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कंपनी के मैनेजमेंट को ट्रैक कैसे करे ? Fundamental Analysis of Company in Hindi.

दोस्तों, आज हम यहाँ पर मिलकर, कंपनी के मैनेजमेंट को ट्रैक कैसे करे ? इसपर विचार करते हैं। यह जानकारी Fundamental Analysis of Company के अंतर्गत आती हैं। इससे मैनेजमेंट की सोच और काबिलियत का पता कर सकते हैं। 

Stock Market Company Management Analysis in Hindi.
Stock Market Company Management Analysis in Hindi.


कंपनी के फाउंडर और मैनेजमेंट का कंपनी के ग्रोथ पर असर होता हैं, इस बात पर हम सभी सहमत हो सकते हैं। और इसपर भी की, फंडामेंटल एनालिसिस ऑफ़ शेयर्स के साथ, असरदार मैनेजमेंट के कंपनी में हममें से हर कोई निवेश करना चाहेगा।

     

    कंपनी का मैनेजमेंट 

    "कंपनी चलाने के लिए डिसीजन लेने वाली और उन पर कार्य करवाने वाली टीम को कंपनी का मैनेजमेंट कहते हैं।" कंपनी के मैनेजमेंट में फाउंडर, को-फाउंडर, कंपनी सीईओ ऐसे प्रमुख व्यक्ति होते हैं जोकि कंपनी की बागडोर संभालते हैं। 

    कंपनी की अपनी एक खास विचारधारा होती है। अपने विशेष प्रोडक्ट और सर्विसेज होते हैं। अपना एक खास मार्केट होता है। कंपनी अपनी विचारधारा, अपने जीवन मूल्य और अपनी नीति के अनुसार। अपने प्रोडक्ट और सर्विसेज बेचने के लिए मार्केट में पार्टिसिपेट करती है। जिस कंपनी के पास नीति के साथ उसे फॉलो करने वाला "बढ़िया मैनेजमेंट सिस्टम" होता है, वह कंपनी अपने उत्पादनों के मार्केट का ज्यादा से ज्यादा मार्केट शेयर हतियाती जाती है। कंपनी एक्सपांशन करती जाती है। इससे कंपनी का EBITDA लगातार ग्रोथ दर्शाता हैं। 

                इसमें कंपनी का मैनेजमेंट बेहद महत्वपूर्ण रोल निभाता है। कंपनी का मैनेजमेंट कई लेवल पर होता है। कंपनी के अलग-अलग डिपार्टमेंट में अलग-अलग मैनेजर्स होते हैं। जैसे की प्रोडक्शन मैनेजर, स्टॉक मैनेजर, मार्केटिंग मैनेजर,सेल्स मैनेजर, इत्यादि। 

                अब हमें मालूम हो गया हैं कि, कंपनी के मैनेजमेंट में टॉप लेवल के लोग होते हैं जो कि कंपनी को चलाने के बारे में डिसीजन लेते हैं। ठीक हैं ? तो अब हमें स्टॉक मार्केट में किसी कंपनी में निवेश करना हो तो उसके मैनेजमेंट की अच्छाइयां-बुराइयां जरूर देखनी चाहिए। 

                इसके लिए कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में जितनी हो सके उतनी जानकारी हासिल करना आवश्यक होता है। और ऐसा किस तरह से किया जाता है इस बारे में हम यहां पर विस्तार से जानकारी लेंगे। 


    कंपनी के मैनेजमेंट का एनालिसिस 

    हमें स्टॉक मार्केट में लंबे समय के लिए निवेश करना हो तो कंपनी का मैनेजमेंट एनालिसिस आवश्यक होता हैं। दोस्तों, हम में से कई सारे निवेशक कंपनी के फाइनेंशियल्स आंकड़ों को और स्टॉक मार्केट में उस कंपनी के चल रहे शेयर्स के प्राइस को देखकर एनालिसिस करके उस पर्टिकुलर कंपनी में निवेश करना है या नहीं, इसके बारे में डिसीजन लेते हैं। 

                लेकिन हमें इस बात पर जरूर गौर करना चाहिए की, कंपनी के फाइनेंशियल्स के यह आंकड़े किन लोगों की कार्य क्षमता की वजह से आते हैं ? और उन लोगों की सोच क्या है ? इस आधार पर, कंपनी की अगले आने वाले सालों की ग्रोथ डिपेंड करती है। और कंपनी का गुडविल भी इसी आधार पर तय होता हैं। हमें उस पर्टिकुलर कंपनी में अगले कुछ सालों के लिए निवेश करना हो तो कंपनी के मैनेजमेंट की एबिलिटी, सोच, दृष्टिकोण और नजरिये को अच्छे से परखना चाहिए। 

