स्टॉक मार्केट में बैंक निफ्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग का प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम बनाना यह एक तरह की पूर्वतैयारी होती है। दोस्तों, आज हम यहां पर मिलकर, "बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग का प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम कैसे बनाएं ?" इसके बारे में हिंदी में जानकारी लेंगे। इसमें प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम क्या होता है ? प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम कैसे करते हैं ? बैंक निफ्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग के प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम का उपयोग कैसे करें ? बैंक निफ्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग का प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम करने के फायदे और नुकसान जानेंगे। तो आइए शुरू करते हैं।
Bank Nifty options trading Project Premortem. |
"जो हल्के से कदम रखता है वह दूर तक चलता है।" इस कहावत के अनुसार, हमें बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग के सफर में हल्के-हल्के, एक-एक कदम आगे बढ़ाना है। और सफलता की मंजिल पाना है।
विशेष सफलता
प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम क्या होता है ?
"असफलताओं की तमाम संभावनाओं के बीच में से सफलता को हासिल करने की राह चुनने की आखरी पॉइंट से शुरू तक की प्रक्रिया को प्रोजेक्ट प्रीमार्टम कहते हैं।" प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम में तय किए गए विशिष्ट टार्गेट को पाने में हम असफल हुए हैं ऐसा मानकर, किन-किन वजह से हम असफल हुए हैं ? उनको नोट किया जाता है। और उनपर सोल्यूशन निकाला जाता है।
इसमें असफलता के "आखरी पॉइंट से शुरू तक" के सफर में हमें कौन-कौन सी बाधाएं असफल बना सकती है ? उनको एनालाइज किया जाता है। इसके साथ ही हमारे सफल होने में, हमारे पक्ष में कौन-कौन सी परिस्थितियां बन सकती है ? उनके बारे में भी एनालिसिस किया जाता है। इसके बाद, अब हम एक नई शुरुआत कर रहे हैं। इस तरह से उस पूरी स्टडी का उपयोग करके काम शुरू कर किया जाता है।
प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम कैसे करते हैं ?
1 ) लक्ष्य निर्धारण याने की टार्गेट सिलेक्शन
इस प्रोजेक्ट को विशिष्ट लक्ष्य तय करके उसे हासिल करने के लिए शुरू किया जाता है।
2 ) सफलता और असफलता की संभावना
तयशुदा लक्ष्य को हासिल करने की प्रक्रिया में सफल होने की संभावना कितनी है ? और असफल होने की संभावना कितनी है ? उनका बारीकी से अध्ययन किया जाता है।
3 ) पड़ताल और दुबार संशोधन
लक्ष्य हासिल करने में कोई बड़ी बाधा या समस्या आने की संभावना ज्यादा हो तो दुबार संशोधन किया जाता है। उस बड़ी बाधा को, समस्या को दरकिनार करके आगे बढ़ने के बारे में नियोजन किया जाता है।
4 ) टाइमलाइन और शेड्यूल
तय किए गए विशिष्ट लक्ष्य को हासिल करने की टाइम लाइन तय की जाती है और शेड्यूल बनाया जाता है।
5 ) बजट
इस कार्य को पूरा करने तक कितने खर्चे हो सकते हैं ? कितनी बार नुकसान हो सकता है ? और कितना मुनाफा हो सकता है ? याने कि हम कितने सफल हो सकते हैं ? इसके बारे में बजट तय किया जाता है।
6 ) एक्टिविटी
इस पूरे प्लानिंग के साथ कार्य को शुरू किया जाता है। सारी संभावनाओं पर ध्यान देते हुए कार्य को आगे बढ़ाया जाता है और सफलता का परिणाम हासिल किया जाता है।
बैंक निफ्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग का प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम
बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग का प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम हर रोज सुबह 9:00 am बजे से पहले बनाकर तैयार रखना होता है। स्टॉक मार्केट प्रीओपन सेशन में 9:08 am के बाद से 9:15 am तक का जो अवकाश मिलता है उसमें 9:00 am से 9:08 तक हुए एक्टिविटी को भी इसमें जरूर शामिल करना चाहिए। अब हम यहां पर बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग का प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम स्टेप बाय स्टेप समझ लेते हैं।
