Ads Header

Technical Analysis में Volume का उपयोग कैसे करते हैं ?

दोस्तों, आज हम यहाँ पर, स्टॉक मार्केट के "Technical Analysis में Volume का उपयोग कैसे करते हैं ?" यह समज़ने की कोशिश करेंगे। तो आइए मिलकर शुरू करते हैं। 

Stock Market Volume In Hindi.
Stock Market Technical Analysis Volume.


स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस के कई इंडीकेटर्स वॉल्यूम पर आधारित होते हैं। बिना वॉल्यूम को देखे शेयर्स की प्राइस देखने से हमें रियालिटी का सही पता नहीं लगता हैं। वॉल्यूम देखकर ट्रेडिंग जोन और No Trade Zone को समझ सकते हैं।

     

    Volume का मतलब क्या होता हैं ? 

    "स्टॉक मार्केट में शेयर्स के बायिंग और सेलिंग में शामिल शेयर्स की संख्या को वॉल्यूम कहते हैं।"

    उदाहरण

    विशिष्ट निर्धारित कालावधी में शेयर्स की कितनी संख्या का ट्रेड हुआ है उसे उस शेयर का वॉल्यूम कहते हैं। अगर 1 घंटे में "X कंपनी" के शेयर में 50,000 का वॉल्यूम बना है। तो इसका मतलब "X कंपनी" के 50000 शेयर की खरीद-फरोख्त पूरी हुई है। 


    Volume का फॉर्मूला 

    वॉल्यूम का मतलब आसानी से समज़ने के लिए फॉर्मूला देखते हैं। 

    शेयर ट्रेडिंग में 

    Volume = Shares Quantity in Buying and Selling 


    क्या शेयर के कीमत पर वॉल्यूम का प्रभाव पड़ता हैं ? 

    जी हाँ। शेयर के कीमत पर वॉल्यूम का प्रभाव पड़ता हैं। 

    Stock Market Volume Trend Table In HIndi.
    Image 2 Stock Market Technical Analysis Volume Trend Table.


    इमेज 2 के अनुसार 

    1 ) जब शेयर की कीमत बढ़ रही होती है। उसके साथ उसके वॉल्यूम में भी बढ़ोतरी हो रही होती है तब हम आगे के लिए ऐसा अनुमान लगाते हैं कि, आगे भी तेजी का ट्रेंड जारी रह सकता है।  

    2 ) शेयर की कीमत बढ़ रही होती है। लेकिन उसका वॉल्यूम कम होने लगता है तब हम आगे के लिए ऐसा अनुमान लगाते हैं कि, अभी जो तेजी का ट्रेंड चल रहा है उसमें बदलाव हो सकता हैं और गिरावट शुरू हो सकती है। 

    3 ) शेयर की कीमत गिर रही होती है। वॉल्यूम में भी बढ़ोतरी हो रही होती है तब हम आगे के लिए ऐसा अनुमान लगाते हैं कि, यह मंदी का ट्रेंड आगे भी जारी रह सकता है। 

    4 ) शेयर की कीमत गिर रही होती है। उसका  वॉल्यूम में कम होने लगता है तब हम आगे के लिए ऐसा अनुमान लगाते हैं कि, अभी जो मंदी का ट्रेंड चल रहा है उसमें बदलाव हो सकता हैं और तेजी शुरू हो सकती है। 


    Volume कहाँ पर दिखाया जाता हैं ? 

    SBI Bank 1 Day Chart with Volume.
    Image 3 SBI Bank 1 Day Chart with Volume.


    इमेज 3 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का वनडे चार्ट लिया है। चार्ट के नीचे वॉल्यूम खड़ी बार के रूप में दिखाया जाता हैं। चार्ट पर वॉल्यूम को ब्लू कलर की चौखट में दर्शाया है। हर एक कैंडल के लिए वॉल्यूम की एक खड़ी बार दिखाई जाती है। 

                वॉल्यूम के साथ एक लाइन दिखाई दे रही है वह वॉल्यूम के 20 डेज मूविंग एवरेज की लाइन है। इस लाइन की मदद से हमें यह पता लगाने में मदद मिलती है कि, पिछले 20 दिनों के एवरेज वॉल्यूम के मुकाबले अभी जो वॉल्यूम चल रहा है वह कम है या ज्यादा है। 


    Volume का उपयोग कैसे करते हैं ? 

