Ads Header

स्टॉक मार्केट व्यापार : एक नया संशोधन, एक नया तरीका।

दोस्तों, आज हम यहां पर मिलकर, "स्टॉक मार्केट व्यापार : एक नया संशोधन, एक नए तरीके की आवश्यकता" के बारें में हिंदी में जानेंगे। इसमें, स्टॉक मार्केट में कारोबार करने की परंपरागत तकनीक के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही इस परंपरागत तकनीक के, हम भुगत रहे नुकसान के बारे में भी जानकारी अवगत करेंगे। और स्टॉक मार्केट कारोबार में, व्यापार में हो रही इन दिक़्क़तों के समाधान के लिए एक नया तरीका, एक नए सोल्यूशन की आवश्यकता क्यों है यह भी जानेंगे। तो आइए शुरू करते हैं। 

            अगर मैं गलत नहीं हूँ तो, हर कोई बेहतर जिंदगी चाहता है। और कोई भी संदेह-जनक परिस्थिति में रहना नहीं चाहता है। सही हैं ? अब हमारे स्टॉक मार्केट की बात करते हैं। "स्टॉक मार्केट में रिसेंटली ऐसा कौन-सा संशोधन सामने आया है जिससे ट्रेडर्स को संदेह-जनक परिस्थिति से, कन्फ्यूजन से बाहर निकाल सकता है ?" हर एक क्षेत्र में लगातार संशोधन हो रहे हैं। लेकिन क्या स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए कोई संशोधन सामने आया है ? 

Stock Market Trading in Hindi.
Stock Market Trading in Hindi.


क्या हम मिलकर कुछ नया संशोधन कर सकते हैं ? नई तकनीक का अविष्कार कर सकते हैं ? जिसके इस्तेमाल से स्टॉक मार्केट में कारोबार करने में आसानी होगी ? आइए पता लगाते हैं।

     

    स्टॉक मार्केट और नया संशोधन

    दोस्तों, दुनिया भर में हर रोज नए-नए संशोधन किए जा रहे हैं। नई-नई तकनीक और तरीके खोजे जा रहे हैं। इससे हमारे जीवन में सुधार होता है। यह प्रक्रिया सालों से चलती आ रही है। 

                कई सारे सेक्टर्स में रिसर्च और डेवलपमेंट हो रहे हैं। आप चाहें किसी भी इंडस्ट्री को देखें। वहां पर नई तकनीक, विकास, नए संशोधन का बोलबाला चल रहा है। बड़ी-बड़ी संस्थांए "रिसर्च एंड डेवलपमेंट" डिपार्टमेंट होल्ड करती है। हर साल अपने प्रोडक्ट्स ओर सर्विसेज को और भी ज्यादा बेहतर बनाने के लिए लगातार खर्चा करती रहती है। 

    विशेष जानकारी

    Option Chain Strike Price को कैसे समझे ?

    Stock Market के सन्दर्भ में लिक्विडिटी का अर्थ क्या होता है ?

    Option Chain के Volume को कैसे समझे ?


    परंपरागत तकनीक

    स्टॉक मार्केट में कारोबार करने के परंपरागत तकनीक में चार्ट पर टेक्निकल एनालिसिस इंडिकेटर का उपयोग करना शामिल है। यह  इंडिकेटर्स शेयर के चार्ट पर बन रहे ट्रेंड को दर्शाते हैं। 

                इसमें हम अपने मोबाइल या कंप्यूटर का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर चार्ट्स देखते हैं। चार्ट के अलग-अलग टाइम फ्रेम में अलग-अलग इंडिकेटर लगाकर ट्रेडिंग आइडियाज निकालते हैं। इनका इस्तेमाल करके टार्गेट और स्टॉप लॉस तय करके इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं। यह तो हम सभी जानते हैं। सभी को इस प्रकार के ट्रेडिंग का अनुभव है।

