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Stock Market में स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे ? स्विंग ट्रेडिंग करने का तरीका।

दोस्तों, आज हम यहां पर मिलकर, "स्टॉक मार्केट में स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें ?" यह पता लगाने की कोशिश करेंगे। स्विंग ट्रेडिंग की जानकारी हिंदी में समझेंगे। स्विंग ट्रेडिंग करके स्टॉक मार्केट से पैसे कैसे कमाए ? स्विंग ट्रेडिंग का टार्गेट कितना होना चाहिए ? और स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉप लॉस कितना लगाना चाहिए ? यह जानकर, "Swing Trading करने का तरीका" भी जानेंगे। तो आइए शुरू करते हैं। 

STOCK MARKET SWING TRADING IN HINDI.
Stock Market Swing Trading In Hindi.


स्टॉक मार्केट में, हम कई प्रकार से ट्रेडिंग कर सकते हैं। इसमें "स्विंग ट्रेडिंग एक बेहतर तरीका" है। इसके लिए स्टॉक्स का चयन करना महत्वपूर्ण होता है। निफ़्टी 200 के साथ इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करे ? इस ट्रिक का इस्तेमाल करके हम स्विंग ट्रेडिंग के लिए भी स्टॉक का चयन कर सकते हैं।

     

    स्विंग ट्रेडिंग क्या है ?

    "स्विंग का मतलब हिंदी में झूला होता हैं।" ट्रेडिंग का मतलब हिंदी में व्यापार होता हैं। स्टॉक मार्केट के सन्दर्भ में दोनों शब्दों को एकसाथ पढ़ने से, "स्विंग ट्रेडिंग याने की झूला ट्रेडिंग" यह संकल्पना बनती है। 

                स्टॉक मार्केट में शेयर की कीमत ऊपर निचे होती रहती है जैसे की झूला झूलता है। यह बात हम सभी को मालूम है। इसके आगे मालूम करने वाली बात यह है कि, शेयर की कीमत का झूला, निचे से ऊपर की तरफ झूलना शुरू होते ही उस झूले मे याने कि, ट्रेड में इंटर करना होता है। और शेयर की कीमत का झूला, ऊपर से निचे की तरफ झूलना शुरू होते ही ट्रेड से एग्जिट करना होता है। 

    1 ) कालावधि के अनुसार डेफिनेशन

    स्टॉक मार्केट में, "2 दिनों से लेकर 1 महीने तक" के कालावधी के लिए ट्रेडिंग करने के प्रकार को स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। 

    2 ) रिस्क रिवार्ड रेश्यो के अनुसार डेफिनेशन

    स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के जिस प्रकार में, "2% से 4% तक के रिस्क के मुकाबले 8% से 10% तक के रिवार्ड" हासिल करने के लिए ट्रेडिंग की जाती है। उस ट्रेडिंग प्रकार को स्विंग ट्रेडिंग कहते है। 

    3 ) टेक्निकल एनालिसिस के अनुसार डेफिनेशन

    स्विंग ट्रेडिंग में, "चार्ट के मल्टीपल टाइम फ्रेम पर अपने आप को दोहराने वाले चार्ट पैटर्न" को अच्छे से समझा जाता है। सपोर्ट और रेजिस्टेंस को सेट करके, अगले कम से कम 5 दिनों में बन सकने वाले स्विंग को समझकर ट्रेड में एंटर किया जाता है। और मुनाफे की पोजीशन को ट्रेलिंग स्टॉप लॉस लगाकर एक महीने तक होल्ड किया जाता है।  

    4 ) फंडामेंटल एनालिसिस के अनुसार डेफिनेशन

    फंडामेंटल एनालिसिस के अनुसार की जाने वाली स्विंग ट्रेडिंग को न्यूज़ बेस्ड स्विंग ट्रेडिंग भी कहा जाता है। इस तरह से ट्रेडिंग करने के लिए अगले महीने तक, "जिन शेयर्स में फिक्स न्यूज़ है उनको शॉर्टलिस्ट किया जाता है।" उनमें से कुछ शेयर्स चुनकर, एवरेज बायिंग करते हुए खरीददारी की जाती है और न्यूज़ के दिन प्रॉफिट बुकिंग किया जाता है। 


