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Bullish Trend in Hindi. स्टॉक मार्केट बुलिश ट्रेंड कैसे बनते हैं ?

दोस्तों, आज हम यहाँ पर, स्टॉक मार्केट में बुलिश ट्रेंड कैसे बनते हैं ? यह जान लेते है। तो आइए शुरू करते हैं। 

Stock Market Bullish Trend in Hindi.
Stock Market Bullish Trend in Hindi.

कई बार हम एक्सपर्ट को यह बात करते हुए पाते हैं की, "स्टॉक मार्केट बुलिश ट्रेंड में शॉर्ट सेलिंग कभी ना करें।" आज हम यहाँ पर, इस बात के तथ्य जान लेते हैं। और यह भी की इस बात में कितना दम हैं ! 


     

                अगर हम निफ़्टी, सेंसेक्स के चार्ट देखते हैं तो हमें यह मालूम होता है कि, स्टॉक मार्केट लंबी अवधि में लगातार बुलिश ट्रेंड में कामकाज कर रहा है। बुलिश ट्रेंड यह स्टॉक मार्केट का प्रमुख नैसर्गिक ट्रेंड है। 

    बुलिश ट्रेंड का मतलब क्या हैं ?

    "लगातार बनती तेजी को स्टॉक मार्केट बुलिश ट्रेंड कहते हैं।" बुलिश ट्रेंड यह निवेशकों का भरोसा होता है, इससे स्टॉक मार्केट ऊपर की तरफ बढ़ते ही जाता है। 

                स्टॉक मार्केट के बड़े शेयर्स की कीमतें लगातार बढ़ती जाती हैं। इससे प्रमुख इंडेक्स में भी लगातार बढ़त होने लगती हैं। कभी थोड़ी गिरावट होने के बाद और ज्यादा तेज गति से कीमतें बढ़ती हैं। इसे "स्टॉक मार्केट बुलिश ट्रेंड" कहते हैं। 

    उदाहरण 

                मेरे दोस्त के भाई, "मि. एस कुमार" ने देखा की, सुबह स्टॉक मार्केट ऊपर ओपन हुआ और "दिन भर तेजी" में रहा। पिछले दिन भी स्टॉक मार्केट में इसी तरह से कामकाज हुआ है। पिछले हफ्ते में भी स्टॉक मार्केट "लगातार ऊपर की तरफ" बढ़ता गया है और पिछले महीने में भी काफी दिनों तक स्टॉक मार्केट ऊपर की चाल पकडे हुए हैं। चार्ट को और पीछे लेकर देखा तो उन्होंने जाना की, पिछले 6 महीनों से "स्टॉक मार्केट में बढ़त का सिलसिला कायम है।" 

                दोस्तों, जब भी कभी इस प्रकार की जानकारी को हम महसूस करते हैं तब हमें इस नतीजे पर पहुंचना ही होता है कि, स्टॉक मार्केट में बुलिश ट्रेंड चल रहा है। और आगे भी कई दिनों तक या महीनों तक भी यह ट्रेंड कंटिन्यू हो सकता है। 


    बुलिश ट्रेंड क्यों बनते हैं ?

    अग्रेसिव बायिंग के सौदों के कारण बुलिश ट्रेंड बनते हैं। बुलिश ट्रेंड बनने के प्रमुख 3 कारणों के बारे में हम यहां पर जानकारी लेते हैं।

    1 ) फंडामेंटल चेंज

                जब भी कभी देश की अर्थव्यवस्था में फंडामेंटली चेंज आ जाता है तब स्टॉक मार्केट में बहुत ही बढ़िया बुलिश ट्रेंड बनता है। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था में फंडामेंटली चेंजेस और बिजनेस करने के लिए अनुकूलता निर्माण होती जाती है, वैसे वैसे स्टॉक मार्केट में तेजी की हुंकार बढ़ती जाती है। ऐसे बुलिश ट्रेंड जो की फंडामेंटल चेंजेस के कारण बनते हैं यह 3 से 5 सालों तक चल सकते हैं।


    2 ) पॉलीटिकल चेंज 

                जब भी कभी देश में, खराब नीतियों वाली सरकार जाने की और नई सरकार आने की संभावना दिखाई देती है तब स्टॉक मार्केट में बुलिश ट्रेंड बनता हुआ दिखाई देता है। ऐसे बुलिश ट्रेंड 1 से 3 सालों तक चल सकते हैं। बनी हुई नई सरकार अगर अच्छे कदम उठाती है, अच्छे फैसले लेती है जिससे कि इकोनामी में प्रगति हो तो स्टॉक मार्केट में बुलिश ट्रेंड काफी लम्बे वक्त तक चलता है। इससे सभी को लाभ मिलता है। 

    3 ) विदेशी निवेश 

    ऊपरी दो अंतर्गत कारणों के अलावा कई सारे इंटरनेशनल गतिविधियों के कारण भी विदेशी निवेश में इजाफा होता है। इससे स्टॉक मार्केट में बुलिश ट्रेंड बनता हैं। इस तरह से बनने वाली तेजी एक साल तक चल सकती हैं। 


    बुलिश ट्रेंड कैसे बनते हैं ?

