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Stock Market के सन्दर्भ में लिक्विडिटी का अर्थ क्या होता हैं ? तरल मनी।

दोस्तों, स्टॉक मार्केट में लिक्विडिटी को समज़ना उपयुक्त साबित होता है। तो आइए, आज हम यहाँ पर मिलकर, "Stock Market के सन्दर्भ में लिक्विडिटी का अर्थ क्या होता हैं ?" इसमें स्टॉक मार्केट में लिक्विडिटी को कैसे चेक करें ? स्टॉक मार्केट में लिक्विडिटी कैसे बनती है ? स्टॉक मार्केट में लिक्विडिटी का पूर्ण अभाव होने पर क्या होता है ? इसके बारे में जानकारी लेंगे। तो यह शुरू करते हैं। 

Stock Market Liquidity In Hindi.
Stock Market Liquidity Meaning In Hindi.


स्टॉक मार्केट में कुछ शेयर्स के कीमतों में तेज गति से और कुछ शेयर्स के कीमतों में कम गति से बदलाव होते हैं। यह शेयर्स के लिक्विडिटी पर डिपेंड होता हैं। 

     

    लिक्विडिटी का अर्थ

    लिक्विडिटी शब्द का निर्माण लिक्विड शब्द से हुआ है। लिक्विड का हिंदी में मतलब द्रव रूप यह निकलता है। और लिक्विडिटी का मतलब द्रव रूप को दर्शाने वाली विशेषता इस प्रकार से ले सकते हैं। आसान है ? 

                चलिए इसे और आसान भाषा में समझते हैं। लिक्विडिटी याने कि, एक विशेषता है जो कि पानी में पाया जाता है। पानी जब उबल कर भाप बनता है तब वायु रूप में तब्दील हो जाता है और जब पानी बहुत ठंडा हो जाता है तब वह स्थायु रूप में तब्दील हो जाता है। सामान्य परिस्थिति में पानी द्रव रूप में रहता है। 

                इस पर गौर करें कि, इस विशेषता का अनुभव हमें स्टॉक मार्केट में भी आता हैं। शेयर्स में पर्याप्त लिक्विडिटी हो तो हम खरीददारी और बिक्री के ट्रेड्स सहजता से कर सकते हैं। जैसा कि कहते है ना कि, "भीड़ को देखकर भीड़ इकट्ठा होती है।" याने कि, स्टॉक मार्केट में वॉल्यूम बढ़ने से लिक्विडिटी बढ़ती है। ऑप्शंस ट्रेडिंग में भी ऑप्शन चैन का वॉल्यूम बढ़ने पर ही लिक्विडिटी निर्भर करती है। 


    Stock Market के सन्दर्भ में लिक्विडिटी का अर्थ

    "Stock Market के सन्दर्भ में लिक्विडिटी यह एक उपयोगिता है। इसके जरिए शेयर्स की खरीददारी और बिक्री करने में सहूलियत होती हैं।" 

                कई बार हम किसी चीज के बारे में विश्लेषण करते वक्त, उसकी तुलना दूसरी चीज से या दूसरे चीज के गुणों से करके उस पर्टिकुलर चीज के बारे में जानकारी देते हैं। ठीक इसी प्रकार से, "लिक्विडिटी शब्द को स्टॉक मार्केट में किसी पर्टिकुलर शेयर की खरेदी-बिक्री करने के प्रोसेस में आसानी हैं या नहीं यह एक्सप्लेन करने के लिए उपयोग में लिया जाता है।"

    उदाहरण

    1 ) अगर हम किसी ब्लू चिप कंपनी के दस हजार शेयर्स खरीदते हैं और उन्हें एक साथ बेचने के लिए सेलिंग का लिमिट आर्डर डालते हैं। ऐसे में हम उस पर्टिकुलर शेयर के कीमत को ज्यादा प्रभावित ना करते हुए, शेयर्स आसानी से बेच पाते हैं। हमारा सेलिंग का ट्रेड कुछ ही वक्त में पूरा हो जाता है। इसका मतलब यह निकलता है कि उस शेयर में लिक्विडिटी है। 

    2 ) अगर हम किसी स्मॉल कैप कंपनी के दस हजार शेयर्स खरीदते हैं और उन्हें एक साथ बेचने के लिए सेलिंग का लिमिट आर्डर डालते हैं। हमारा सेलिंग का ट्रेड पूरा होने के लिए काफी वक्त लगता हैं। ऐसे में हम उस पर्टिकुलर शेयर के कीमत को ज्यादा प्रभावित किए बिना, शेयर्स आसानी से बेच नहीं पाते हैं। 

                और हमें आधी-अधूरी पेंडिंग क्वांटिटी को आर्डर मॉडिफाई करके बेचना पड़ता हैं। इसका मतलब यह निकलता है कि उस शेयर में पर्याप्त लिक्विडिटी नहीं है। 

                स्टॉक मार्केट में अलग-अलग कंपनियों के शेयर्स के बीच में तुलनात्मक स्टडी करने के लिए, लिक्विडिटी शब्द का उपयोग किया जाता है। इससे स्टॉक मार्केट की जानकारी देने वाले को और स्टॉक मार्केट की जानकारी लेने वाले को समझने में आसानी होती है।


    Stock Market में लिक्विडिटी कैसे बनती हैं ?

