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कॉल और पुट ऑप्शंस इंट्राडे ट्रेडिंग में सेकंड ओपिनियन कैसे लें ? Stock Market Tips and Tricks.

दोस्तों, आज हम यहां पर मिलकर, "स्टॉक मार्केट में कॉल और पुट ऑप्शंस इंट्राडे ट्रेडिंग में सेकंड ओपिनियन कैसे लें ?" इसके बारे में हिंदी में जानकारी लेंगे। इसमें ऑप्शंस सेलर्स के फायदे की संभावना, ऑप्शंस बायर्स के फायदे की संभावना के बारे में जानकारी लेंगे। 

            कॉल और पुट ऑप्शंस इंट्राडे ट्रेडिंग में सेकंड ओपिनियन लेने की आवश्यकता को समझेंगे। और इस सेकंड ओपिनियन का इस्तेमाल किस तरह से करना है ? इसके बारे में भी जानकारी लेंगे। तो आइए शुरू करते हैं। स्टॉक मार्केट ऑप्शन यह डेरिवेटिव्स का हिस्सा है। इनकी कीमत उनके अंडरलेइंग असेट के ऊपर डिपेंड होती है। 

Stock Market Second Opinion in Hindi.
Options Trading Second Opinion in Hindi.


डेली बेसिस पर ऑप्शंस ट्रेडिंग करने का हमारा मकसद यह होना चाहिए कि, मंथली बेसिस पर प्रॉफिट चाहे कम बने लेकिन लॉस नहीं होना चाहिए। इसी मकसद को पूरा करने के लिए हमें ऑप्शंस ट्रेडिंग में सेकंड ओपिनियन को जरूर ट्राई करना चाहिए। 

     

    ऑप्शंस इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होता है ?

    स्टॉक मार्केट ऑप्शंस में कॉल और पुट ऑप्शन होते हैं। इसके बारे में हम सभी को मालूम है। अब हम नेक्स्ट लेवल की जानकारी लेते हैं। 

    ऑप्शंस ट्रेडिंग की संभावनाएं

    1 ) ऑप्शंस ट्रेडिंग में पैसा बनता है तो बहुत कम समय में बहुत ज्यादा पैसा बनता है।  

    2 ) नुकसान होता है तो बहुत कम समय में हमारा बड़ा नुकसान हो सकता है। 

                तो ऑप्शन ट्रेडिंग में यह दो प्रकार की संभावनाएं बन सकती है। इससे हम बच नहीं सकते, भाग नहीं सकते सही है ? इन्हीं संभावनाओं के बीच में से, हमें मंथली बेसिस पर अपने लिए थोड़ा बहुत पैसा कमाना है। ठीक है ? 

    उपयुक्त जानकारी

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                अब हम यहां पर, ऑप्शन सेलर्स और ऑप्शन बायर्स के फायदे की संभावना के बारें में जानेंगे। 

    ऑप्शंस सेलर्स के फायदे की संभावना

    स्टॉक मार्केट यह एक मार्केट है। हम इसमें ऑप्शंस खरीदने के लिए आते हैं तो यहां पर ऑप्शंस बेचने वाला भी कोई होता है। इन्हे ऑप्शन रायटर्स कहते हैं। यह बात हम सभी को मालूम है। 

                अब कोई व्यक्ति कोई चीज बेच रहा है तो वह अपना फायदा जरूर देखेगा। सही है ? हम वह चीज खरीद रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि, हमें हर बार उससे फायदा हो। 

                चेन्नई के सुप्रसिद्ध मैथमेटिशियन, "मिस्टर पीआर सुंदर" यह एक सक्सेसफुल ऑप्शंस ट्रेडर हैं। इनके मुताबिक ऑप्शन सेलर्स को फायदा होने की संभावना 80% होती है। 


    ऑप्शंस बायर्स के फायदे की संभावना

    हम ऑप्शंस बायिंग करने में दिलचस्पी रखते हैं। इसलिए ज्यादातर बार हम स्टॉक मार्केट में ऑप्शन बायर की भूमिका में होते हैं। 

