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चार्ट के मल्टीपल टाइम फ्रेम का यूज़ कैसे करे ? 6 Types of Multiple Time Frame.

दोस्तों, आज हम यहां पर मिलकर, "मल्टीपल टाइम फ्रेंम चार्ट एनालिसिस के बारे में जानकारी" लेंगे। इसके जरिए हमारा ट्रेडिंग परफॉर्मेंस बढ़िया होने वाला है। तो आइए मिलकर शुरू करते हैं। 

Stock Market Multiple Time Frame in Hindi.
Stock Market Multiple Time Frame in Hindi.

यह चार्ट के टेक्निकल एनालिसिस का हिस्सा हैं। Bullish Trend में मल्टीपल टाइम फ्रेम पर इंडीकेटर्स का इस्तेमाल करके अच्छा पैसा बना सकते हैं। इसके अभ्यास के लिए हम पेपर ट्रेडिंग का सहारा ले सकते हैं।

     

    चार्ट के टाइम फ्रेम

    टाइम फ्रेम याने की समय की चौकट। यह तय होती है। हम इसे चार्ट के ऊपर सिलेक्ट करके उतने समय-अवधि के अनुसार चार्ट देख सकते हैं। 

    1 मिनिट, 3 मिनिट, 5, 10, 15, 30, 45 मिनिट और 1 अवर, 4 अवर, 1 डे, 1 विक, 1 मंथ, 3 मंथ इस तरह के चार्ट के टाइम फ्रेम होते हैं। 

                "अपने ट्रेडिंग स्टाइल के अनुसार, इनमे से कुछ टाइम फ्रेम को सिलेक्ट करना चाहिए। और उनपर इंडिकेटर लगाकर एनालिसिस करना चाहिए। ऐसा करने से फेक सिग्नल पर ट्रेड लेने से बचा जा सकता हैं।" 

                ट्रेडिंग के लिए स्टॉक के या इंडेक्स के चार्ट का एनालिसिस करते वक्त हमें चार्ट को अलग-अलग टाइम फ्रेम में जरूर देखना चाहिए। इससे हर एक टाइम फ्रेम में क्या चार्ट पैटर्न बन रहा हैं ? यह आसानी से समज़ सकते हैं।   


    चार्ट के मल्टीपल टाइम फ्रेम कौन-से हैं ?

    Stock Market Chart's Time Frames in Hindi.
    Stock Market Chart's Time Frames in Hindi.


    हमने ऊपर जो टाइम फ्रेम देखे हैं। उनमें से कुछ टाइम फ्रेम को सलीके से सिलेक्ट करके मल्टीपल टाइम फ्रेम का सेटअप बनाया जाता है। यहां पर अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी के अनुसार, हमें कौन से मल्टीपल टाइम फ्रेम सेटअप को फॉलो करना चाहिए ? इसके बारे में जानकारी लेते हैं। 

    1 ) 1 मिनिट और 5 मिनिट चार्ट का सेट अप

    अवरली टॉप गेनर्स और अवरली टॉप लूजर्स के डेटा को फॉलो करते हुए इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए, 1 मिनट और 5 मिनट चार्ट के टाइम फ्रेम का इस्तेमाल करना चाहिए। 

                इससे पिछले घंटे में जो शेयर्स बहुत बढ़िया तेजी या गिरावट दर्शा रहे हैं उनमे खरीद की या शॉर्ट सेलिंग की पोजीशन बना सकते हैं। ऐसे सौदे 1 घंटे के अंदर निपटा देना चाहिए। चाहे स्टॉप लॉस हिट हो या फिर टारगेट। ठीक है ? क्योंकि यह मूवमेंट किसी न्यूज़ के कारण बनते हैं और न्यूज को समझने बैठेंगे तो ट्रेडिंग का अवसर हाथ से निकल सकता है। इसलिए इस लघु टाइम फ्रेम का इस्तेमाल करके तेज गति से ट्रेडिंग कर सकते हैं। 