    विशेष बात

    1 ) यहां पर स्विंग ट्रेडिंग की डेफिनेशन 4 प्रकार से की है। स्विंग ट्रेडिंग करते वक्त इन चारों डेफिनेशन्स को एकसाथ फॉलो करना चाहिए। इसके बाहर जाने से स्विंग ट्रेडिंग का ढांचा खराब हो सकता है। 

    2 ) स्विंग ट्रेडिंग के प्रॉफिट मेकिंग ट्रेड्स के साथ हम स्टॉक मार्केट चर्निंग भी कर सकते है। इसके बारे में हम यहीं से दूसरे पेज पर जाकर पढ़ सकते है। तो चलिए आगे बढ़ते है। 

    3 ) हम सभी को मालूम है कि, स्टॉक मार्केट में बहुत पैसा है। लेकिन इसमें लॉस होने की रिस्क भी होती है। इसलिए हमेशा वही पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए जो हमारे पास अतिरिक्त है। ऐसा करने से लॉस होने पर भी हम विचलित नहीं होंगे। 


    स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे ?

    यहाँ पर, "स्विंग ट्रेडिंग करने के तरीके के बारे में जानकारी" लेते है। 

    Stock Market Swing Trading In Hindi.
    Swing Trading with Bandhan Bank 2 Hour Chart.


    1 ) यहां पर बंधन बैंक का 2 अवर का कैंडल स्टिक चार्ट लिया है। 

    2 ) चार्ट पर बंधन बैंक ने, Rs. 249 के लेवल पर लो लगाया हुआ हम देख सकते हैं। यहां से तेजी का ट्रेंड होना शुरू हुआ। Rs. 280 के लेवल पर एक रेजिस्टेंस बनाकर चार्ट नीचे Rs. 260 के लेवल पर आया। 

    3 ) इस लेवल से फिर से तेजी की शुरुआत हुई। बंधन बैंक के चार्ट ने Rs. 280 का रेजिस्टेंस लेवल ब्रेक किया और Rs. 303 का टॉप लगाया। 

    4 ) यह टॉप लगाने के बाद चार्ट, सपोर्ट लेने के लिए Rs. 280 के लेवल पर आया। अपने पिछले Rs. 280 के रेजिस्टेंस लेवल के उपर सपोर्ट कंफर्म करके बंधन बैंक में तेजी बनने लगी। 

    5 ) ऐसे में हम 22-03-2022 को, Rs. 288 के लेवल पर बंधन बैंक के शेयर में स्विंग ट्रेडिंग के लिए एंटर किया होता तो हमारा 3 % स्टॉप लॉस Rs. 279.40 का बनता। यह कन्फर्म सपोर्ट लेवल के निचे का स्टॉप लॉस हैं। 

    6 ) यहां से बंधन बैंक के शेयर में बढ़िया तेजी बनी। 22-04-2022 को, शेयर की प्राइस 336 हो गई है। यह हम चार्ट पर देख सकते है। 

    7 ) स्विंग ट्रेडिंग में हम अपना ट्रेड कभी-भी क्लोज कर सकते है। ऐसे में हमने महीने के अंदर ही, Rs. 320 के लेवल पर अपना ट्रेड क्लोज किया होता तो भी हमें 10 % का मुनाफा हुआ होता। 

    स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए हम टेक्निकल एनालिसिस के कई सारे इंडिकेटर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए हमने यहां पर सिर्फ सपोर्ट, रेजिस्टेंस और ट्रेंडलाइन का इस्तेमाल किया है। 


    स्विंग ट्रेडिंग के फायदें

    1 ) अगर हमारे पास बैंक खाते में अतिरिक्त पैसा उपलब्ध है और हमें स्टॉक मार्केट के बारे में पर्याप्त जानकारी हैं तो "स्टॉक मार्केट से साइड इनकम जनरेट करने के लिए स्विंग ट्रेडिंग" से बेहतर और कोई ट्रेडिंग का प्रकार नहीं है। 

