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फंडामेंटल एनालिसिस ऑफ़ शेयर्स। होशियार इन्वेस्टर की पहचान।

एक होशियार इन्वेस्टर की पहचान उसका, "फंडामेंटल एनालिसिस ऑफ़ शेयर्स का नॉलेज।" होता हैं। इससे पोर्टफोलियो बढ़िया बनता हैं। 

Fundamentals of Shares business Model.
Fundamental Analysis of Shares in Hindi.


दोस्तों, आज हम यहां पर मिलकर, फंडामेंटल एनालिसिस के प्रमुख तीन फॅक्टर्स के बारे में जानकारी लेंगे। इसमें कंपनी का बिजनेस मॉडल, कंपनी की इंडस्ट्री, सेक्टर फिट और मेजर शेयर होल्डर का मतलब क्या हैं ? यह समझ लेते हैं। कंपनी का बिज़नेस मॉडल, इंडस्ट्री और EBITDA का करीबी सम्बन्ध होता हैं। 


     

    कंपनी का बिज़नेस मॉडल समझना 

    इसे कंपनी का पैसे बनाने का मॉडल भी कहते हैं। आजकल के तेज गति से बदलने वाले मार्केट में, कंपनी को बने रहने के लिए और ग्रोथ करने के लिए काफी मशक्कत करनी होती है। 

                इस वजह से कंपनी का बिजनेस मॉडल बहुत ही कॉम्प्लिकेटेड बन जाता है। इसे बारीकी से समझ लेना निवेशक की जरूरत होती है। इस पर हम सभी सहमत हो सकते हैं। सही है ?

    उदाहरण 

                HDFC Bank लोगों से सेविंग लेती है और लोन देती है। यह बैंकिंग कंपनी का बिजनेस मॉडल है, यह बात तो हर कोई जानता हैं। लेकिन आज के दौर में बैंकिंग सेक्टर में बढ़ते कॉन्पिटिशन को देखते हुए, HDFC Bank का एक्चुअल बिजनेस मॉडल क्या हैं ? यह जानना आवश्यक होता है। जिसके जरिए यह कंपनी पैसे बनाती है। 

                HDFC Bank की खासियत यह है कि, यह बाकी बैंकों से ज्यादा फास्ट सेवाएं प्रदान करती है। बाकी बैंकों में जिन ट्रांजैक्शंस के लिए तीन-चार दिन लगते हैं वह इस बैंक में सेम डे या एक-दो दिन में पुरे होते हैं। यह HDFC Bank का एक्चुअल बिजनेस मॉडल हैं। इससे पैसा कमाना और ग्रोथ करना मुमकिन हुआ हैं। और यह बड़ी बैंकों में शुमार हुई हैं। 

    कंपनी की इंडस्ट्री/ सेक्टर फिट 

    निवेश करने के लिए कंपनी चुनने की प्रक्रिया के दौरान कंपनी के पूरे सेक्टर यानी कि इंडस्ट्री का स्टडी करना होता है। इंडस्ट्री के अच्छे ग्रोथ का अनुमान बन रहा हो तो उसमें शामिल कंपनी भी ग्रोथ कर सकती है।  

                इंडस्ट्री की ग्रोथ एडवांस्ड लेवल पर है या एवरेज है इससे उस पर्टिकुलर कंपनी की ग्रोथ और Goodwill प्रभावित होती है। जिस सेक्टर में हायर ग्रोथ दिख रही हो उस सेक्टर की कंपनी के प्रोडक्ट्स ओर सर्विसेज के लिए भी अच्छी डिमांड आ सकती है। 

                इंडिया में बैंकिंग सेक्टर में पिछले 10 सालों में बहुत ही बढ़िया ग्रोथ हुई है। आरबीआई के द्वारा लगातार लिए गए अच्छे फैसलों के कारण बैंकिंग सेक्टर में आगे आने वाले दिनों में और भी ग्रोथ हो सकती है। इस वजह से बैंकिंग सेक्टर के लीडिंग कंपनियों में निवेश करना फायदे का सौदा बन सकता है। जैसे कि, एचडीएफसी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बंधन बैंक, इत्यादि। 


    मेजर शेयर होल्डर का मतलब क्या हैं ?