    2 ) 5 मिनिट, 15 मिनिट और 1 अवर चार्ट का सेट अप

    इस टाइम फ्रेम में, एक ही शेयर के एक साथ तीन चार्ट्स को ट्रैक करना होता है। इनमें से 15 मिनट के चार्ट पर ट्रेड का पता लगाया जाता है।  अवरली चार्ट पर कन्फर्मेशन होने के बाद, 5 मिनट के चार्ट की मदद से ट्रेड में कब एंटर करना है यह पता लगाया जाता है। 

                इससे पूरे दिन के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग सकते हैं। ट्रेड लेने के बाद 15 मिनट के चार्ट पर स्ट्रिक्ट नजर रखनी चाहिए ना कि 5 मिनट चार्ट पर। और बीच-बीच में अवरली चार्ट पर भी ध्यान देना चाहिए। 

    3 ) 10 मिनिट, 30 मिनिट और 4 अवर चार्ट का सेट अप

    इस सेट अप में 10 मिनिट, 30 मिनिट और 4 अवर चार्ट्स को ट्रैक किया जाता हैं। इनमें से 30 मिनट के चार्ट का एनालिसिस करके ट्रेड का पता लगाया जाता है। 4 अवरली चार्ट पर कन्फर्मेशन होने के बाद, 10 मिनट के चार्ट की मदद से ट्रेड में कब एंटर करना है यह पता लगाया जाता है। 

                इससे एक दो दिन के लिए ट्रेडिंग सकते हैं, जैसे की B.T.S.T. ट्रेडिंग। ऐसे ट्रेड्स लेने के लिए लगातार चार पाँच दिनों तक चार्ट को ट्रैक करना होता हैं। ऐसा इस सेट अप के जरिए कर सकते हैं। और जब ट्रेड कन्फर्म होता है तब ट्रेडिंग सेशन के सेकंड हाफ में ऐसे ट्रेड्स लेना बढ़िया रहता हैं। 

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    4 ) 1 अवर, 4 अवर और 1 डे चार्ट का सेट अप

    चार-पांच दिनों के लिए किए जाने वाले ट्रेड्स को इस टाइमफ्रेम सेटअप के द्वारा फाइंड किया जा सकता है। इसमें 4 अवर के चार्ट पर इंडिकेटर्स लगाकर ट्रेड बनने की संभावना को तलाशा जाता है। 

                इस चार्ट पर कोई ट्रेड बनता हुआ दिखाई देता है तो वन डे चार्ट पर उसी तरह का ट्रेंड है या नहीं इसका पता लगाया जाता है। अगर दोनों चार्ट पर ट्रेड कंफर्म हो रहा हो तो एक अवर के चार्ट की मदद से ट्रेड में एंट्री की जाती है। 

                इस तरह से लिए जाने वाले ट्रेड्स को टारगेट वन डे चार्ट के अनुसार लगाया जाता है। और स्टॉप लॉस 4 अवर चार्ट के अनुसार लगाया जाता है। 1 अवर चार्ट पर ट्रेंड कायम है या नहीं यह ट्रैक किया जाता है। जैसे-जैसे ट्रेड में मुनाफा होते जाता है 4 अवर चार्ट पर बने ट्रेंड के अनुसार स्टॉप लॉस ट्रेल किया जाता है। 

    5 ) 4 अवर, 1 डे और 1 विक चार्ट का सेट अप

    ट्रेडिंग पोजीशन को एक हफ्ते से लेकर एक महीने तक होल्ड करना हो तो इस टाइम फ्रेम का इस्तेमाल किया जाता है। इस टाइम फ्रेम की मदद से पोजीशनल ट्रेडिंग मुमकिन होती है। 

                इसमें वन डे चार्ट का एनालिसिस किया जाता है। "डेली ओपन, हाई, लो और क्लोज" के डाटा को एनालिसिस किया जाता है इससे ट्रेड फाइंड किया जाता है। वन वीक चार्ट पर कंफर्मेशन बन रहा है या नहीं यह देखते हैं। और 4 ओवर के चार्ट पर देखकर यह समझते हैं कि, जिस दिन ट्रेड बन रहा है उस दिन ट्रेड फर्स्ट हाफ में लेना है या सेकंड हाफ में लेना है। 