                स्विंग ट्रेडिंग के लिए हमें दिनभर स्टॉक मार्केट में हाजिर रहने की आवश्यकता नहीं होती है। इस प्रकार में ट्रेड लेने के बाद प्रीवियस डे लो के नीचे का स्टॉप लॉस लगाकर हम अपना रेगुलर जॉब कंटिन्यू कर सकते हैं। 

    2 ) इंट्राडे ट्रेडिंग में हमें चाहे लॉस हो या प्रॉफिट, लिए गए ट्रेड को उसी ट्रेडिंग सेशन में क्लोज करना होता है। 

                कई बार आपने भी यह अनुभव किया होगा कि, हमारे ट्रेड क्लोज करने के बाद, उस स्टॉक में उसी तरफ का बड़ा मूवमेंट होता है। लेकिन बने रहने के लिए पर्याप्त समय ना होने के कारण हमें इंट्राडे ट्रेडिंग की पोजीशन क्लोज करनी पड़ती है। 

                "स्विंग ट्रेडिंग में हम पोजीशन को कई दिनों तक होल्ड कर सकते हैं। इसलिए अगर किसी पोजीशन में लॉस हो रहा है लेकिन स्टॉप लॉस हिट नहीं हुआ है तो उस ट्रेड को वापिस ट्रेंड में आने तक हम इंतजार कर सकते हैं। यह स्विंग ट्रेडिंग करने का सबसे बड़ा फायदा है।"

    3 ) बीटीएसटी ट्रेडिंग 2 दिनों के लिए की जाती है। सही कीमत पर, सही समय पर ट्रेड में एंटर करने के बावजूद भी 2 दिनों के बाद भी चल रहे मूवमेंट का फायदा हम नहीं ले सकते हैं। 

                स्विंग ट्रेडिंग 2 दिनों से अधिक समय के लिए की जाती है। इसलिए हम उस एक ट्रेड में बने रहकर उस पूरे मूवमेंट का फायदा ले सकते हैं। इसलिए बीटीएसटी ट्रेडिंग के मुकाबले स्विंग ट्रेडिंग में ज्यादा रिटर्न्स मिलते हैं। 

    4 ) पोजीशनल ट्रेडिंग में दो-तीन महीनों तक पोज़िशन बनाई जाती है। स्विंग ट्रेडिंग में पोजीशनल ट्रेडिंग के मुकाबले कम कालावधी में हम ज्यादा पैसे कमा सकते हैं। 

    5 ) स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए, स्टॉक मार्केट में शेयर की डिलीवरी पोजीशन लेनी होती है। कई सारे ब्रॉकर्स अपने ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर डिलीवरी बायिंग के लिए ब्रोकरेज नहीं लेते हैं। इस वजह से एक्सपेंसेस के मामले में इंट्राडे ट्रेडिंग के मुकाबले स्विंग ट्रेडिंग करना अच्छा होता है। 


    स्विंग ट्रेडिंग की जोखिम

    स्विंग ट्रेडिंग के जरिए स्टॉक मार्केट में कारोबार करने की प्रोसेस में तीन प्रकार की जोखिम होती है। 

    Swing Trading explaining with this image.
    Swing Trading in the Stock Market.


    1 )स्टॉप लॉस हिट होना

    स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेड लेने के बाद हम अपने टेक्निकल एनालिसिस के अनुसार उस ट्रेड को स्टॉपलॉस लगाते हैं। कई बार उसी दिन इंट्राडे में हमारा स्टॉपलॉस हिट होने की वजह से हमें लॉस हो सकता है या फिर हमारे ट्रेड लेने के बाद उस स्टॉक में कंसोलिडेशन हो रहा हो तो अगले दिन या कुछ दिनों में हमारा स्टॉपलॉस हिट हो सकता है। 

                इसलिए स्विंग ट्रेडिंग में एंट्री करने की प्रैक्टिस पेपर ट्रेडिंग के जरिए करना उपयुक्त होता है। इससे प्रैक्टिस तो होती ही है साथ ही रियल मनी का लॉस भी नहीं होता हैं। 