    बिज़नेस जगत में कंपनी का कंट्रोल और मालिकाना हक यह महत्वपूर्ण फैक्टर हैं। इसे शेयर होल्डिंग पैटर्न से समझा जाता हैं। यहां पर हम उदाहरण के लिए HDFC बैंक के शेयर होल्डिंग पैटर्न पर नजर डालते हैं। 

    HDFC Bank Share Holding Pattern in %
    HDFC Bank Share Holding Pattern in %

    इस इमेज की जानकारी पर गौर किया जाए तो, यह मालूम होता है कि HDFC बैंक में प्रमोटर से भी ज्यादा विदेशी निवेश है। यह इस बैंक का स्ट्रेंथ हैं। 

                मिच्युअल फंड का निवेश तीसरे स्थान पर आता है। मिच्युअल फंड की होल्डिंग यह दर्शाती है कि, इनके मैनेजर एचडीएफसी बैंक के ग्रोथ पर भरोसा करते हैं। इसके साथ ही जनरल पब्लिक भी इस बैंक में अच्छा खासा निवेश कर चुके हैं। और जीडीआर का निवेश भी अच्छा है। 

    आपके यानी कि एक इन्वेस्टर के नजरिए से देखा जाए तो, हम कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करते हैं। और हमें निवेश के लिए वह कंपनी पसंद आ जाती है तब हम उसके शेयर होल्डिंग पैटर्न पर नजर डालते हैं। 

                क्योंकि हम जानना चाहते हैं कि, जिस कंपनी में हम निवेश कर रहे हैं उस कंपनी में कौन-कौन बड़े निवेशक हैं ? और उनका कंपनी पर कितना कंट्रोल है ? यह जानना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि हम अपना पैसा निवेश करके उनके ग्रुप में शामिल होते हैं। 

    Stock Market Investment like finding flat for living.
    Stock Market Investment like finding flat for living.


                यह बिल्कुल वैसे ही होता है जैसे कि हम किसी सोसाइटी को रहने के लिए पसंद करते हैं तो उसमें रहने वाले लोगों के बारे में भी जानकारी लेते हैं। अगर हमें वहां के लोग ठीक-ठाक लगे तो हम उनके साथ उस सोसाइटी में रहने का डिसीजन लेते हैं। सही है ? 


    अधिक जानकारी

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    स्टॉक मार्केट में सेंसेटिविटी एनालिसिस कैसे करे ?


    हमने यह जाना 

    एक होशियार और एक्सपर्ट इन्वेस्टर के नजरिए से देखा जाए तो, स्टॉक मार्केट फंडामेंटल एनालिसिस करना यह मूलभूत आवश्यकता होती हैं। इसमें कंपनी के सेक्टर की तुलना में कंपनी की ग्रोथ यह फैक्टर बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। 

                इसके साथ ही कंपनी का बिजनेस मॉडल समझना और कंपनी में कौन-कौन से बड़े निवेशकोंने अपने पैसे निवेश किए हैं ? यह जानकारी लेना भी आवश्यक होता है। इससे कंपनी की आने वाले सालों में क्या स्थिति बन सकती है ? इसके बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है। 


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    2 Comments

    1. Fundamental Analysis के सेक्टर फिट के बारें कृपया और जानकारी उपलब्ध कराएं। धन्यवाद।

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      1. तरलमनी वेबसाइट पर आपका स्वागत है।
        जानकारी अपडेट कर दी गई है। कमेंट करने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। हमें उम्मीद है कि, यह जानकारी आपको अच्छी लगेगी।

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