दोस्तों, आज हम यहां पर मिलकर, "स्टॉक मार्केट में बैंकिंग स्टॉक्स को पोर्टफोलियो में रखकर उनमे इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें ? Banking Stocks Churning" के बारे में हिंदी में जानकारी लेंगे। इसमें हम यह जानेंगे कि, बैंकिंग स्टॉक्स में पोजीशन बनाकर उनमें इंट्राडे ट्रेडिंग याने कि, चर्निंग कैसे की जाती है ? तो आइए शुरू करते हैं।
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Stock Market Churning in Banking Stocks. |
बैंकिंग स्टॉक्स में इंट्राडे ट्रेडिंग के जरिए प्रॉफिट बुकिंग करने का तरीका जानने के लिए हम यहां पर इकट्ठा हुए हैं। ऐसा चर्निंग के जरिए कर सकते हैं। इस बात को ध्यान में लेते हुए यह जानकारी उपलब्ध की है।
बैंकिंग स्टॉक्स में चर्निंग (Churning)
"बुलिश ट्रेंड में बढ़ रहे बैंकिंग स्टॉक को चुनकर उसमें कुछ दिनों के लिए खरीददारी की पोजीशन बनाई जाती है। उसी स्टॉक में हर दिन स्टॉक मार्केट शुरू होकर क्लोज होने तक, सेलिंग-बाइंग और बाइंग-सेलिंग कर करके मुनाफा कमाया जाता है। ट्रेडिंग के इस प्रकार को चर्निंग रहते हैं।"
किसी भी बैंकिंग स्टॉक में चर्निंग करने के लिए, बैंकिंग सेक्टर के बारे में पर्याप्त जानकारी का होना आवश्यक होता है। इसलिए बैंकिंग स्टॉक्स में चर्निंग करने के बारे में डिटेल में जानने से पहले हम बैंकिंग इंडेक्स और बैंकिंग स्टॉक्स पर एक नजर डालते हैं और फिर आगे बढ़ते हैं।
विशेष जानकारी
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बैंकिंग इंडेक्स
जैसा कि हम सभी जानते हैं, बैंकिंग सेक्टर का प्रमुख इंडेक्स निफ्टी बैंक यह है। इसे बैंक निफ्टी के नाम से भी जाना जाता है। इसका नाम बैंक निफ़्टी से बदलकर निफ़्टी बैंक ऐसा रखा है। फिर भी इसके फ्यूचर्स को बैंक निफ़्टी फ्यूचर्स ही कहा जाता है।
निफ़्टी बैंक इंडेक्स में इंडिया की बड़ी 12 बैंक्स का समावेश किया गया है। इनमें से ज्यादातर प्राइवेट बैंक्स है और कुछ पीएसयू बैंक्स को भी इसमें शामिल किया है।
निफ़्टी बैंक इंडेक्स की वैल्यू का अपना स्वतंत्र चार्ट होता है। इससे स्टॉक मार्केट में चल रहे ट्रेडिंग सेशन में ओवरऑल बैंकिंग स्टॉक्स में क्या चल रहा है इसके बारे में जानकारी मिलती है। निफ़्टी बैंक इंडेक्स का चार्ट गिर रहा हो तो हमें यह पता लगता है कि, बैंकिंग स्टॉक्स में गिरावट हो रही है। अगर निफ़्टी बैंक इंडेक्स का चार्ट तेजी में है तो हमें पता लगता है कि, बैंकिंग स्टॉक्स में ओवरऑल तेजी हो रही है। निफ़्टी बैंक के चार्ट को देखकर हम निफ़्टी बैंक ऑप्शन ट्रेडिंग भी कर सकते हैं।
विशेष बात
इस बात को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि, बैंकिंग सेक्टर के स्टॉक्स यह निफ़्टी बैंक इंडेक्स को या तो फॉलो करते हैं या फिर लीड करते हैं। लेकिन कभी-कभी अपवादात्मक परिस्थिति में निफ़्टी बैंक इंडेक्स के विरुद्ध दिशा में मूवमेंट दिखाते हैं। बैंकिंग स्टॉक्स में इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए निफ़्टी बैंक इंडेक्स को लगातार ट्रैक करते रहना आवश्यक होता है।
बैंकिंग स्टॉक्स
निफ़्टी बैंक इंडेक्स में शामिल 12 बैंक्स की लिस्ट यहां पर उपलब्ध है।
1 ) ए यू स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड
2 ) एक्सिस बैंक
3 ) बंधन बैंक
4 ) एचडीएफसी बैंक
5 ) आईसीआईसीआई बैंक
6 ) आयडीएफसी फर्स्ट बैंक
7 ) इंडसइंड बैंक
8 ) कोटक महिंद्रा बैंक
9 ) पंजाब नेशनल बैंक
10 ) आरबीएल बैंक
11 ) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
12 ) फेडरल बैंक
निफ़्टी बैंक इंडेक्स में बुलिश ट्रेंड चल रहा हो तो इनमें से तेजी को लिड करने वाले किसी भी स्टॉक में चर्निंग कर सकते हैं। इसके लिए हमें उस पर्टिकुलर बैंकिंग स्टॉक का डेली टेक्निकल एनालिसिस करते हुए उसे ट्रैक करते रहना आवश्यक होता है। और फिर सही समय पर हम इनमें चर्निंग की प्रक्रिया के लिए स्विंग ट्रेडिंग कर सकते हैं। याने कि, स्टॉक्स को खरीद कर अपना चर्निंग करने का पोर्टफोलियो बना सकते हैं।
बैंकिंग स्टॉक्स को पोर्टफोलियो में शामिल कैसे करें ?