    उदाहरण

    हम यहां पर एक सिंपल उदाहरण लेते हैं। अगर हमारा एक दोस्त, जो कि हमसे पैसे उधार लेना चाहता है और वह हमसे कहता हैं कि, "हम आपको उसमें थोड़ा ब्याज वगैरह बढ़ाकर वापिस लौटा देंगे।" 

                ऐसे में हम उसकी पैसे लौटाने की काबिलियत के साथ ही उसकी सोच को ध्यान में लेते हुए उसको पैसे देना है या नहीं, इसके बारे में डिसीजन लेते हैं। ठीक इसी प्रकार से हम किसी कंपनी में निवेश कर रहे हैं। याने कि उस कंपनी के मैनेजमेंट के हाथ में अपना पैसा दे रहे हैं। 

                इसका यह अर्थ निकलता हैं कि, हम कंपनी के शेयर्स खरीदते हैं। और उस कंपनी के मैनेजमेंट के हाथ में उसका नियंत्रण होता है। तो यहां पर भी हमें इसी मेथड को फॉलो करना है। कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में यह सोचना है कि क्या कंपनी का यह मैनेजमेंट इतनी काबिलियत रखता हैं कि, वह मेरे निवेश किए गए पैसे सुरक्षित रहेंगे और बढ़ेंगे ? 

                इस मैनेजमेंट की अपने सेक्टर के बारे में, अपने कंपनी के कामकाज के बारे में और आने वाले फ्यूचर की ग्रोथ के बारे में क्या सोच है ? क्या नजरिया है ? यह भी हम जानेंगे। और फिर उस कंपनी में निवेश करेंगे सिर्फ फाइनेंसियल आंकड़ों को देखकर निवेश करना यह आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर डिसीजन लेना होता है। 


    कंपनी के मैनेजमेंट को ट्रैक कैसे करे ?

    कंपनी के मैनेजमेंट को ट्रैक करने का कोई फिक्स फार्मूला नहीं है। लेकिन कई सारे तरीके हैं जिनके इस्तेमाल से हम कंपनी के मैनेजमेंट को बहुत ही अच्छे से ट्रैक कर सकते हैं। 


    कंपनी के टॉप मैनेजमेंट के इंटरव्यू

    कंपनी के मैनेजमेंट में डिसीजन मेकिंग प्रोसेस में टॉप लेवल पर जो लोग बैठे हैं, उनके बारे में जानकारी लेने के लिए उनके इंटरव्यू देखने चाहिए। कंपनी के कई सारे इवेंट्स होते हैं। 

                इनमें कंपनी के टॉप मैनेजमेंट, अपने कंपनी के बारे में, मार्केट के बारे में और फ्यूचर ग्रोथ के बारे में अपने ओपिनियन सार्वजनिक करते हैं। कंपनी के टॉप मैनेजमेंट के ऐसे इंटरव्यूज से हमें कंपनी के साथ ही मैनेजमेंट की जानकारी मिलती हैं। 

    कंपनी की न्यूज़

    कंपनी के बारे में कोई भी न्यूज़ आती है तो उसका बारीकी से अध्ययन करना चाहिए। कंपनी में क्या हो रहा है इसी से कंपनी के मैनेजमेंट की डिसीजन की दिशा का अंदाजा लगाया जा सकता है। कंपनी किस दिशा में जा रही है, आगे बढ़ रही है इसके बारे में हम कंपनी के न्यूज़ का लगातार फॉलो करके समझ सकते हैं। 


    कंपनी का डीआरएचपी

    आईपीओ लाने की प्रोसेस में कंपनी अपना डीआरएचपी पब्लिश करती है। कंपनी का डीआरएचपी यह एक डॉक्यूमेंट होता हैं जिसमें कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में पूरी जानकारी होती है। 

                इसके लिए हम "गूगल" पर कंपनी के नाम के आगे डीआरएचपी टाइप करके सर्च कर सकते हैं। इससे हमें उस कंपनी का डीआरएचपी का डॉक्यूमेंट मिल जाएगा। 

    विशेष बात

    जो कंपनी काफी वक्त पहले स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुई है। उसका DRHP डॉक्यूमेंट मिलना मुश्किल होता है। और इतनी पुरानी कंपनी का डीआरएचपी देखने से कोई लाभ भी नहीं है क्योंकि मैनेजमेंट में कई सारे चेंजस हो चुके होते हैं। 

    मैनेजमेंट केसेस

    एनएसइ के वेबसाइट पर इस तरह की पूरी जानकारी उपलब्ध होती है। हम वहां पर भी कंपनी का स्टडी कर सकते हैं। इससे कि कंपनी के मैनेजमेंट की सोच का पता हमें चल सकता है