1 ) बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग का प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम आज के दिन का ट्रेडिंग सेशन पूरा होने के बाद 3:30 pm बजे शुरू किया जाता है। पहले हम Bank Nifty Futures के कीमत के बदलाव जैसे कि, प्रीमियम अमाउंट का कम-ज्यादा होना को समझेंगे।
2 ) शुरुआत में बेसिक टेक्निकल एनालिसिस किया जाता है। इसमें डेज ओपनिंग, हाई, लो और क्लोज के बारे में बारीकी से अध्ययन किया जाता है। और इंट्राडे चार्ट पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस को बैंक निफ़्टी के चार्ट ने किस तरह से रिस्पॉन्स दिया है उसे समझा जाता है।
3 ) आज के ट्रेडिंग सेशन सहित प्रीवियस 5 से 7 डेज के चार्ट पर सपोर्ट, रेजिस्टेंस और ट्रेंड लाइन का उपयोग किया जाता है। मूविंग एवरेज और RSI इंडिकेटर के साथ कुछ और इंडीकेटर्स का कॉम्बिनेशन करके, चार्ट पर बन रहे मूवमेंट्स को अच्छे से ट्रैक किया जाता है।
4 ) अगले दिन सुबह चल रहे सारे न्यूज़ का, इवेंट्स का फॉलोअप लिया जाता है और आज के दिन बैंक निफ़्टी के चार्ट पर क्या-क्या संभावनाएं बन रही है ? इसके बारे में नोट्स निकाले जाते हैं।
5 ) इस तरह टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर बैंक निफ़्टी के चार्ट पर आज की संभावना क्या बन रही है ? इसके बारे में प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम तैयार किया जाता है।
अब आगे बढ़ते हैं और प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम का उपयोग कैसे करना है ? यह समझ लेते है।
प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम का उपयोग कैसे करें ?
इस प्रोजेक्ट का उपयोग करने का सबसे बेहतर तरीका यह है कि, "हम सोचे कि, अब मुझे जो मालूम हुआ है वह मालूम होते हुए मैं बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग में नई शुरुआत किस तरह से करना चाहूँगा ?"
1 ) "स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस का नया इंडिकेटर : आज की संभावना।" इस आर्टिकल में उपयोग के बारे में डिटेल जानकारी उपलब्ध की है। इसे हम टेक्निकल एनालिसिस के सेक्शन में जाकर पढ़ सकते हैं।
2 ) इस प्रोजेक्ट को हम क्रॉस चेकिंग करने के लिए सेकंड ओपिनियन के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे हम सर्च बार में "Second Opinion" टाइप करके पढ़ सकते हैं।
प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम करने के फायदे
1 ) प्रॉफिट कमाने पर फोकस करना
बैंक निफ़्टी ऑप्शंस में इंट्राडे ट्रेडिंग के फियर और ग्रीड से बचकर प्रॉफिट कमाने पर फोकस बनाए रखने के लिए यह प्रोजेक्ट उपयुक्त होता है।
2 ) अतिआत्मविश्वास से दरकिनार करना
इस प्रोजेक्ट से हम रियलिटी से जुड़ते हैं। इससे ओवर कॉन्फिडेंस की मनस्थिति नहीं बनती है। यह इस प्रकार के प्रोजेक्ट का फायदा है।
3 ) रिस्क मैनेजमेंट करना
प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम करने से रिस्क मैनेजमेंट अपने आप हो जाता है। इसमें सारी रिस्क के बारे में पहले से ही नियोजन करके रखा हुआ होता है।
4 ) ओवरट्रेडिंग से बचना
बैंक निफ़्टी ऑप्शंस में इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम करके हम विशिष्ट ट्रेड ही लेते हैं इससे हम ओवरट्रेडिंग से बचते हैं। इसके बारें में विस्तार से जानने के लिए, Bank Nifty Dos and Don'ts को समज़ना चाहिए।
5 ) "प्लान बी" की तैयारी
इस प्रोजेक्ट में हम बड़ी समस्या और बाधाओं को पहले से ही नोट कर लेते हैं। इससे इंट्राडे ट्रेडिंग की पोजीशन को होल्ड कर पाना मुश्किल लग रहा हो तो उसके लिए "प्लान बी" भी तैयार किया जाता है।
अधिक जानकारी
Nifty Bank Bees क्या है ? बैंक निफ्टी में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करने का बेस्ट तरीका।
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प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम करने के नुकसान
बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग करते वक्त प्रीमोर्टेम एनालिसिस का प्रोजेक्ट बनाने के कुछ नुकसान भी होते हैं जैसे कि,
1 ) ट्रेडिंग सेशन के फर्स्ट हाफ में हमने तय किए हुए प्रॉफिट का लक्ष्य हासिल ना होने पर सेकंड हाफ में प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम पर बने रहना मुश्किल होता है। इस वजह से हमें सेकंड हाफ में और ज्यादा नुकसान होने की जोखिम होती है।