बैंकिंग स्टॉक्स को ट्रैक करना
जाहिर सी बात है कि बैंकिंग स्टॉक्स को ट्रैक करने के लिए हमें उनका फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस करना होता है। ऐसा करने से पहले चुनिंदा बैंकिंग स्टॉक्स की वॉच लिस्ट जरूर बनानी चाहिए। वॉच लिस्ट बनाने से हम उसमें शामिल हर एक स्टॉक को डेली बेसिस पर एनालाइज कर सकते हैं।
खरीददारी की पोजीशन बनाना
अब आगे बढ़कर बैंकिंग स्टॉक्स में चर्निंग करने का पोर्टफोलियो बनाने की प्रक्रिया शुरू करते हैं। इस प्रक्रिया के 3 टिप्स होते हैं।
1 ) खरीददारी शुरू करना
खरीददारी शुरू करने के लिए, Nifty 200 के साथ इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें ? यह जानकरी हेल्पफुल साबित हो सकती है। यहां पर हम बैंकिंग स्टॉक्स में खरीददारी कैसे शुरू कर सकते हैं ? इसके बारे में खास जानकारी लेंगे।
2 ) एवरेज बाइंग करना
अगर बैंक निफ्टी में थोड़ी बहुत गिरावट होती है और वहां से वापस खरीददारी शुरू होती है तब हमें एवरेज बाइंग के मौके तलाशने चाहिए। वहां पर हमारी खरीददारी की पोजीशन और बढ़ानी चाहिए।
3 ) खरीददारी पूरी करना
एवरेज करते-करते खरीददारी की पोजीशन पूरी करनी है। ऐसा हम एक ही ट्रेडिंग सेशन में कर सकते हैं या फिर 2 से 3 दिनों में यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
विशिष्ट मुकाम हासिल करना
इस प्रकार से 2 से 3 बैंकिंग स्टॉक्स में खरीददारी करनी चाहिए और पोर्टफोलियो में इनके परफॉर्मेंस को बारीकी से ट्रैक करना चाहिए। तीन-चार दिनों में इनमें से जो स्टॉक बढ़िया परफॉर्मेंस करता है उसे रखकर बाकी के स्टॉक्स बेच देने चाहिए। अब हमारे पास पोर्टफोलियो में एक बैंकिंग स्टॉक है जो कि, बढ़िया परफॉर्मेंस करके हमारे स्टॉपलॉस लेवल से काफी ऊपर आया है। ठीक है ?
बैंकिंग स्टॉक्स में चर्निंग (Churning ) कैसे करें ?