                "मिस्टर पीआर सुंदर" यह एक सक्सेसफुल ऑप्शंस ट्रेडर हैं। उनके मुताबिक ऑप्शन सेलर्स को फायदा होने की संभावना 80% होती है तो ऑप्शंस बायर्स को फायदा होने की संभावना 20% रह जाती है। 

            हालाँकि Stock Market Churning के जरिए हम इसका तोड़ निकाल सकते हैं। लेकिन मुनाफा कमाने की बस 20% संभावना पर ऑप्शंस बायर्स ट्रेडिंग करते हैं। इसीलिए ऑप्शंस बाइंग में अक्सर लॉस हो जाता है। 


    ऑप्शंस ट्रेडिंग में नुकसान की संभावना

    अब जाहिर-सी बात है कि, ऑप्शंस बायर्स की मुनाफा कमाने की संभावना 20% है तो नुकसान होने की संभावना 80% है। 

                यहां पर हम सब मिलकर यह मान लेते है कि, "मिस्टर पीआर सुंदर जी" की यह अपनी निजी राय हो सकती है। और हमारे पास ऑप्शंस ट्रेडिंग की एक फुलप्रूफ स्ट्रेटेजी है। इससे हम 60 से 70% मौकों पर मुनाफा कमाने में कामयाब हो जाते हैं। ठीक है ? 

                फिर भी हमें अपने ट्रेडिंग परफॉर्मेंस को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए सेकंड ओपिनियन उपयुक्त साबित हो सकता है। 


    कॉल और पुट ऑप्शंस इंट्राडे ट्रेडिंग में सेकंड ओपिनियन

    आज की संभावना

    स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस के कुछ महत्वपूर्ण इंडिकेटर्स का कॉन्बिनेशन बनाकर आज की संभावना यह टेक्निकल एनालिसिस इंडिकेटर बनाया गया है। 

                इसके आधार पर हम स्टॉक मार्केट में अपने ट्रेडिंग स्ट्रेटजी के अनुसार तय किए गए ट्रेडिंग आईडियाज को क्रॉस चेकिंग कर सकते हैं, पड़ताल कर सकते हैं। 

                अगर अपनी ट्रेडिंग आइडियाज और आज की संभावना का सेकंड ओपिनियन मैच करता है तो हम ट्रेडिंग के लिए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकते हैं। और अगर मैच नहीं करता है तो भी हम अपने ट्रेडिंग स्ट्रेटजी को फॉलो करके ऑप्शंस ट्रेडिंग कर सकते हैं। इसमें कोई शक नहीं है। 


    सेकंड ओपिनियन लेने की आवश्यकता

    स्टॉक मार्केट में, इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करते हैं ? यह जानकर हम अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बनाते हैं। जब हम अपने स्ट्रैटेजी के अनुसार बन रहे ओपिनियन के बारे में साशंक होते हैं याने कि, मन में दुविधा होती है तब हमें सेकंड ओपिनियन की आवश्यकता होती है। 

                आज की संभावना का सेकंड ओपिनियन हानि-रहित और लाभ-रहित इंडिकेटर है ऐसा कह सकते हैं। क्योंकि जाहिर-सी बात है कि, हम अपने एक्जिस्टिंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के अनुसार ही ट्रेडिंग करने वाले हैं। हम सीधे ट्रेडिंग करने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे है। 


    सेकंड ओपिनियन कहां पर उपलब्ध होता है ? 

    यहाँ पर फिलहाल बैंक निफ़्टी के चार्ट पर आगे क्या होने की संभावना बन रही है ? इसके बारे में सेकंड ओपिनियन उपलब्ध किया जा रहा है। 


    सेकंड ओपिनियन का इस्तेमाल कैसे करें ?

