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इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करते हैं ? 4 प्रमुख तरीके हिंदी में।

दोस्तों आज हम यहाँ पर मिलकर, "Stock Market में इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करते हैं ?" और इसके 4 प्रमुख तरीकों की जानकारी लेते हैं। इसमें स्टॉक मार्केट इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होता है ? स्टॉक मार्केट इंट्राडे ट्रेडिंग इज गुड ओर बॅड ? स्टॉक मार्केट इंट्राडे ट्रेडिंग की विशेषताँए क्या हैं ? इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग कैसे करें ? और स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करके पैसे कैसे कमाए ? यह जानेंगे। तो आइए शुरू करते है। 

Intraday Trading buy then sell and sell then buy.
Stock Market Intraday Trading Tips and Tricks in Hindi.


इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए अपना डिमैट, ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता हैं। और इसकी प्रैक्टिस पेपर ट्रेडिंग के जरिए कर सकते है। इंट्राडे ट्रेडिंग में प्रॉफिट या लॉस जो भी हो, उसे एक ही दिन के दरमियां स्वीकार करना होता है। इसे स्वीकार ना करके, डिलीवरी पोजिशन लेने के कारण कईयों को स्टॉक मार्केट में लेने के देने पड़ गए हैं। यह बात गुणी ट्रेडर्स अच्छी तरह से जानते हैं। 

     

    स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग का मतलब 

    ट्रेडिंग के गतिविधि में खरीददारी और बिक्री की क्रिया शामिल होती है। "स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग का मतलब है शेयर्स में खरीददारी और बिक्री।" इसके साथ ही स्टॉक मार्केट में हम इंडेक्स के फ्यूचर ऑप्शंस और शेयर्स के फ्यूचर ऑप्शंस में भी खरीददारी और बिक्री के ट्रेड बना सकते हैं। 

                स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग यह सभी बिजनेसेस के ऊपर का बिजनेस है। जैसा कि आप सभी जानते हैं की, स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में हम कंपनियों के शेयर्स खरीदते हैं और बेचते हैं। यह देश की बड़ी कंपनियां होती है जिनका बिजनेस करोड़ों में होता है। 

                "बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिकाना हक की खरीददारी और बिक्री करना यह बहुत ही ट्रिकी बिजनेस है।" इसमें बहुत पैसा है, साथ ही रिस्क फैक्टर यहां पर हमेशा मौजूद रहता है। जो ट्रेडर्स इस रिस्क को मैनेज करना सीखेंगे वह यहाँ से ढेर सारा पैसा कमा सकते हैं। 


    इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब

    "स्टॉक मार्केट में एक दिन के ट्रेडिंग सेशन में किए जाने वाले खरीदी बिक्री के व्यापार को इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं।" स्टॉक मार्केट में कई तरह से ट्रेडिंग की जा सकती है। इसमें हम सबका फेवरेट तरीका इंट्राडे ट्रेडिंग यह हैं। क्योंकि इसमें जो होगा वह एक ही दिन में होता है। इस वजह से इसमें एक्साइटमेंट है, इंस्टेंट रिजल्ट है, तुरंत पैसा मिलता है। 

                स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करना याने की, एक दिन के समय में शेयर्स या इंडेक्स में खरीदारी और बिक्री के सौदे बनाना होता है। "इंट्राडे ट्रेडिंग याने की सुबह 9:00 am बजे से दोपहर 3:30 pm बजे तक के कालावधी के लिए स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग पोजिशन बनाना होता है।" इसके जरिए ट्रेडर्स स्टॉक मार्केट में बन रहे अवसरों का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की कोशिश करते हैं। 

                इंट्राडे ट्रेडिंग यह ट्रेडिंग करने की सुविधा है। इसमें "Intraday" ऑर्डर से ट्रेड लेकर, प्रॉफिट कमाने के लिए शेयर्स खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं। और बेचकर खरीद भी सकते हैं। याने की शेयर्स की पोजीशन ना होते हुए भी इंट्राडे में शेयर्स शॉर्ट सेलिंग कर सकते हैं। 

                दो दिनों के लिए की जाने वाली ट्रेडिंग को B.T.S.T. ट्रेडिंग कहते हैं। इसमें इंट्राडे के प्रॉफिट वाले ट्रेड्स अगले दिन के ओपनिंग गेन के लिए होल्ड किये जाते हैं। 


    स्टॉक मार्केट इंट्राडे ट्रेडिंग इज गुड ओर बॅड ?

    हम सभी जानते है कि, कॉफी पीने के कई सारे फायदे होते हैं और कुछ नुकसान भी होते हैं। लेकिन जिन्हें कॉपी की टेस्ट पसंद नहीं आती वह कॉफी के नुकसान के बारे में ही बातें करेंगे। सही है ? 

