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ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को Back Testing कैसे करें ? और Live Testing कैसे करें ?

दोस्तों, स्टॉक मार्केट में काम करने के अपने स्ट्रेटेजी को परखना जरुरी होता हैं। इससे स्ट्रेटेजी की स्ट्रेंथ और कमजोरियों का पता लगता हैं। इसीलिए आज हम यहाँ पर मिलकर, स्टॉक मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को Back Testing कैसे करें ? और Live Testing कैसे करें ? यह समज़ने की कोशिश करते हैं। 

Stock Market Strategy back Testing in Hindi.
Stock Market Strategy back Testing and Live Testing.


स्ट्रेटेजी टेस्टिंग के जरिए स्टॉक मार्केट में काम करने तरीके को और ज्यादा बेहतर बना सकते हैं। इससे नुकसान होने की संभावनाओं से बचकर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हासिल कर सकते है। 

     

    स्टॉक मार्केट में स्ट्रेटेजी का मतलब

    स्टॉक मार्केट में मुनाफे के फाइनल रिजल्ट को प्राप्त करने के लिए और संभावित नुकसान से बचने के लिए, बनाई गई कार्यपद्धती को स्टॉक मार्केट स्ट्रेटेजी कहते। 

                स्टॉक मार्केट में चाहे हम इन्वेस्टमेंट करते हो या ट्रेडिंग करते हो। ऐसा करने के लिए हमारे पास प्लान होना आवश्यक होता है, रणनीति होना आवश्यक होता है इसे ही स्ट्रेटेजी कहते हैं। 

                स्टॉक मार्केट में बैंकिंग स्टॉक्स को पोर्टफोलियो में रखकर उनमे इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें ? Banking Stocks Churning को समझकर हम बेहतर स्ट्रैटेजी बना सकते हैं। 

    विशेष जानकारी

    स्टॉक मार्केट में कॉल और पुट ऑप्शंस इंट्राडे ट्रेडिंग में सेकंड ओपिनियन कैसे लें ?


    स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी

    स्टॉक मार्केट में लंबी अवधि के लिए पैसा निवेश करके "कंपाउंडिंग ग्रोथ" के जरिए वेल्थ क्रिएशन करने की योजना को, रणनीति को स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी कहते हैं। 

    स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी

    स्टॉक मार्केट में कई प्रकार की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजीज का इस्तेमाल किया जाता हैं। जैसे कि स्विंग ट्रेडिंग, पोजीशनल ट्रेडिंग, इंट्राडे ट्रेडिंग। ठीक है ? ऐसी स्ट्रेटेजीज कम अवधि में या 1 दिन के ट्रेडिंग सेशन में मुनाफा कमाने के लिए बनाई जाती है। इसमें से "एक दिन के दरमियां होने वाले उतार-चढ़ाव का एडवांटेज" लेकर स्टॉक मार्केट में, मुनाफा कमाने की योजना को इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी कहते हैं। 

    स्टॉक मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी

    स्टॉक मार्केट डेरिवेटिव्स के ऑप्शंस में, "एक्सपायरी डेट" तक के कालावधि में कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन में, लॉन्ग या शार्ट या दोनों को मिक्स करके मुनाफा कमाने के लिए बनाई गई योजना को स्टॉक मार्केट ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी कहते हैं। 

    ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का उदाहरण

    यहां पर हम आसान ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी को उदाहरण के लिए लेते हैं। स्ट्रेटजी का नाम है सिंपल मूविंग एवरेज क्रॉसओवर स्ट्रेटजी। स्ट्रेटजी के प्रमुख घटक 1 ) 20 डेज सिंपल मूविंग एवरेज और 2 ) 50 डेज सिंपल मूविंग एवरेज। अब इस स्ट्रेटजी को हम बैंक निफ़्टी के चार्ट पर अप्लाई करते हैं। 

    Stock Market Technical Chart In Hindi.
    Image 1 Bank Nifty Chart with Moving Average Lines.