    परंपरागत तकनीक के फायदें

    इस प्रकार ट्रेडिंग करने का फायदा यह है कि, इसमें फंडामेंटल एनालिसिस का कम स्टडी करेंगे तो अभी चलता है। ज्यादातर ट्रेडर्स जोकि फंडामेंटल एनालिसिस करने में बिल्कुल भी रूचि नहीं रखते हैं वह टेक्निकल एनालिसिस इंडिकेटर्स को इस्तेमाल करके स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं। इस तकनीक में स्टॉप लॉस कम से कम रखा जा सकता है। 

    परंपरागत तकनीक के नुकसान

    परंपरागत तकनीक के अनुसार, स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करते वक्त लगाया गया स्टॉप लॉस कई बार हिट होता है। या फिर कंसोलिडेशन होने के कारण कम प्रॉफिट या लॉस बुक करके हम ट्रेड क्लोज करते हैं। और हमारा बड़ा टार्गेट हिट होकर बड़ा मुनाफा बस कभी-कभी ही मिलता है। 

                "परंपरागत तकनीक के अनुसार इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए हम स्टॉक मार्केट की कंफर्म इंफॉर्मेशन हासिल नहीं कर पाते हैं।" स्टॉक मार्केट में आगे क्या हो सकता है इसका सही अंदाजा नहीं लगा सकते हैं। और हमारे द्वारा तय किए गए ट्रेडिंग आईडियाज को हम किसी सोल्यूशन के आधार पर क्रॉस चेकिंग नहीं कर सकते हैं। 

                इन्हीं बातों को ध्यान में लेते हुए यह महसूस होता है की, स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए एक नए सोल्यूशन की आवश्यकता है। 


    स्टॉक मार्केट में नए संशोधन की आवश्यकता

    जिस तरह से बड़ी-बड़ी संस्थांए अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेस को लगातार बेहतर बनाने में लगी हुई है। उसी प्रकार एनएसई, बीएसई और सेबी भी स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स के हितों की रक्षा करने की के लिए प्रतिबब्ध रहते हैं। 

                "एनएसई अकादमी" स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस, फंडामेंटल एनालिसिस, इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग स्ट्रैटेजिस के संदर्भ में कई सारे कोर्सेज उपलब्ध कराती है। इससे रिटेल इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स को विशेष जानकारी मिलती है।  

                आप जानते ही है कि, फुटबॉल पूरी दुनिया में सबसे लोकप्रिय खेल है। इसमें खेलने वाले दोनों टीम्स को कभी-कभी विशेष सहूलियत की तौर पर एंट्री डालने का मौका मिलता रहता है। यह उस खेल के नियमों के अनुसार ही होता है। 

                लेकिन किसी गलत या फेक न्यूज़ की वजह से स्टॉक मार्केट बहुत ही ज्यादा गिर जाता है यह बढ़ जाता है। ऐसे में जिन ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स को नुकसान हुआ है, उनको सही फायदा या पोजीशन बनाने का विशेष अवसर उपलब्ध नहीं है। 

                "स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करते वक्त हमें अपनी स्ट्रेटजी को क्रॉस चेकिंग करने के लिए कोई कंफर्म इंफॉर्मेशन अभी के वक्त में स्टॉक मार्केट में मौजूद नहीं है।" इसलिए स्टॉक मार्केट व्यापार में, कारोबार में एक नए सोल्यूशन की आवश्यकता है। एक ऐसा सोल्यूशन जिसको हम अपनी स्ट्रेटेजी को बेहतर बनाने के लिए और इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए इस्तेमाल कर सकें। 


    रिटेल इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स का सहभाग

    हम सभी अक्सर सुना करते है कि, बड़े-बड़े हेज फंड स्टॉक मार्केट को प्रभावित करते हैं। इंडियन स्टॉक मार्केट में एफआईआई और डीआईआई का बोलबाला रहता है। यह बड़े-बड़े इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स, स्टॉक मार्केट में करोड़ों रुपया लगाते हैं और करोड़ों में कमाते भी है। 