                ठीक इसी प्रकार स्टॉक मार्केट इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में भी होता है। इसलिए पहले हम यह देखेंगे कि, "स्टॉक मार्केट इंट्राडे ट्रेडिंग करना अच्छा होता है या नहीं ?" और यकीन मानिए, इसे समझने से हमारी दिलचस्पी और भी बढ़ सकती है। 

    स्टॉक मार्केट इंट्राडे ट्रेडिंग करना अच्छा होता है।

    1 ) "स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करके पैसे कमाना यह एक्टिव इनकम होता है।" अगर हमें स्टॉक मार्केट में हर दिन चल रही एक्टिविटी में इंटरेस्ट है तो इंट्राडे ट्रेडिंग करना हमारे लिए अच्छा होता है। 

    2 ) स्टॉक मार्केट पोजीशनल ट्रेडिंग में अपने ट्रेड्स कई दिनों तक होल्ड करना आवश्यक होता है। इस वजह से हम दूसरे ट्रेड्स नहीं ले सकते। इससे अपॉर्चुनिटी लॉस होता है। "इंट्राडे ट्रेडिंग में हम एक ट्रेड क्लोज करके दूसरा ले सकते है। इसमें अपॉर्चुनिटी लॉस नहीं होता है।" इसलिए इंट्राडे ट्रेडिंग करना अच्छा होता है। 

    3 ) "स्टॉक मार्केट इंट्राडे ट्रेडिंग हम लाइव चार्ट देखते हुए करते हैं।" इसमें टार्गेट और स्टॉपलॉस पर हम नजर बनाए रख सकते हैं। लेकिन 1 दिन से ज्यादा पोजीशन होल्ड करने में रिस्क ज्यादा होती है। क्योंकि आज की क्लोजिंग से अगले दिन की ओपनिंग तक दुनिया भर में कुछ भी होने की संभावना होती है। यह हमारे नियंत्रण के बाहर होता है। 

    4 ) "दूसरे ट्रेडिंग के प्रकारों के मुकाबले इंट्राडे ट्रेडिंग में स्मॉल स्टॉप लॉस लगाना मुमकिन होता हैं।" इससे स्टॉप लॉस हिट होने पर कम नुकसान होता है। 

    5 ) "दूसरे ट्रेडिंग के प्रकारों के मुकाबले इंट्राडे ट्रेडिंग में एक से ज्यादा बार ट्रेड ले सकते हैं।" अगर एक ट्रेड में स्टॉप लॉस हिट होता है तो दूसरा ट्रेड लेकर इसे कवर कर सकते हैं। 

    6 ) इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेड लेने के बाद अचानक ट्रेंड बदलने पर हम अपने ट्रेड को क्लोज करके ट्रेंड को फॉलो करते हुए ट्रेड ले सकते हैं। 

    स्टॉक मार्केट इंट्राडे ट्रेडिंग करना अच्छा नहीं होता है।

    1 ) स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए स्ट्रेटजी की जरूरत होती है। अगर हमारे पास स्ट्रेटजी नहीं है तो स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करना अच्छा नहीं होता है। 

    2 ) स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव अगर हमें अपनी ओर खींचते हैं। और हम ओवर ट्रेडिंग करने लग जाते हैं तो इंट्राडे ट्रेडिंग हमारे लिए अच्छा नहीं होता है। 

    3 ) अगर हमें स्टॉक मार्केट के टेक्निकल एनालिसिस के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है तो स्टॉक मार्केट इंट्राडे ट्रेडिंग करना हमारे लिए अच्छा नहीं होता है। 

    4 ) इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉपलॉस का हिट होना आम बात होती है। अगर इससे हमारा मूड खराब होता है तो इंट्राडे ट्रेडिंग करना हमारे लिए अच्छा नहीं होता है। 

    5 ) इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए दिन भर स्टॉक मार्केट में हाजिर रहना आवश्यक होता है। हम कोई दूसरा जॉब करते हैं और उससे वक्त निकालकर स्टॉक मार्केट में हाथ आजमाना चाहते हैं तो इंट्राडे ट्रेडिंग करना हमारे लिए अच्छा नहीं होता है। 

                इससे दिलचस्पी बढ़ाने वाली यह बात सामने आती है कि, डिसिप्लिन के साथ इंट्राडे ट्रेडिंग करना हमारे लिए अच्छा साबित हो सकता है। अब आगे बढ़कर हम स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करते हैं ? इसके बारे में जानकारी लेते हैं। 


    इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करते हैं ?