    स्टॉक मार्केट में लिक्विडिटी बनती है वॉल्यूम के कारण। सही है ? याने कि बायर्स और सेलर्स, स्टॉक मार्केट में इकट्ठा होकर शेयर्स में खरीददारी और बिक्री के ट्रेड्स डालते रहते हैं। इस वजह से स्टॉक मार्केट में लिक्विडिटी बनती है। 


    लिक्विडिटी कैसे चेक करे ?

    स्टॉक मार्केट के किसी शेयर में लिक्विडिटी है या नहीं है यह जानने के लिए उस पर्टिकुलर शेयर का चार्ट देख सकते हैं। 

    Stock Market ICICI Bank 5 Min. Chart Liquidity.
    Image 1 Stock Market ICICI Bank 5 Min. Chart 


    इमेज 1 में, आईसीआईसीआई बैंक का 5 मिनट का कैंडल स्टिक चार्ट लिया है। नीचे वॉल्यूम का इंडिकेटर सेट किया है। चार्ट पर कैंडल स्टिक की रचना देखकर हम यह आसानी से पता लगा सकते हैं कि, इस शेयर में पर्याप्त लिक्विडिटी है। इसके कारण चार्ट बढ़िया तरीके से ऊपर नीचे हो रहा है। 

    Stock Market Yes Bank 5 Min. Chart Liquidity.
    Image 2 Stock Market Yes Bank 5 Min. Chart.


    इमेज 2 में, Yes Bank का 5 मिनट का कैंडल स्टिक चार्ट लिया है। नीचे वॉल्यूम का इंडिकेटर सेट किया है। चार्ट पर कैंडल स्टिक की रचना देखकर हम यह आसानी से पता लगा सकते हैं कि, इस शेयर में पर्याप्त लिक्विडिटी नहीं है। इसके कारण चार्ट पर कोई एक्टिविटी नहीं है। 


    डेरिवेटिव्स में लिक्विडिटी कैसे चेक करें ?

    स्टॉक मार्केट डेरिवेटिव्स में फ्यूचर्स और ऑप्शंस के सौदे होते हैं। इनमें से फ्यूचर्स में वॉल्यूम और लिक्विडिटी बढ़िया रहती ही है। ऑप्शंस ट्रेडिंग में कई सारी स्ट्राइक प्राइजेस होने के कारण दूर की आउट ऑफ द मनी स्ट्राइक प्राइजेस पर लिक्विडिटी बहुत ही कम होती है। इसे हम ऑप्शन चैन की इम्प्लॉइड वोलैटिलिटी को फॉलो करके समझ सकते हैं। 


    लिक्विडिटी का पूर्ण अभाव

    इसे हम "एकतर्फा लिक्विडिटी" भी कह सकते हैं। ऐसा तीन सिच्युएशन्स में होता है। 

    1 ) अप्पर सर्किट 

    स्टॉक मार्केट में हरेक ट्रेडिंग सेशन के लिए शेयर के कीमत की अप्पर सर्किट सीमा तय की गई होती है। अप्पर सर्किट की सीमा मैक्सिमम 20 % यह होती है और बार-बार अप्पर सर्किट लग रहा हो तो यह 5 % की होती है। 

                किसी शेयर में सिर्फ बायिंग ही हो रही हो और कोई सेलिंग नहीं कर रहा हो तो अप्पर सर्किट लगता हैं। ऐसी सिचुएशन में शेयर की प्राइस बहुत बढ़ने लगती है और अपने अप्पर सर्किट पर पहुंच जाती है।  

                यहाँ पर लिक्विडिटी का पूर्ण अभाव होता हैं। और ट्रेड होना बंद हो जाता है। हम बायिंग की ऑर्डर डालकर इन्तजार कर सकते हैं। अप्पर सर्किट लेवल पर हम शेयर बेच सकते हैं लेकिन आसानी से खरीददारी नहीं कर सकते हैं।

    2 ) लोअर सर्किट

    अप्पर सर्किट की तरह, स्टॉक मार्केट में हरेक ट्रेडिंग सेशन के लिए शेयर के कीमत की लोअर सर्किट सीमा तय की गई होती है। इसकी सीमा मैक्सिमम 20 % यह होती है और बार-बार लोअर सर्किट लग रहा हो तो यह 5 % की होती है। 

                किसी शेयर में सिर्फ सेलिंग ही हो रही हो और कोई बायिंग नहीं कर रहा हो तो लोअर सर्किट लगता हैं। ऐसी सिचुएशन में शेयर की प्राइस गिरने लगती है और अपने लोअर सर्किट पर पहुंच जाती है। 