Stock Market Churning के जरिए इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए डिसिप्लिन का होना आवश्यक होता है। बैंकिंग स्टॉक्स में इंट्राडे ट्रेडिंग, चर्निंग को हम उदाहरण के माध्यम से आसानी से समझ लेते हैं।
चर्निंग का उदाहरण
मेरे दोस्त के भाई, "मिस्टर एस कुमार" ने X बैंक (उदाहरण के लिए) के 500 शेयर्स Rs. 520 के प्राइस पर एवरेज करके अपने पोर्टफोलियो में रखे हुए हैं। अब इस शेयर की कीमत Rs. 560 के आसपास चल रही है। उन्होंने इसमें इंट्राडे ट्रेडिंग करके मुनाफा कमाने के लिए चर्निंग किस तरह से किया यह स्टेप बाय स्टेप समझते हैं।
1 ) अब इस शेयर की प्राइस, Rs. 560 के आसपास चल रही है याने कि, अब पोर्टफोलियो में रखे हुए शेयर्स की पोजीशन मुनाफे में है।
2 ) इस पोजीशन का फायदा उठाते हुए इंट्राडे ट्रेडिंग करना है जिसे कि, चर्निंग कहते हैं।
A ) बाइंग-सेलिंग
बुलिश ट्रेंड में हर दिन शेयर्स गैप अप ओपन होकर ऊपर जाने लगते है। ऐसे में बाइंग सेलिंग का इंट्राडे ट्रेड लेना चाहिए। इसी उदाहरण में X बैंक के शेयर्स की कीमत, Rs. 560 से गैप अप ओपन होकर Rs.562 हुई। ऐसे में मिस्टर एस कुमार ने सुबह 9:15 am बजे स्टॉक मार्केट ओपन होते ही X बैंक के 100 शेयर्स में Rs.562 पर बाइंग की इंट्राडे ट्रेडिंग पोजीशन बनाई।
इस पोजीशन के लिए उन्होंने 560 के थोड़ा सा नीचे याने कि, Rs. 559. 50 का स्टॉपलॉस लगाया। सुबह 11:00 am बजे तक X बैंक के शेयर में बढ़िया तेजी होकर शेयर की कीमत Rs. 568 तक पहुंची। इस लेवल पर उन्होंने इंट्राडे ट्रेडिंग के 100 शेयर्स बेच दिए। इस ट्रेड में उन्हें प्रति शेयर Rs. 5 का मुनाफा हुआ और टोटल Rs. 500 का मुनाफा हुआ।
B ) सेलिंग-बाइंग
यह चर्निंग का बेहतरीन तरीका है। स्टॉक मार्केट की सच्चाई है कि, "जो बेचता है वही कमाता है।" कंपनी अपने शेयर्स बेचती है और कैपिटल इकट्ठा करके ले जाती है बिजनेस बढ़ाने के लिए। ऑप्शंस ट्रेडिंग में भी ज्यादातर बार ऑप्शन राइटर्स ही पैसे कमाते हैं क्योंकि वह ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट बेचते हैं। अब "मिस्टर एस कुमार" भी यहां पर सेलर की भूमिका में आते हैं।
उदाहरण में ही देखते हैं कि, X बैंक के शेयर की प्रीवियस क्लोजिंग प्राइस Rs. 560 है। अगले दिन शेयर की ओपनिंग थोड़ा नीचे Rs. 558 के आसपास हुई। ऐसे में उन्होंने X बैंक के 200 शेयर्स बेच दिए। अब यहां पर दो प्रकार की संभावनाएं हो सकती है। दोनों में मुनाफा ही मुनाफा है।
1 ) शेयर्स में और ज्यादा गिरावट हो सकती है
मिस्टर एस कुमार ने अपने पोर्टफोलियो में रखे हुए 500 में से 200 शेयर्स इंट्राडे ट्रेडिंग में Rs. 558 के कीमत पर बेच दिए। यहां से X बैंक के शेयर में गिरावट बढ़ी और कीमत Rs. 550 तक नीचे गई। ऐसे में उन्होंने Rs. 550 के आसपास 200 शेयर वापस खरीद कर अपनी सेलिंग पोजीशन कवर कर ली। इस तरह उन्होंने सेलिंग-बाइंग करके इंट्राडे में Rs. 1600 मुनाफा कमाया।
2 ) शेयर्स में बढ़त हो सकती है
दूसरी संभावना यह हो सकती है कि, X बैंक के शेयर Rs. 558 पर बेच देने के बाद शेयर की कीमत बढ़ जाए। है ना ? ऐसे में मिस्टर एस कुमार क्या करेंगे ?
अब मान लो कि, X बैंक के शेयर की कीमत Rs. 564 तक पहुंची है। मिस्टर एस कुमार जी इंट्राडे ट्रेडिंग में, चर्निंग में लॉस बुक करना नहीं चाहते हैं। उनके पास इसका एक समाधान है। वह समाधान इस तरह से है कि, वह सेलिंग के इंट्राडे ट्रेड को कन्वर्ट करके पोजीशनल ट्रेड करेंगे और इस सेलिंग की पोजीशन को वह वापिस शेयर्स बाइंग करके कवर नहीं करेंगे।
ऐसा करने से उनके पास जो 500 शेयर की क्वांटिटी होल्डिंग में रखी हुई है, उसमें से 200 शेयर कम हो जाएंगे। इस तरह से उन्हें इंट्राडे ट्रेडिंग में लॉस नहीं होगा। शेयर की कीमत बढ़ी है इसलिए उनके पास जो 300 शेयर्स की होल्डिंग बची है उसमें मुनाफे में बढ़त होगी। याने कि इस तरह से चित भी मेरा और पट भी मेरा की तरकीब पेपर ट्रेडिंग करके आजमाई जा सकती है।
बैंकिंग स्टॉक्स में इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें ?