                ऐसा करने के लिए वह बहुत ही अपडेटेड इंफॉर्मेशन का इस्तेमाल करते हैं। इनके पास संसाधन उपलब्ध होते हैं। इस वजह से वह एल्गो ट्रेडिंग, एआई बेस्ड ट्रेडिंग, रोबोट ट्रेडिंग ऐसी नई-नई तकनीक और तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से, "इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स यह हमेशा रिटेल इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स से आगे रहते हैं।"

                लेकिन रिटेल ट्रेडर्स जोकि, स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करके पैसा कमाने की चाहत रखते हैं। इसके लिए दिन-रात स्टॉक मार्केट का स्टडी करने में लगे हुए हैं। क्या उनके बेहतर परफॉर्मेंस के लिए कोई संशोधन सामने आया है ? जब कि हम सभी रिटेल ट्रेडर्स, 1990 के दशक के पुराने इंडीकेटर्स की सेटिंग बदल-बदल कर अपने लिए ट्रेडिंग की रणनीति बनाते हैं। 


    स्टॉक मार्केट इंडीकेटर्स बनाम टेक्निकल इंडीकेटर्स

    विशेष ध्यान देने वाली बात यह है कि, स्टॉक मार्केट में इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स स्टॉक मार्केट इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करते हैं और रिटेल इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस के इंडीकेटर्स का इस्तेमाल करते हैं। बहुत ही कम रिटेल इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स स्टॉक मार्केट इंडीकेटर्स का इस्तेमाल करते हैं। 

                स्टॉक मार्केट इंडिकेटर्स और स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस के इंडिकेटर्स में यह फर्क होता है कि, स्टॉक मार्केट इंडिकेटर्स का फाइनेंशियल डाटा के अनुसार स्वतंत्र ग्राफ होता है। स्टॉक मार्केट में चल रही एक्टिविटी के अनुसार अपडेटेड डाटा इस्तेमाल करके यह ग्राफ बनाया जाता है। इनके द्वारा निकाले गए ट्रेडिंग सिग्नल्स ज्यादातर बार सही साबित होते हैं। 

                स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस इंडीकेटर्स चार्ट पर या चार्ट के नीचे दिखाई देते हैं। इनको, शेयर की कीमत और प्री-डिफाइन्ड फार्मूले के आधार पर बनाया जाता हैं। इस वजह से इनसे निकलने वाले कई सारे ट्रेडिंग सिग्नल्स गलत साबित होते हैं। सही है ? इस वजह से बड़े-बड़े इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स, ट्रेडर्स यह रिटेल इन्वेस्टर्स, ट्रेडर्स से ज्यादा बार और ज्यादा मुनाफा कमाने में कामयाब होते हैं। 


    उपयुक्त जानकारी

    ऑप्शन ट्रेडिंग में टाइम डीके पर सोल्युशन क्या है ?

    सक्सेसफुल ऑप्शन ट्रेडर कैसे बने ?

    स्टॉक मार्केट में प्रॉफिटेबल ट्रेड की पहचान कैसे करे ?


    हमने यह जाना

    हमने यहां पर मिलकर जाना कि, स्टॉक मार्केट में परंपरागत तकनीक के आधार पर इंट्राडे ट्रेडिंग करने में ज्यादा जोखिम होती है। इस प्रकार से ट्रेडिंग करने के लिए हमारे पास कोई कंफर्म इंफॉर्मेशन नहीं होती है। 

                इस वजह से स्टॉक मार्केट में आगे बन सकने वाली संभावनाओं को हम सही से समझ नहीं पाते हैं। कई सारे ट्रेड्स में लॉस होने के कारण हमें टोटल में लॉस होता है। इसलिए हमें इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए एक बेहतर सोल्यूशन की आवश्यकता है।


    Post a Comment

    0 Comments