                यहाँ पर लिक्विडिटी का पूर्ण अभाव होता हैं। और ट्रेड होना बंद हो जाता है। हम सेलिंग की ऑर्डर डालकर इन्तजार कर सकते हैं। लोअर सर्किट लेवल पर हम शेयर खरीद सकते हैं लेकिन आसानी से बेच नहीं कर सकते हैं। 

    3 ) नो बायर्स नो सेलर्स

    स्टॉक मार्केट में जब अपर सर्किट लगता है तब सेलर्स नहीं होते हैं और जब लोअर सर्किट लगता है तब बायर्स नहीं होते हैं। सही है ? और जब दोनों भी नहीं होते हैं तब भी लिक्विडिटी का पूर्ण अभाव होता है। ऐसी सिचुएशन दो कारणों से बनती है और यह दोनों कारण टेंपरेरी होते हैं। 

    1 ) आस्क प्राइस और बीड प्राइस में बड़ा अंतर

    ऐसी सिचुएशन में बायर्स और सेलर्स ने डाली हुई बीड़ और आस्क प्राइस में काफी अंतर होता है। इस वजह से ट्रेडिंग एक्टिविटी रुक जाती है। 

    2 ) अनचेंज्ड बिना बदलाव के स्थिर रहना नॉट इंटरेस्टेड

    यह सिचुएशन ज्यादातर बार प्री ओपन सेशन में दिखाई देती है। निफ़्टी 50 इंडेक्स के अनचेंज्ड स्टॉक्स को हम एनएसई के वेबसाइट पर जाकर, स्टॉक मार्केट एडवांसेज और डिक्लाइनेस को देखकर समझ सकते हैं। 


    उपयुक्त जानकारी

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    हमने यह जाना

    हमने यह जाना कि, शेयर्स की खरीददारी और बिक्री करने के लिए लिक्विडिटी का होना आवश्यक होता है। हम सभी ट्रेडर्स और निवेशक स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए , निवेश के लिए शेयर्स खरीदते हैं और बेचते हैं। इससे स्टॉक मार्केट में लिक्विडिटी बनती है। 

                "जिन शेयर्स में ज्यादा लिक्विडिटी है उनमें कारोबार करना आसान होता है।" हम जल्दी से बायिंग का और सेलिंग का ट्रेड ले सकते हैं। इससे सही कीमत पर बायिंग करके हम फर्स्ट मूवर का एडवांटेज प्राप्त कर सकते हैं। और प्रॉफिट बुकिंग का या लॉस बुकिंग का ट्रेड जल्दी से कंप्लीट होने से हमें फेयर प्राइस पर एग्जिट प्राप्त होती है। 

                इसलिए जिन शेयर्स में पर्याप्त लिक्विडिटी है उनमें ट्रेडिंग और निवेश करके हम बेहतर परफॉर्मेंस कर सकते हैं। और अपने लिए पैसे कमा सकते हैं। 

    स्टॉक मार्केट लिक्विडिटी के FAQ's 

    1 ) स्टॉक मार्केट में लिक्विडिटी को आसानी से कैसे समझे ?

    स्टॉक मार्केट में चार्ट के नीचे वॉल्यूम का इंडिकेटर सेट करके लिक्विडिटी को आसानी से समझ सकते हैं।

    2 ) स्टॉक मार्केट में लिक्विडिटी को जांचना महत्वपूर्ण क्यों होता है ?

    बिना लिक्विडिटी के शेयर्स में खरीदी और बिक्री करना मुश्किल होता है। इसलिए निवेश या ट्रेडिंग करने से पहले लिक्विडिटी को जांचना महत्वपूर्ण होता है।

    3 ) स्टॉक मार्केट में किन स्टॉक्स को हॉट स्टॉक्स कहते हैं ?

    स्टॉक मार्केट में ज्यादा लिक्विडिटी और वोलैटिलिटी वाले स्टॉक्स को हॉट स्टॉक्स कहते हैं।

    4 ) स्टॉक मार्केट में किन शेयर्स को पेनी स्टॉक्स कहते हैं ?

    स्टॉक मार्केट में कम प्राइस वाले और कम लिक्विडिटी वाले शेयर्स को पेनी स्टॉक्स कहते हैं।

    5 ) स्टॉक मार्केट में किन शेयर्स को लिक्विड स्टॉक्स कहते हैं ?

    जो शेयर्स प्रमुख इंडेक्स को हूबहू कॉपी करते हैं या लीड करते हैं। उन्हें लिक्विड स्टॉक्स कहा जाता है।


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    2 Comments

    1. Stock Market में Liquidity हमसे हैं। यह जानकर गर्व महसूस हुआ। आपका धन्यवाद।

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    2. Welcome Sir,
      आप जैसे सभी गुणी ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स ही तो स्टॉक मार्केट की शान होती है। इसी तरह से स्टॉक मार्केट से और तरलमनी वेबसाइट से जुड़े रहिए। आपको स्टॉक मार्केट में उज्जवल भविष्य की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। और तरल मनी पर अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया।

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