2 ) हमारे प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम के अनुसार मूवमेंट ना बनने के कारण हमारा आत्मविश्वास कम हो सकता है। इस वजह से हम पर्याप्त स्टॉप लॉस ना लगाकर कम स्टॉपलॉस में काम चलाने की कोशिश करेंगे। इस वजह से हमारे छोटे-छोटे स्टॉपलॉस हिट होकर बड़ा नुकसान होने की संभावना होती है।
3 ) कभी-कभी हमने तय किए गए रिस्क रिवार्ड रेशों से ज्यादा नुकसान होने के कारण प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम धरा का धरा ही रह जाता है। इस पर हमें गौर करना चाहिए।
4 ) हमारे प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम के अनुसार काम ना हो तो कन्फ्यूजन की परिस्थिति निर्माण होती है। इससे नो ट्रेडिंग या ओवरट्रेडिंग की जोखिम होती है।
उपयुक्त जानकारी
बैंक निफ़्टी के चार्ट पर आज क्या हो सकता है ?
हमने यह जाना
1 ) बैंक निफ़्टी ऑप्शंस में ट्रेडिंग करने के लिए प्रीमोर्टेम एनालिसिस करना यह एक प्रोजेक्ट होता है। इस प्रोजेक्ट के साथ हमारी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी होना आवश्यक है।
2 ) हमारी ऑप्शंस ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी और प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम इनमें संलग्नता बननी आवश्यक है याने कि, यह दोनों चीजें एक दूसरे के प्रति अनुकूल होना आवश्यक है।
3 ) हमने यह जाना कि स्टॉक मार्केट में वोलैटिलिटी बढ़ने के कारण बैंक निफ्टी में जोरदार मूवमेंट होते हैं। इसमें प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम पथप्रदर्शक याने कि गाइड की तरह उपयुक्त होता है।
हमने, "बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग का प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम कैसे बनाएं ?" यह जाना। प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम हमें बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग में हो सकने वाले नुकसान के बारे में पहले ही आगाह कर देता है। इससे हम हो सकने वाले नुकसान से बचने के लिए तैयारी कर सकते हैं। इससे प्रॉफिट कमाने की संभावना बढ़ जाती है।
बैंक निफ्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग के प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम के FAQ's
1 ) बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग में प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम क्यों करना चाहिए ?
बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग में नुकसान होने की संभावना को कम करने के लिए प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम करना चाहिए।
2 ) प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम से क्या पता चलता है ?
प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम से बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग में हो सकने वाले ट्विस्ट और टर्न के बारे में पता चलता है। इससे हम बेहतर नियोजन कर पाते हैं।
3 ) बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग का प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम और ट्रेडिंग स्ट्रेटजी में क्या फर्क होता है ?
प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम में आगे हो सकने वाले संभावनाओं को समझा जाता है। ट्रेडिंग स्ट्रेटजी में बाइंग और सेलिंग की रणनीति बनाई जाती है।
4 ) बैंक निफ्टी ऑप्शंस इंट्राडे ट्रेडिंग के प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम के लिए कितने दिनों का चार्ट लेना चाहिए ?
बैंक निफ्टी ऑप्शंस इंट्राडे ट्रेडिंग के प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम के लिए पिछले 5 से 7 ट्रेडिंग सेशन्स का चार्ट लेना चाहिए।
5 ) क्या बैंक निफ़्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग का प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम करने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस करना आवश्यक है ?
जी हाँ, फंडामेंटल एनालिसिस, न्यूज़ और इवेंट्स को ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट प्रीमोर्टेम करना चाहिए।
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