    इसे इस्तेमाल करने का तरीका बहुत ही आसान है। बस इसके लिए हमारी अपनी खुद की ऑप्शंस ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी होनी चाहिए। और उसे पेपर ट्रेडिंग करके प्रैक्टिस करना चाहिए। 

                और अगर हम बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग करते हैं तो अपनी स्ट्रेटेजी के अनुसार बैंक निफ़्टी ऑप्शंस में ट्रेडिंग आईडियाज को सर्च करना है। और फिर बैंक निफ़्टी चार्ट एनालिसिस पर जाकर इन आइडियाज को सेकंड ओपिनियन के साथ मैच करके देखना है। 

    विशेष बात

    अगर हमारे पास अपनी खुद की अच्छी तरीके से बैक टेस्टिंग की हुई ऑप्शंस इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रेटजी नहीं हो तो हमें सेकंड ओपिनियन की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि हमारा फर्स्ट ओपिनियन ही नहीं बनेगा तो सेकंड ओपिनियन का इस्तेमाल करना भी उपयुक्त साबित नहीं हो सकता है। 

                हमारी अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी ना होने के कारण वैसे भी हमें लॉस होने की संभावना 80% से भी ज्यादा बढ़ सकती है। ऐसे में सेकंड ओपिनियन का इस्तेमाल करना उपयुक्त साबित नहीं होता है। 

    विशेष जानकारी

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    स्टॉक मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को Back Testing कैसे करें ?

    Stock Market में ट्रेडिंग पोजीशन को कैसे बनाए रखे ?

    इंट्राडे शॉर्ट सेलिंग


    हमने यह जाना

    हमने यहां पर मिलकर, ऑप्शंस ट्रेडिंग क्या होता है ? ऑप्शंस ट्रेडिंग में क्या संभावनाएं बन सकती है ? इसके बारे में जानकारी ली। ऑप्शंस बायर्स और सेलर्स में से किसके प्रॉफिट बनाने की संभावना ज्यादा होती है इसके बारे में जानकारी ली। 

                इसके साथ ही, "कॉल और पुट ऑप्शंस इंट्राडे ट्रेडिंग में सेकंड ऑपिनियन कैसे लें ?" यह जाना। सेकंड ओपिनियन की आवश्यकता, सेकंड ओपिनियन कहां पर उपलब्ध होता है ? और इसका इस्तेमाल कैसे करना है ? यह समझा। 

                स्टॉक मार्केट में बैंक निफ़्टी के ऑप्शंस में ट्रेडिंग करने में बहुत ही ज्यादा जोखिम शामिल होती है। इस जोखिम को कम से कम रखने के लिए हम हर तरह की कोशिश करते है। बैंक निफ्टी के ऑप्शंस में आत्मविश्वास पूर्ण तरीके से ट्रेडिंग करने के लिए सेकंड ओपिनियन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। 


    सेकंड ऑपिनियन के FAQ's

    1 ) स्टॉक मार्केट ऑप्शंस ट्रेडिंग में पहला ओपिनियन कैसे बनाएं ?

    स्टॉक मार्केट ऑप्शंस ट्रेडिंग की अपनी स्ट्रैटेजी के अनुसार ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए पहला ओपिनियन बनाना चाहिए।

    2 ) ऑप्शंस ट्रेडिंग में सेकंड ओपिनियन की आवश्यकता क्यों है ?

    ऑप्शंस ट्रेडिंग में शेयर्स ट्रेडिंग के मुकाबले ज्यादा रिस्क होती है। इसलिए कन्फर्मेशन के लिए ऑप्शंस ट्रेडिंग में सेकंड ओपिनियन की आवश्यकता होती है।

    3 ) बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए सेकंड ओपिनियन कैसे लें ?

    बैंक निफ़्टी में ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए, बैंक निफ़्टी चार्ट एनालिसिस से सेकंड ओपिनियन ले सकते हैं।

    4 ) क्या हम सिर्फ सेकंड ओपिनियन के आधार पर ऑप्शंस ट्रेडिंग कर सकते हैं ?

    नहीं। बल्कि, ऑप्शंस ट्रेडिंग में अपनी स्ट्रेटजी के अनुसार ट्रेडिंग आईडियाज निकालकर उन्हें क्रॉस चेकिंग करने के लिए सेकंड ओपिनियन का इस्तेमाल करना चाहिए।

    5 ) क्या हम बिना सेकंड ओपिनियन के बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग कर सकते हैं ?

    जी हाँ, यदि हमें अपने ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी पर पूरा भरोसा हो तो हम बिना सेकंड ओपिनियन लिए बैंक निफ्टी में ऑप्शंस ट्रेडिंग कर सकते हैं।


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