                इसी तरह से कंपनी के बारे में "गूगल" पर हम कई सारी बातें सर्च कर सकते हैं। कंपनी के ऊपर कोई फ्रॉड केसेस वगैरह है क्या ? क्या कंपनी किसी फ्रॉड में शामिल है ? या कंपनी कोई संदेह जनक काम कर रही है ? इस तरह की जानकारी लेने के लिए, उस पर्टिकुलर कंपनी के नाम के सामने फ्रॉड केसेस इस तरह के वर्ड टाइप करके हम आसानी से कंपनी के मैनेजमेंट की जानकारी निकाल सकते हैं। 

    उदाहरण

    "X कंपनी" का रियल स्टेट का कारोबार है। कंपनी बहुत ही बढ़िया तरीके से बिल्डिंग बनाने में और फ्लैट धारकों को सभी अच्छी सुविधाओं के साथ समय पर फ्लैट मुहैया करने में मशहूर है। कंपनी के कई सारे बड़े शहरों में बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। कंपनी पिछले साल बहुत ही बढ़िया प्रॉफिट में आई है। 

                पिछले का क्वार्टर में भी कंपनी ने बहुत ही बढ़िया मुनाफा दर्ज किया है। और कंपनी के सारे फाइनेंसियल आंकड़े बहुत ही बढ़िया ग्रोथ दर्शा रहे हैं। ऐसे में हमें, "X कंपनी" के शेयर में इन्वेस्ट करने की इच्छा होती है। 

                कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में सर्च करने पर हमें यह जानकारी मिलती हैं कि, कंपनी के एमडी पर इंसाइडर ट्रेडिंग का आरोप है। और सेबी द्वारा किए गए इन्वेस्टिगेशन में यह प्रूफ हुआ है। कंपनी के एमडी को इंसाइडर ट्रेडिंग से 5 करोड़ का मुनाफा हुआ है औरइसके बारे में केसेस चल रहे हैं। ऐसे में हम इस कंपनी के सारे फंडामेंटल्स अच्छे होते हुए भी इस कंपनी में निवेश करने का डिसीजन टाल सकते 


    कंपनी के एनुअल रिपोर्ट्स पढ़ना 

    एनुअल रिपोर्ट्स में मैनेजमेंट डिस्कशन और एंड एनालिसिस का एक सेक्शन होता है। यहां पर हमें कंपनी के पिछले साल की ग्रोथ और अगले आने वाले सालों के फ्यूचर प्लान की जानकारी मिलती है। इसके जरिए कंपनी जिस सेक्टर में कंपनी काम कर रही हैं उस सेक्टर के बारे में कंपनी के मैनेजमेंट का नजरिया समझा जा सकता है। एक होशियार इन्वेस्टर को यह जानकारी पढ़ना आवश्यक होता हैं। इसके जरिए कंपनी के बारे में, कंपनी के स्ट्रैंथ और वीकनेसेस के बारे में पूरी जानकारी मिल सकती है। और कंपनी के मैनेजमेंट की कार्यक्षमता भी समझी जा सकती है। 


    क्वार्टरली रिजल्ट्स अनाउंसमेंट्स

    कंपनी के टॉप मैनेजमेंट द्वारा, हर 3 महीने में अपने कंपनी का क्वार्टरली रिजल्ट पेश किया जाता हैं। टीवी पर इसे देखने के लिए हम "जी बिजनेस" और "सीएनबीसी आवाज" इन हिंदी चैनल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

                ऐसे रिपोर्ट्स में पिछले 3 महीने का कंपनी का परफॉर्मेंस दिखाया जाता है। कंपनी को कितना प्रॉफिट हुआ और कंपनी के फाइनेंशियल आंकड़े क्या बन रहे हैं, इसकी जानकारी दी जाती है। इस जानकारी को देते वक्त कंपनी का टॉप मैनेजमेंट के पर्सन किस तरह से बातें कर रहे हैं उसे बारीकी से जांच करना होता है। 

                उनकी कुछ बातों से हमें कई बार अंदर का सीक्रेट मालूम हो सकता है। इसलिए हमें उनकी बातों को बिटवीन द लाइन अंडरस्टैंडिंग करना आना चाहिए। क्वार्टरली रिजल्ट के दिन कंपनी के शेयर्स में इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए स्टॉक मार्केट बिहेवियर को समज़ना उपयुक्त होता हैं। 