                इस तरह के ट्रेडिंग के लिए फंडामेंटल चेंजेस या न्यूज़ का होना आवश्यक है। आने वाली किसी न्यूज़ को ध्यान में रखते हुए इस तरह से ट्रेडिंग कर सकते हैं। 

    6 ) 1 विक, 1 मंथ और 3 मंथ चार्ट का सेट अप

    इस टाइम फ्रेम का इस्तेमाल करके हम 3 महीने से लेकर 6 महीने तक के लिए ट्रेड ले सकते हैं। और अगर ट्रेड सही बैठा तो स्टॉप लॉस को ट्रेल करके इसे लंबी अवधि के लिए होल्ड कर सकते हैं। 

                इस टाइम फ्रेम में 1 महीने के चार्ट पर ट्रेंड का एनालिसिस किया जाता है और क्या ट्रेड बन रहा है यह देखा जाता है। ट्रेड को फाइंड करने के बाद, 3 महीने के चार्ट पर कन्फर्मेशन मिल रहा है या नहीं यह देखा जाता है। अगर कंफर्म है तो 1 हफ्ते के चार्ट को एनालिसिस करके ट्रेड में एंट्री ली जाती है। 

                स्टॉप लॉस मंथली चार्ट के अनुसार लगाया जाता है यह तकरीबन 10 से 15 परसेंट का हो सकता है। और टारगेट 3 महीने के चार्ट के अनुसार लगाया जाता है यह 20 परसेंट से लेकर 30 परसेंट तक रख सकते हैं। 


    चार्ट के मल्टीपल टाइम फ्रेम का यूज़ कैसे करे ?

    इसका यूज एक शेयर के तय टाइम फ्रेम के चार्ट पर ट्रेड्स की दिशा कन्फर्म करने के लिए किया जाता हैं। 

    1 ) अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को फॉलो करते हुए चार्ट के मल्टीपल टाइम फ्रेम का इस्तेमाल करना चाहिए।

    2 ) सेट अप में सिलेक्टेड हर एक चार्ट पर इंडिकेटर्स को सेट करना चाहिए। 

    3 ) किसी एक टाइम फ्रेम पर इंडीकेटर्स ने दिखाए सिग्नल को दूसरे टाइम फ्रेम पर क्रॉस चेकिंग करना हैं। 

    4 ) ट्रेड में एंट्री करने के लिए छोटे टाइम फ्रेम का चार्ट अच्छा रहता है। स्टॉप लॉस लगाने के लिए मध्यम टाइम फ्रेम का चार्ट और टारगेट लगाने के लिए सेटअप के बड़े टाइम फ्रेम का चार्ट लेना चाहिए। 

    5 ) चार्ट के मल्टीपल टाइम फ्रेम के सेट अप को बार-बार चेंज नहीं करना चाहिए। 

       इस तरह से मल्टीपल टाइम फ्रेम सेटअप का इस्तेमाल करना चाहिए। दोस्तों, कई बार इससे कन्फ्यूजन बढ़ जाता है। ऐसे वक्त में हमें ट्रेडिंग करने से बचना है। इस तरह से हम ओवरट्रेडिंग से बच सकते हैं। और जाहिर सी बात है कि इससे लॉस वाले ट्रेड कम हो जाएंगे और हमारा ट्रेडिंग परफॉर्मेंस बढ़िया बनेगा। 

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    मल्टीपल टाइम फ्रेम के बारे में हमने यह जाना 

    स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते वक्त कंफर्म ट्रेड्स का पता होना चाहिए। यह हमारी प्राथमिकता होती है। इसे फुलफिल करने के लिए हमें चार्ट का टेक्निकल एनालिसिस करना होता है। 

                एक ही शेयर के अलग-अलग टाइम फ्रेम के चार्ट्स पर टेक्निकल एनालिसिस करके हम कंफर्म ट्रेडिंग आइडियाज को फाइंड कर सकते हैं। और इन्हें फॉलो करके हम स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में करियर कर सकते हैं। 


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