    2 ) ओवर नाइट पोजीशन की जोखिम

    स्विंग ट्रेडिंग कुछ दिनों के लिए की जाती है। इसमें ट्रेड को कंटिन्यू करने के लिए हरेक ट्रेडिंग सेशन के बाद, हमें अपने ट्रेड की पोजीशन होल्ड करनी पड़ती है। ऐसे में हर रात के बाद अगले ट्रेडिंग सेशन में बहुत ही ज्यादा गैप डाउन ओपन होकर बड़ा लॉस होने की जोखिम रहती है। 

                ऐसे लॉस हो रहे ट्रेड्स को होल्ड करने से, Stock Market % Game में फँसने की संभावना होती हैं। इससे बचने के लिए ट्रेड की क्वांटिटी कम करना चाहिए। 

    3 ) ट्रेड क्लोज करने के बाद बड़ा मूवमेंट होना

    स्विंग ट्रेडिंग में हमने कुछ दिनों तक अपनी पोजीशन होल्ड की और अपना ट्रेड क्लोज किया। ट्रेड क्लोज करने के बाद उस पर्टिकुलर शेयर में हमारे ट्रेड की तरफ का बड़ा मूवमेंट बनना शुरू होता है। 

                ऐसे में हम यह सोचते हैं कि, अगर हम इसमें इन्वेस्टमेंट करते तो बहुत ही बढ़िया होता। सही है ? तो हम स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए लंबी अवधि में होने वाले प्रॉफिट का त्याग करते हैं। यह स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए चुकाई गई कीमत है। इसे स्विंग ट्रेडिंग करने के डिसीजन की जोखिम ही मान सकते हैं। 

    विशेष जानकारी

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    बैंकिंग स्टॉक्स को पोर्टफोलियो में रखकर उनमे इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें ?


    हमने यह जाना

    आज हमने यहां पर मिलकर, "स्विंग ट्रेडिंग के बारे में जानकारी" ली हैं। इस प्रकार से हम स्टॉक मार्केट में कारोबार कर सकते हैं। स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए हमें पूरे दिन स्टॉक मार्केट में अवेलेबल रहने की जरूरत नहीं होती है। 

                हम अपना रेगुलर जॉब करते हुए स्विंग ट्रेडिंग करके स्टॉक मार्केट से पैसे कमा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में "स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे ?" यह अच्छेसे समज़कर इसके फायदे और जोखिम के बारे में भी हमने यहां पर जानकारी ली है। 


    Swing Trading FAQ's

    1 ) स्टॉक मार्केट में स्विंग ट्रेडिंग किसे कहते हैं ?

    स्टॉक मार्केट में फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस करके शेयर्स में कुछ दिनों के लिए ट्रेडिंग पोजिशन बनाई जाती है। इसे स्विंग ट्रेडिंग कहते है।

    2 ) स्विंग ट्रेडिंग की प्रमुख विशेषता क्या है ?

    स्विंग ट्रेडिंग किसी पर्टिकुलर शेयर से संबंधित न्यूज़ पर आधारित होती है। यह स्विंग ट्रेडिंग की प्रमुख विशेषता है।

    3 ) स्विंग ट्रेडिंग में टार्गेट और स्टॉपलॉस कितना होना चाहिए ?

    स्विंग ट्रेडिंग में टार्गेट मैक्सिमम 10 % और स्टॉपलॉस मैक्सिमम 3 % तक का होना चाहिए।

    4 ) किन शेयर्स में स्विंग ट्रेडिंग करना अधिक फायदेमंद होता है ?

    फंडामेंटली स्ट्रॉन्ग शेयर्स में स्विंग ट्रेडिंग करना अधिक फायदेमंद होता है।

    5 ) एक वक्त में कितने शेयर्स में स्विंग ट्रेडिंग करनी चाहिए ?

    ट्रेडिंग पोजिशन्स को आसानी से ट्रैक करने के लिए एक वक्त में 3 से 5 शेयर्स में स्विंग ट्रेडिंग की पोजीशन बनाना ठीक रहता है।


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    1 Comments

    1. यहां पर Swing Trading की सही जानकारी मिली है।

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