    इमेज 1 में, बैंक निफ़्टी का 15 मिनट का चार्ट लिया है। चार्ट पर मूविंग एवरेज लाइन्स को सेट किया है। 

    1 ) जब बैंक निफ़्टी के चार्ट पर 20 डेज सिंपल मूविंग एवरेज की लाइन, 50 डेज सिंपल मूविंग एवरेज लाइन को नीचे से ऊपर की तरफ क्रॉसओवर करती है तब हम बैंक निफ़्टी के कॉल ऑप्शन का ट्रेड लेंगे। जब ऊपर से नीचे की तरफ क्रॉसओवर करती है तब ट्रेड से एग्जिट करेंगे। 

    2 ) जब बैंक निफ़्टी के चार्ट पर 20 डेज सिंपल मूविंग एवरेज की लाइन, 50 डेज सिंपल मूविंग एवरेज लाइन को ऊपर से नीचे की तरफ क्रॉसओवर करती है तो बैंक निफ़्टी के पुट ऑप्शन का ट्रेड लेंगे। जब नीचे से ऊपर की तरफ क्रॉसओवर करती है तब ट्रेड से एग्जिट करेंगे। 

    विशेष बात

    1 ) स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी टेक्निकल एनालिसिस के मुकाबले फंडामेंटल एनालिसिस पर ज्यादा निर्भर होती है। 

    2 ) इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी फंडामेंटल एनालिसिस के मुकाबले टेक्निकल एनालिसिस पर ज्यादा निर्भर होती है। 

    3 ) स्टॉक मार्केट ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के लिए इन दोनों प्रकार का एनालिसिस आवश्यक होता है। 


    स्ट्रेटेजी टेस्टिंग क्या होता हैं ?

                किसी भी प्रकार की योजना को, रणनीति को प्रत्यक्ष आजमाने से पहले उसकी उपयोगिता को जांचने के लिए टेस्टिंग की जाती है। स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट्स की माने तो स्ट्रेटेजी की टेस्टिंग यह लगातार चलने वाली प्रक्रिया हैं। 


    ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को Back Testing कैसे करें ?

    स्ट्रेटेजी को बैक टेस्टिंग यह एक प्रक्रिया है जिसके तहत हम अपनी अभी की स्ट्रैटेजी हिस्टोरिकल चार्ट पर लगाकर देखते हैं कि, इससे हमें प्रॉफिट हो सकता है या नहीं। स्ट्रेटेजी कितनी प्रॉफिटेबल है, स्ट्रेटजी में क्या-क्या कमियां हैं यह सब जानने के लिए स्ट्रेटेजी को बैक टेस्टिंग करते हैं। 

                स्ट्रेटेजी को बैक टेस्टिंग करने के लिए इंटरनेट पर कई सारे फ्री प्लेटफार्म अवेलेबल है। जैसे कि स्टॉक मॉक, और ट्रेडिंगव्यू। इनके जरिए हम अपनी स्ट्रैटेजी को पिछले 5 सालों के, 10 सालों के चार्ट पर भी अप्लाई करके देख सकते हैं। अब हम आगे बढ़कर स्टॉक मार्केट में स्ट्रेटेजी को टेस्टिंग करने के सबसे नए तरीके पर गौर करेंगे। 


    ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को Live Testing कैसे करें ?

    ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को लाइव टेस्टिंग कैसे करें ? जवाब में कहते हैं कि, इसके दो तरीके हैं। 

    पेपर ट्रेडिंग

    इस प्रकार में स्टॉक मार्केट में लाइव ट्रेडिंग सेशन में अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को इंप्लीमेंट करके पेपर पर ट्रेडिंग करते हैं। इसके जो रिजल्ट बन रहे हैं उन्हें नोट करते हैं। इस तरह से हम आसानी से अपनी स्ट्रेटेजी को लाइव टेस्टिंग कर सकते हैं। 

                जाहिर-सी बात है कि, ऐसा करने के लिए हमें संयम याने कि पेशंस की आवश्यकता होती है। बिना पेशंस के हम पेपर ट्रेडिंग के जरिए लाइव टेस्टिंग की प्रक्रिया को पर्याप्त रिजल्ट आने तक नहीं कर पाते हैं। इसलिए पेशेंस रखकर पेपर ट्रेडिंग करना चाहिए। 


    बैंक निफ़्टी ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को Live Testing कैसे करें ?