    क्वेश्चन एंड आंसर का सेशन

                क्वार्टरली रिजल्ट पेश करते वक्त, कंपनी के टॉप मैनेजमेंट के साथ क्वेश्चन एंड आंसर का एक सेशन होता है। इसमें बड़े इन्वेस्टर्स कंपनी के मैनेजमेंट को कुछ सवाल पूछते हैं और मैनेजमेंट की तरफ से उनका जवाब दिया जाता है। इस सेशन को वाच करके हम कंपनी के मैनेजमेंट की जानकारी हासिल कर सकते हैं। 

                कंपनी का टॉप मैनेजमेंट कंपनी के कामकाज को डायरेक्शन प्रदान करता है। लेकिन कभी-कभी कंपनी के टॉप मैनेजमेंट के लोग स्टॉक मार्केट के जरिए अपनी कंपनी की मार्केट वैल्यू बढ़ाने के लिए, लीगली प्रोसेस में रहकर कुछ ऐसे डिसीजन लेते हैं जो कि संदेहजनक होते हैं। इस तरह से डिसीजन लिए गए हैं यह जानकारी सामने आने पर  जाहिर सी बात हैं कि, ऐसी कंपनी में निवेश करने से हमें बचना चाहिए। 


    हमने यह जाना 

    किसी भी कंपनी में लंबे समय के लिए निवेश करना हो तो उस कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करना यह हमारी जिम्मेदारी होती है। और इससे भी पहले हमें कंपनी के मैनेजमेंट का एनालिसिस अवश्य करना चाहिए। क्योंकि हमारा पैसा यह हमारी जिम्मेदारी होती है। इसलिए सभी एंगल्स को देखकर निवेश करने के लिए कंपनी सिलेक्ट करना बहुत ही आवश्यक होता है। 

                हमने यह जाना कि, कंपनी के मैनेजमेंट एनालिसिस में हमें लोगों के बारे में जानकारी हासिल करना होता है। इसके लिए दर्शनशास्त्र का अच्छा-खासा नॉलेज होना जरूरी नहीं है बल्कि हमें जानकारी प्रदान करने वाले सोर्सेस का उपयोग करना होता हैं। और जानकारी का अच्छे से फॉलो-अप लेना होता है। 

                कंपनी के टॉप मैनेजमेंट के लोग एनुअल रिपोर्ट में, क्वार्टरली रिजल्ट के दौरान किन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, इससे भी हम उनकी सोच के बारे में पता लगा सकते हैं। इसके लिए हमें स्टॉक मार्केट की न्यूज़ देखकर कंपनी की सारी जानकारी लगातार लेते रहना आवश्यक होता है। 

    अधिक जानकारी

    स्टॉक मार्केट में, कंपनी का Stock Split और Bonus Issue क्या होता है ?

    स्टॉक मार्केट में सेंसेटिविटी एनालिसिस कैसे करे ?


    Company Management FAQ's

    1 ) कंपनी का मैनेजमेंट एनालिसिस करना महत्वपूर्ण क्यों होता है ?

    स्टॉक मार्केट में लंबी अवधि का निवेश करने के लिए कंपनी के मैनेजमेंट का एनालिसिस करना महत्वपूर्ण होता है।

    2 ) कंपनी के मैनेजमेंट के चार प्रमुख स्तर कौन से हैं ?

    टॉप लेवल मैनेजर्स, मिडल मैनेजर्स, फ्रंट लाइन मैनेजर्स और टीम लीडर्स यह कंपनी के मैनेजमेंट के चार प्रमुख स्तर है।

    3 ) टॉप लेवल मैनेजर्स क्या काम करते हैं ?

    कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के द्वारा तय किए गए फैसलों को, उद्देश्यों को अमल में लाने का काम टॉप लेवल मैनेजर्स करते हैं।

    4 ) मिडिल मैनेजर्स क्या काम करते हैं ?

    टॉप लेवल मैनेजर्स के द्वारा बनाए गए स्ट्रेटजी और नियोजन पर अमल करने का काम मिडिल मैनेजर्स करते हैं।

    5 ) फ्रंट लाइन मैनेजर्स क्या काम करते हैं ?

    फ्रंट लाइन मैनेजर्स कंपनी की डेली एक्टिविटी का मैनेजमेंट करते हैं। इन्हे हेड ऑफ़ द डिपार्टमेंट भी कहा जाता हैं।

    6 ) टीम लीडर्स क्या काम करते हैं ?

    टीम लीडर्स अपने डिपार्टमेंट के एंप्लाइज से तय समय सीमा में काम करवाने का उद्देश्य पूरा करते हैं।

    7 ) कंपनी के मैनेजमेंट के परफॉर्मेंस को समझने का सटीक तरीका कौन-सा है ?

    इसके लिए कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स पढ़ना चाहिए। इससे कंपनी के मैनेजमेंट के परफॉर्मेंस को आंकड़ों के द्वारा समझ सकते हैं।


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