अब तक हमने यहाँ पर बैंकिंग स्टॉक्स में इंट्राडे ट्रेडिंग करने का बेहतरीन तरीके को समझा। अब हम इसकी सटीक गतिविधि को समझ लेते हैं।
1 ) ट्रेडिंग करने का अवसर
बैंकिंग स्टॉक को पोज़िशनल ट्रेडिंग में खरीद कर, चर्निंग करने के लिए पोर्टफोलियो में रखने के बाद हम इसी में इंट्राडे ट्रेडिंग करने की के अवसर तलाशना शुरू करते हैं जिसके लिए हमें चाहिए होती है। अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी इसके साथ ही हमें चाहिए होता है। सही है ?
और इस बात पर हम सभी सहमत हो सकते हैं कि, बैंकिंग स्टॉक्स में इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए बैंक निफ़्टी को फॉलो करना आवश्यक होता है। इसके बारे में हमने ऊपर जानकारी ले ली है।
अब आते हैं बैंक निफ्टी को फॉलो करने के तरीके पर। अब ध्यान से पढ़ें कि, "हमें अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी को अपने होल्डिंग के बैंकिंग स्टॉक के साथ ही बैंक निफ्टी के चार्ट के अनुसार ढालना होता है।" और अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी के अनुसार बन रही "ट्रेडिंग आइडियाज को क्रॉस चेकिंग करना" भी आवश्यक होता है।
इसके लिए बैंक निफ़्टी चार्ट का एनालिसिस करना चाहिए।
उपयुक्त जानकारी
स्टॉक मार्केट में कितना पैसा लगाना चाहिए ?
स्टॉक मार्केट में अपना बेस्ट पोर्टफोलियो कैसे बनाएं ?
2 ) ट्रेडिंग में सहभाग
अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी के अनुसार, ट्रेडिंग करने का फर्स्ट ओपिनियन बनाने के बाद इस पर सेकंड ऑपिनियन लेकर हम ट्रेडिंग में पार्टिसिपेट करते हैं। इस तरह से डिसिप्लिन के साथ काम करने से हम बढ़िया रिजल्ट्स पा सकते हैं।
3 ) ट्रेडिंग टार्गेट
ट्रेडिंग में सहभाग लेते ही उस पर्टिकुलर ट्रेड के लिए टार्गेट तय करना होता है। इससे पहले हम अपने ट्रेडिंग स्ट्रेटजी के अनुसार टार्गेट तय करेंगे और फिर बैंक निफ़्टी चार्ट एनालिसिस के जरिए उसे भी क्रॉस चेकिंग करके कंफर्म करेंगे।
4 ) ट्रेडिंग स्टॉपलॉस
दोस्तों, स्टॉक मार्केट में हम अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी के अनुसार ट्रेडिंग आईडियाज बनाते हैं। और फिर ट्रेड में इंटर करते हैं।
इसके बावजूद हमें अपने ट्रेड के लिए स्टॉपलॉस अवश्य लगाना चाहिए। ताकि मूवमेंट हमारे फेवर में नहीं होता है तो ज्यादा नुकसान होने से बचा जाए। इस बात पर सभी अनुभवी ट्रेडर्स सहमत हो सकते हैं। हमारा विश्वास है कि, डर और लालच को काबू करने के लिए स्टॉक मार्केट फियर अँड ग्रीड को कैसे कंट्रोल करें ? यह जानकारी हेल्पफुल हो सकती है।
यहां पर स्टॉपलॉस कितना होना चाहिए ? इसका कोई फिक्स मापदंड नहीं होता है। इसलिए इसे आसानी से समझने के लिए हम थोड़ा अलग तरीके से इसे पेश करते हैं। जिस तरह से कुकिंग चैनल्स पर खाने के पदार्थ में नमक स्वाद अनुसार डालने के लिए कहा जाता है। उसी प्रकार से यहाँ पर कहते है कि, ट्रेडिंग के लिए स्टॉप लॉस अपने ट्रेड की आवश्यकता के अनुसार लगाना चाहिए। है ना ?