    यह सिच्युएशन पर डिपेंड करता हैं। एक जैसे सिच्युएशंस पर अलग-अलग बुलिश ट्रेंड बन सकते है। इस वजह से हिस्टोरिकल चार्ट का स्टडी करके, अगले इवेंट के अंदाजे पूरी तरह सही साबित नहीं होते। 

    Bullish Trend on Nifty 50 Weekly Chart in Hindi.
    Bullish Trend on Nifty 50 Weekly Chart in Hindi.

    इसलिए यहाँ पर हम निफ़्टी के बुलिश ट्रेंड का एक मॉडल लेकर इसे समज़ने की कोशिश करेंगे। इससे हमें यह मालूम हो जाएगा की, बुलिश ट्रेंड कैसे बनता हैं ? 

                इस तेजी की शुरुआत एप्रिल 2020 में हुई हैं। 12420 के बड़े रेजिस्टेंस को ब्रेक करने के बाद बनी यह तेजी अभी तक कायम रही हैं। निफ़्टी में तकरीबन 4000 पॉइंट्स तक की बढ़त इस ट्रेंड में देखने को मिली हैं। और यह बुलिश ट्रेंड आगे भी जारी रह सकता है। 

                ख़राब और जोखिम भरी स्थिति के बाद निफ़्टी के स्टॉक्स में खरीददारी के अच्छे मौके बने। निवेशकों ने गिरावट में खरीददारी शुरू की। इससे निफ़्टी ने, अपने जाने. 2020 के ऑल टाइम हाई को ब्रेक किया। तब से यह बुलिश ट्रेंड चल रहा है। 

                जैसा की हम सभी जानते ही हैं की, बुलिश ट्रेंड की हर गिरावट निवेश का मौका होता है। यह बात जून 2022 से बनी बढ़त से क्लियर होती है। 

                बुलिश ट्रेंड में स्टॉक मार्केट अग्रेसिव बढ़त दर्शाता हैं। ऐसे में हर एक रेजिस्टेंस आसानी से ब्रेक होते जाता है। इस ट्रेंड में निवेश और ट्रेडिंग के सभी फायदे एवं जोखिम को ध्यान में लिया जाए तो यह स्पष्ट हो जाता हैं की, बुलिश ट्रेंड में शॉर्ट सेलिंग के सौदे लेना समजदारी नहीं है। एक्सपर्ट्स की इस बात में दम हैं। इसलिए हमें इस राय पर जरूर अंमल करना चाहिए। ठीक हैं ?

    महत्वपूर्ण बात 

                स्टॉक मार्केट में बुलिश ट्रेंड चल रहा हो तो यह हमारे ट्रेडिंग परफॉर्मेंस पर प्रभाव डाल सकता है। इसमें हमें बुलिश ट्रेंड के अनुसार ही ट्रेडिंग करनी चाहिए। ऐसा करने के लिए हमें अपनी "ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बुलिश ट्रेंड के अनुकूल बनानी चाहिए।" ठीक है ? और जाहिर सी बात हैं की, इससे हमारे प्रॉफिट में बढ़ोतरी होंगी। 

    अधिक जानकारी 


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    बुलिश ट्रेंड के बारे में हमने यह जाना 

    स्टॉक मार्केट में अप ट्रेंड, डाउन ट्रेंड और साइड वेज ट्रेंड बनते रहते हैं। इनमे से अप ट्रेंड अगर लम्बे समय तक एक्टिवेट रहता है तो बुलिश ट्रेंड चल रहा हैं ऐसा माना जाता है। 

                "बुलिश ट्रेंड स्टॉक मार्केट का मूल स्वभाव होता है।" स्टॉक मार्केट में लम्बे समय के लिए हमेशा निवेश होते रहते हैं। इससे यह ट्रेंड कायम रहता है। इस ट्रेंड में होने वाली गिरावट निवेश के लिए अवसर बनती है। 

                ट्रेडिंग के नजरिए से देखा जाए तो बुलिश ट्रेंड में खरीददारी के सौदे ज्यादा क्वांटिटी के साथ लेना फायदेमंद रहता हैं। 


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