमारा स्टॉपलॉस हिट हो सकता है या फिर कई बार हमें बड़ा लॉस हो सकता है। फिर भी उससे ऊपर उठकर आगे बढ़ना महत्वपूर्ण होता है। 

                कई बार ट्रेडिंग के अच्छे अवसर हमारे हाथ से छूट सकते हैं। कई बार अपने व्यक्तिगत कारणों की वजह से हम कुछ दिनों के लिए ट्रेडिंग से दूर हो सकते हैं। इन सारी बातों को हमें पर्सनली नहीं लेना चाहिए। यह तो जीवन का एक हिस्सा है और स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग करियर का भी। 

                इसे स्वीकार करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। अगर हमें बड़ा प्रॉफिट होता है, एक्स्पोनेंशियल ग्रोथ होती है। तब भी सक्सेस को हमें पर्सनली नहीं लेना चाहिए। इस बात को इंप्लीमेंट करना बहुत ही आवश्यक है। 

    लंबा रास्ता चुनो

    टेक द लॉन्ग रूट

    स्टॉक मार्केट ऑप्शन ट्रेडिंग में सक्सेसफुल ट्रेडर बनने के लिए हमेशा लंबा रास्ता चुनो। हमें कोई शॉर्टकट इस्तेमाल नहीं करना है और किसी भी जगह पर कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं करना चाहिए। जहां पर हार्ड वर्क करना है वहां पर हार्ड वर्क ही करना है। जहां पर स्मार्टवर्क करना है वहां पर स्मार्टवर्क ही करना है। 

                कई बार हम गलत साबित होते हैं तो हमें अपनी गलती स्वीकार करनी होती है। कई बार स्टॉक मार्केट में हम सही होते हुए भी हमें लॉस हो सकता है। ऐसे में हमें इसे मान्यता देनी चाहिए। 

                ताकि अपने मानसिक स्थैर्य को बनाए रखें। स्टॉक मार्केट ऑप्शन ट्रेडिंग में प्रेडिक्शन से कंफर्मेशन तक के सफर में लंबा रस्ता चुनकर ही हम सक्सेसफुल ऑप्शन ट्रेडर बन सकते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है। 


    प्रेडिक्शन से कन्फर्मेशन तक कैसे पहुंचे ?

    स्टॉक मार्केट में आते ही प्रेडिक्शन के साथ हमारा सफर शुरू होता है। इसमें हम ऑप्शन ट्रेडिंग करने का एक ही काम चुनते हैं। उसमें एक्सपर्ट बनते हैं और सक्सेसफुल ऑप्शन ट्रेडर बने रहने के लिए सक्षमता को हासिल करते हैं। 

    ट्रेडिंग में कन्फर्मेशन = पक्का करना

                अब हम लंबे रास्ते से होते हुए पहुंच जाते हैं कंफर्मेशन के मुकाम पर। दोस्तों, इस मुकाम का सक्सेसफुल ऑप्शन ट्रेडिंग करियर के सफर में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। इधर उधर ना भटकते हुए, कहीं पर ना रुकते हुए, लगातार चलते हुए हम इस मुकाम पर पहुंच जाते हैं। अगर हमें यह मुकाम मिलता है तो हम यकीनन स्टॉक मार्केट ऑप्शन ट्रेडिंग से ढेर सारा पैसा कमा सकते हैं। 

                दोस्तों, कोअर कॉम्पीटन्सी में हम अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बनाते है। इससे हम काफी हद तक कंफर्मेशन के नजदीक पहुंचते हैं। या यूँ कहे तो हम ट्रेडिंग आईडियाज को कंफर्म करने की काबिलियत प्राप्त करते हैं। 

                इस तरह से निकाले गए ट्रेडिंग आईडियाज का उपयोग करके हम ट्रेडिंग करते हैं। इन्हें और ज्यादा कंफर्म करने के लिए हमें किसी दूसरे ओपिनियन की मदद मिले तो हमारे लिए बहुत ही अच्छा होता है। इसके लिए हम, "स्टॉक मार्केट का नया इंडिकेटर आज की संभावना" को भी देख सकते हैं। 

    आज की संभावना इंडिकेटर

    आज की संभावना इंडिकेटर का उपयोग बैंक निफ़्टी ऑप्शन ट्रेडिंग की आईडियाज कंफर्म करने के लिए कर सकते हैं। हमारा ऐसा मानना है कि, ऑप्शन के ट्रेड को लेकर उसे सक्सेसफुली पूरा करने के लिए आज की संभावना इंडिकेटर हेल्पफुल साबित होता है। 

                हमारा विश्वास है कि, इसके द्वारा उपलब्ध कराए गए सेकंड ओपिनियन का उपयोग करके, हम प्रेडिक्शन टू कंफर्मेशन के सफर में कंफर्मेशन का मुकाम पाते हैं। यह इस सफर का लास्ट मुकाम, डेस्टिनेशन होता है। और यहाँ पर हम पाते है सफलता। तो इस तरह से हम स्टॉक मार्केट ऑप्शन ट्रेडिंग में सक्सेसफुल ऑप्शन ट्रेडर बन सकते हैं। बशर्ते हम इसके लिए लगातार कार्य करते रहें। 


    उपयुक्त जानकारी

    शेयर्स प्लेजिंग क्या है ? शेयर्स प्लेज करके ट्रेडिंग कैसे करें ?

    शेयर की फेस वैल्यू, इन्ट्रिंसिक वैल्यू और मार्केट वैल्यू का मतलब क्या होता है ?

    स्टॉक मार्केट में प्रॉफिटेबल ट्रेड की पहचान कैसे करे ?


    हमने यह जाना

    स्टॉक मार्केट में सक्सेसफुल ऑप्शन ट्रेडर बनने के लिए कंटिन्यूटी और डिसिप्लिन आवश्यक होती है। हमने यहां पर जाना कि, ऑप्शन ट्रेडिंग में किस प्रकार के अनुभव से गुजरना होता है। 

                सफलता के लक्ष्य पर नजर बनाए रखते हुए लंबा रास्ता चुनकर हम ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल हो सकते हैं। इस सफर में हमें सक्सेस को हासिल भी करना है और सफलता को बनाए भी रखना है। 

                हमने यहां पर प्रेडिक्शन और उसके परिणामों के बारे में जानकारी ली है। प्रेडिक्शन से आगे निकलकर, एक ही काम को चुनकर उसमें एक्सपर्ट बनने की जानकारी ली है। 

                अपनी स्ट्रेटेजी से निकाले गए कंफर्म ट्रेडिंग आईडियाज को आज की संभावना इंडिकेटर की मदद से फाइनल कंफर्मेशन प्राप्त करने के बारे में भी जाना। हमारा विश्वास है कि, यहां पर उपलब्ध जानकारी को कंसिस्टेंटली फॉलो करते हुए हम सक्सेसफुल ऑप्शन ट्रेडर बन सकते हैं। 


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