    SBI Bank 5 Min. Chart with Volume in Hindi.
    Image 4 SBI Bank 5 Min. Chart with Volume in Hindi.


    क्या NSE और BSE पर वॉल्यूम अलग-अलग होता हैं ? 

    जी हाँ। NSE और BSE यह अलग-अलग एक्सचैंजेस हैं। इनमे स्वतंत्र रूप से कारोबार होता हैं। BES के मुकाबले NSE में ज्यादा वॉल्यूम होता हैं क्योंकि NSE में कारोबार करने वाले निवेशक और ट्रेडर्स ज्यादा हैं। 

    अधिक जानकारी

    Stock Market में MACD इंडिकेटर का उपयोग कैसे करें ?

    Donchian Channels टेक्निकल एनालिसिस इंडिकेटर इन हिंदी। 

    स्टॉक मार्केट इंडिकेटर Know Sure Thing (KST) हिंदी में।

    स्टॉक मार्केट का केल्टनर इंडिकेटर कैसे काम करता है ?


    Volume के बारे में हमने यह जाना 

    स्टॉक मार्केट में पहली इंपॉर्टेंट चीज होती है शेयर की प्राइस। और दूसरी इंपोर्टेंट चीज होती है, आपका और मेरा पार्टिसिपेशन। हम सबके पार्टिसिपेशन की वजह से स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट की एक्टिविटी होती है। सही है ?

                तो हमारी इसी एक्टिविटी के कारण स्टॉक मार्केट में खरीददारी और बिक्री के सौदे पूरे होते हैं। "सौदों में शामिल शेयर्स की संख्या को वॉल्यूम कहते हैं।" वॉल्यूम बहुत ज्यादा हो तो ऐसा अनुमान लगाया जाता हैं कि, जो ट्रेंड चल रहा है वही आगे भी जारी रह सकता है। और अगर वॉल्यूम में कमी हो रही हो तो ऐसा अनुमान लगाया जाता हैं कि, जो ट्रेंड चल रहा है उसमें बदलाव हो सकता है। 


    Technical Analysis Volume FAQ's

    1 ) स्टॉक मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है ?

    स्टॉक मार्केट में किसी पर्टिकुलर शेयर में, विशिष्ट अवधि में हुई ट्रेडिंग की क्वांटिटी को वॉल्यूम कहते हैं।

    2 ) स्टॉक मार्केट में वॉल्यूम देखना महत्वपूर्ण क्यों होता है ?

    वॉल्यूम देखने से ट्रेंड की मजबूती का पता लगता हैं। इसलिए स्टॉक मार्केट में वॉल्यूम देखना महत्वपूर्ण होता है।

    3 ) स्टॉक मार्केट में शेयर में वॉल्यूम कब बढ़ता है ?

    स्टॉक मार्केट में शेयर में न्यूज़ के कारण और टेक्निकल सेटअप बनने के कारण ट्रेडिंग करने का अवसर बनता है तब वॉल्यूम बढ़ता है।

    4 ) क्या कम वॉल्यूम वाले शेयर में ट्रेडिंग करना चाहिए ?

    कम वॉल्यूम वाले शेयर को खरीदना और बेचना मुश्किल होता है। इसमें अचानक अप्पर सर्किट या लोअर सर्किट लगते हैं। इसलिए कम वॉल्यूम वाले शेयर में ट्रेनिंग करना टाल देना चाहिए।

    5 ) स्टॉक मार्केट में वॉल्यूम को कहां देखा जा सकता है ?

    वॉल्यूम को स्टॉक मार्केट में चार्ट के नीचे देखा जा सकता है। इसके साथ ही ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर में वॉल्यूम को देखा जा सकता है।


    Post a Comment

    0 Comments