    1 ) अपनी बैंक निफ़्टी ऑप्शन ट्रेडिंग की स्ट्रेटेजी बनाएं। 

    2 ) अपनी स्ट्रेटेजी को स्टॉक मॉक या ट्रेडिंगव्यू पर जाकर फ्री में बैक टेस्टिंग कराएं। 

    3 ) अपनी स्ट्रेटेजी के बैक टेस्टिंग में बढ़िया रिजल्ट आने पर स्ट्रेटजी को पेपर ट्रेडिंग के जरिए लाइव ट्रेडिंग सेशन में प्रैक्टिस करें। 

    4 ) प्रैक्टिस के दौरान जहां पर आवश्यक हो वहां पर बदलाव करके स्ट्रेटेजी में सुधार करें। 


    उपयुक्त जानकारी

    Nifty 200 के साथ इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें ?

    Stock Market Churning in Hindi.

    इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करते हैं 4 प्रमुख तरीके।


    स्ट्रेटेजी लाइव टेस्टिंग कब करें ?

    बैक टेस्टिंग में स्ट्रेटेजी को पिछले डाटा पर इम्प्लीमेंट किया जाता हैं। और रिजल्ट्स को देखकर अपनी स्ट्रेटेजी कितनी एफेक्टिव है यह समझा जाता हैं। बढ़िया रिजल्ट नहीं आते हैं तो इसमें सुधार करनी चाहिए। बढ़िया रिजल्ट्स आते हैं तो इसे स्टॉक मार्केट में लाइव टेस्ट करना चाहिए। लाइव टेस्टिंग में पास होने के बाद इसको रियल मनी के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। 

                खास बात यह है कि, टेस्टिंग करने के लिए स्ट्रेटेजी का होना जरुरी होता हैं। Nifty 200 के साथ इंट्राडे ट्रेडिंग की जानकारी पढ़कर स्ट्रेटेजी क्या होती हैं ? यह समज़ने में मदद हो सकती हैं। इसे हम उपयुक्त जानकारी से पढ़ सकते है। 


    स्ट्रेटेजी लाइव टेस्टिंग के फायदें

    1 ) हमारा ऐसा मानना है कि, स्ट्रेटेजी के बैक टेस्टिंग से हमारे मन में उम्मीद की किरण जागती है। और इसे लाइव टेस्टिंग करने पर हमारे मन में भरोसा उत्पन्न होता है। 

    2 ) लाइव टेस्टिंग के जरिए हम अपने ट्रेडिंग टार्गेट और स्टॉपलॉस को रिसेट करके रिस्क रिवार्ड रेशों को बेहतर स्थिति में ला सकते हैं। 

    3 ) कंसोलिडेशन होने के कारण बन रहे नो ट्रेड जोन को पहचानने में लाइव टेस्टिंग हेल्पफुल साबित होता है। ऐसी कंडीशन में ट्रेड करने से बचकर हमारा ट्रेडिंग परफॉर्मेंस बेहतर होता है। 

    4 ) लाइव टेस्टिंग के जरिए हम अपने स्ट्रेटेजी की पड़ताल यानी के क्रॉस चेकिंग करते हैं। इससे हम अपने ट्रेडिंग आईडियाज में आवश्यक सुधार कर सकते हैं। 


    स्ट्रेटेजी लाइव टेस्टिंग के नुकसान

    अब हम यहां पर लाइव टेस्टिंग करने से हो सकने वाले नुकसान के बारे में जानकारी लेते हैं। 

    1 ) हमारा ऐसा मानना है कि, लाइव टेस्टिंग में दी गई जानकारी के अनुसार ट्रेडिंग सेशन में मूवमेंट्स बिलकुल भी ना बन पा रहे हो तो हमारे मन में कन्फ्यूजन की स्थिति निर्माण हो सकती है। 

    2 ) लाइव टेस्टिंग के लिए उपलब्ध जानकारी और हमारी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के अनुसार बनी ट्रेडिंग आईडियाज मैच नहीं करने पर अगर हम ट्रेड लेना डाल देते हैं और ठीक वैसा ही मूवमेंट बनता है तो ट्रेड मिस हो सकता है याने कि, हमारे हाथ से अवसर छूट सकता है। 