5 ) ट्रेड क्लोज करना
हम अक्सर सुनते आएं है कि, ट्रेडिंग का टार्गेट हिट हो या स्टॉपलॉस हमें ट्रेड क्लोज कर देना चाहिए। लेकिन इस बात पर भी गौर करना चाहिए कि, चर्निंग के जरिए इंट्राडे ट्रेडिंग करते वक्त सेलिंग-बाइंग ट्रेड में अगर लॉस हो रहा हो तो ट्रेड क्लोज नहीं करना है। लॉस वाले ट्रेड को इंट्राडे से डिलीवरी में कन्वर्ट करके छोड़ सकते हैं। यहां पर हमें लॉस बुक नहीं करना पड़ता है। और प्रॉफिट हो रहा हो तो छोटा टार्गेट हासिल करके ट्रेड क्लोज करना बेहतर होता है।
6 ) आफ्टर ट्रेडिंग एक्टिविटी
हमें इस बात को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि, इंट्राडे ट्रेडिंग के ट्रेड्स क्लोज करने के बाद यह कंप्लीट हुए हैं या नहीं इसे दो बार जरूर चेक करना चाहिए।
कभी-कभी कोई ट्रेड क्लोज करने के बारे में हम भूल सकते हैं। या फिर कभी-कभी पूरी ट्रेडिंग क्वांटिटी में ट्रेड क्लोज नहीं होता है और पेंडिंग क्वांटिटी रह जाती है, इसलिए ऐसा करना आवश्यक होता है।
हमने यह जाना
आज हमने यहां पर मिलकर जाना कि, "बैंकिंग स्टॉक्स को पोर्टफोलियो में रखकर इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे की जाती है ?" इसमें हमने बैंकिंग स्टॉक्स को अपने पोर्टफोलियो में किस तरह से शामिल करना है ? बैंकिंग स्टॉक्स में चर्निंग कैसे करना है ? इसके बारे में जानकारी ली। बैंकिंग स्टॉक्स में इंट्राडे ट्रेडिंग करने का तरीका जाना।
हम बैंक निफ़्टी के चार्ट पर बन रहे मूवमेंट्स की संभावनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस जानकारी की मदद से हम बैंकिंग स्टॉक्स में इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं।
विशेष जानकारी
स्टॉक मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को Back Testing कैसे करें ?
Stock Market में ट्रेडिंग पोजीशन को कैसे बनाए रखे ?
बैंकिंग स्टॉक्स इंट्राडे ट्रेडिंग के FAQ's
1) कौन-कौन से बैंकिंग स्टॉक्स में चर्निंग के जरिए इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं ?
निफ़्टी बैंक इंडेक्स में शामिल 12 बैंकों में से किसी भी बैंक के शेयर्स खरीद कर उनमें चर्निंग के जरिए इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं।
2) चर्निंग के जरिए इंट्राडे में बाइंग-सेलिंग के ट्रेड के लिए स्टॉपलॉस किस लेवल पर लगाना चाहिए ?
चर्निंग के जरिए इंट्राडे में बाइंग-सेलिंग के ट्रेड के लिए स्टॉपलॉस प्रीवियस डे लो लेवल पर लगाना चाहिए।
3) क्या चर्निंग के जरिए इंट्राडे में सेलिंग-बाइंग के ट्रेड के लिए स्टॉपलॉस लगाना चाहिए ?
जी हाँ, प्रीवियस डे टॉप लेवल के थोड़ा-सा ऊपर स्टॉपलॉस लगाना चाहिए। और अगर वह लेवल अचीव होता है तो ट्रेड क्लोज नहीं करना है बल्कि उसे इंट्राडे से डिलीवरी में कन्वर्ट करना है। इससे हमारे पोर्टफोलियो में से उतने शेयर्स सेल हो जाएंगे।
4) बैंकिंग स्टॉक्स में चर्निंग के जरिए इंट्राडे के लिए प्रॉफिट का टार्गेट कितना होना चाहिए ?
बैंकिंग स्टॉक्स में चर्निंग के जरिए इंट्राडे के लिए प्रॉफिट का टार्गेट ज्यादा बड़ा नहीं बल्कि 1 से 1.5 % तक का होना चाहिए।
5) क्या बैंकिंग स्टॉक्स में चर्निंग के जरिए इंट्राडे ट्रेडिंग में सेकंड ओपिनियन लेना चाहिए ?
जी हाँ, नुकसान होने की संभावना को कम करने के लिए, इंट्राडे ट्रेडिंग में सेकंड ओपिनियन लेना चाहिए।
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