                ऐसे अवसरों पर हम पेपर ट्रेडिंग के जरिए प्रैक्टिस तो कर ही सकते हैं। 

    3 ) लाइव टेस्टिंग की जानकारी और हमारी ट्रेडिंग आइडियाज मैच करने पर हम रियल मनी के साथ ट्रेड लेते हैं। ऐसे में बैंक निफ़्टी के चार्ट पर बड़ा ब्रेकडाउन या ब्रेकआउट होने से हमारा स्टॉपलॉस हिट हो सकता है। 

                इससे भी हमारा नुकसान हो सकता है। (लेकिन स्टॉपलॉस हिट होने पर ट्रेड क्लोज करने से ज्यादा लॉस होने से बचा जा सकता है। इसलिए स्टॉपलॉस हिट होना भी अच्छा होता है।)

    दोस्तों, हम सभी जानते हैं कि, स्टॉक मार्केट के कारोबार पर दुनिया भर के कई सारे इवेंट्स का असर होता है। इससे स्टॉक मार्केट प्रभावित होता है।  इसके साथ ही गोल्ड, फॉरेक्स और दूसरे देशों के स्टॉक मार्केट की एक्टिविटीज का भी हमारे स्टॉक मार्केट पर प्रभाव पड़ता है। 

                इस वजह से हम चाहे कितनी भी तैयारियां करें, स्ट्रेटेजी बनाकर बैक टेस्टिंग करें, लाइव टेस्टिंग करें। फिर भी कभी-कभी नुकसान होने की संभावना तो होती ही है। इसके लिए हमारे पास एक आसान उपाय है कि, हम अपने हर एक ट्रेड को स्टॉपलॉस जरूर लगाएं।


    स्ट्रेटेजी टेस्टिंग के बारे में हमने यह जाना

    स्टॉक मार्केट निवेश और ट्रेडिंग करने में रिस्क होती है। जब हम अपना रियल मनी स्टॉक मार्केट में लगाते हैं और शेयर के भाव ऊपर जाने लगे तो हमें खुशी मिलती है। लेकिन दोस्तों, जब शेयर के भाव नीचे जाने लगते हैं तब हमारा नुकसान होता है। 

                इस सच्चाई को हम ठुकरा नहीं सकते हैं, झुठला नहीं सकते हैं और टाल भी नहीं सकते हैं। स्टॉक मार्केट में काम करना है तो ऐसी परिस्थितियों में से गुजारना लाजमी है। इसीलिए हम स्टॉक मार्केट में फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस करते हैं। ताकि लॉस की संभावनाएं कम हो और प्रॉफिट ज्यादा से ज्यादा मिले। 

                इसलिए हम अपनी रणनीति बनाते हैं। जिसे की स्टॉक मार्केट स्ट्रेटेजी कहते हैं। स्ट्रेटजी को रियल मनी के साथ यूज करने से पहले इसे हिस्टोरिकल चार्ट पर "बैक टेस्टिंग करना" जरूरी होता है। इससे स्ट्रेटेजी की कमियां और उपलब्धियां पता लगा सकते हैं। 

                हमने यहाँ पर, "स्टॉक मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को Back Testing कैसे करें ? और Live Testing कैसे करें ?" यह समझा। इसके साथ ही हम लाइव ट्रेडिंग सेशन में पेपर ट्रेडिंग के जरिए अपनी स्ट्रेटेजी को लाइव टेस्ट कर सकते हैं। हम बैंक निफ़्टी ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो आज की संभावना इंडिकेटर का उपयोग करके स्ट्रेटेजी को "लाइव टेस्टिंग" कर सकते हैं। हमने यहाँ पर इसके बारे में जानकारी ली है। हमें विश्वास है कि, बैंक निफ़्टी ऑप्शन ट्रेडिंग में आज की संभावना इंडिकेटर का सेकंड ओपिनियन लाइव टेस्टिंग में हेल्पफुल साबित होता है। 

    विशेष जानकारी

    Stock Market में ट्रेडिंग पोजीशन को कैसे बनाए रखे ?

    इंट्राडे शॉर्ट सेलिंग


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