    यहां पर हम इंट्राडे ट्रेडिंग करने की प्रोसेस के बारे में जानकारी लेंगे। और बाद में इंट्राडे ट्रेडिंग के चार प्रमुख तरीकों को भी जान लेंगे। जिनके इस्तेमाल से हम स्टॉक मार्केट में पैसे कमा सकते हैं। 

    1 ) अपने रियल मनी से स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करने से पहले पेपर ट्रेडिंग करके अपने लिए "इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रेटजी" बनाना होता है। 

    2 ) इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सूटेबल ब्रोकर सिलेक्ट करना होता है। यहां पर हमें "डिस्काउंट ब्रोकर को प्राथमिकता देनी चाहिए।" ब्रोकर के पास डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करना है। इसके जरिए हम इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। 

    3 ) स्टॉक मार्केट की मोटा-मोटी समझ के साथ "टेक्निकल एनालिसिस करना चाहिए।" स्टॉक मार्केट में चार्ट पर इंडिकेटर्स का सेट अप करना चाहिए इनसे ट्रेडिंग आईडियाज प्राप्त होती है। 

    4 ) अपने पेपर ट्रेडिंग के अनुभव के साथ इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए। ट्रेड लेने के बाद "स्टॉप लॉस ऑर्डर" जरूर लगानी चाहिए। स्टॉप लॉस मैक्सिमम 1 % से 1.5 % तक रखना चाहिए। 

    5 ) इंट्राडे ट्रेडिंग के "टार्गेट" ज्यादा बड़े नहीं रखनी चाहिए। इसमें टार्गेट 1 % से 2 % तक का रखना चाहिए। 


    इंट्राडे ट्रेडिंग की विशेषताँए 

    Intraday Trading in the Stock Market.
    Intraday Trading in the Stock Market.


    जैसे की क्रिकेट में वन डे मैचेस खेले जाते हैं। वैसे ही स्टॉक मार्केट में वन डे ट्रेडिंग की जाती हैं। इसमें खरीदकर बेचने के साथ ही बेचकर सेम डे में ख़रीदा जा सकता हैं। फियर अँड ग्रीड पर काबू पाकर हम ऐसा कर सकते हैं। 

    1 ) बायिंग करके सेलिंग करना 

    इसमें खरीददारी करके, टार्गेट या स्टॉप लॉस हिट होने के कारण बिक्री की जाती है। कई बार कंसोलिडेशन होने के कारण बिना टार्गेट या स्टॉप लॉस हिट हुए हमें ट्रेड को क्लोज करना होता है। 

    2 ) सेलिंग करके बायिंग करना

    इसमें हमारे पास शेयर्स ना होते हुए भी, हम सेलिंग की पोजीशन बना सकते हैं। इसके लिए यह कंडीशन है कि, उसी ट्रेडिंग सेशन में 3:20 pm से पहले हमें अपनी शॉर्ट सेलिंग पोजिशन क्लोज करनी होती है। ऐसी पेंडिंग पोजीशंस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स 3:20 pm पर क्लोज कर देते हैं। 

                स्टॉक मार्केट में चल रही गिरावट का फायदा उठाने के लिए हम पोजीशन में शेयर्स ना रखे हुए भी शॉर्ट सेल कर सकते हैं। और कीमत गिरने पर उन्हें खरीद कर सकते हैं। 


    इंट्राडे ट्रेडिंग के 4 प्रकार

    यहाँ पर दिए गए 4 प्रकार वक्त, फंडामेंटल डाटा, न्यूज़ और टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर उपलब्ध किए हैं।

    1 ) समय के अनुसार इंट्राडे ट्रेडिंग

    दिन में कौन से वक्त ट्रेडिंग करनी है ? इस हिसाब से इंट्राडे ट्रेडिंग के पांच प्रकार नीचे उपलब्ध है। 

    A ) प्री ओपन मार्केट से ओपनिंग तक की ट्रेडिंग 

    प्री ओपन सेशन से ओपनिंग तक के इंट्राडे ट्रेडिंग में हम "सुबह 9:00 am से 9:08 am के बीच में शेयर्स में बायिंग कर सकते हैं। और 9:15 am बजे मार्केट ओपन होने के बाद सेल कर सकते हैं।" 

                इसमें सिर्फ शेयर्स में ट्रेडिंग की जा सकती है। वह भी खरीदारी कर के बाद में सेल करने की ट्रेडिंग। इसमें शॉर्ट सेलिंग या फ्यूचर्स, ऑप्शंस में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। इस प्रकार की ट्रेडिंग करने के लिए स्टॉक मार्केट में हर दिन लगातार बढ़त का माहौल होना जरूरी होता है। और इसी ट्रेंड को फॉलो करते हुए इस प्रकार की ट्रेडिंग करनी चाहिए। 

    उदाहरण

    इस प्रकार को डिटेल में और आसानी से समझने के लिए इसका एक उदाहरण लेते हैं। 

    Stock Market Pre-open Market Watch for Intraday Trding
    Example Image 1 Stock Market Pre-open Market Watch for Intraday Trding.


    इमेज 1 में स्टॉक मार्केट के प्री ओपन सेशन का चार्ट और डिटेल में जानकारी उपलब्ध है। यहां पर निफ़्टी का प्री ओपन सेशन का चार्ट देख रहे हैं। इसमें बढ़त होने लगी है ऐसा देखते हुए, हम एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के शेयर्स में खरीददारी की पोजीशन बनाएंगे। 

    Stock Market Intraday Trading in Hindi.
    Example Image 2 SBI Life Insurance Company Ltd 15 Min. Chart.


    इमेज 2 में, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड का 15 मिनट का कैंडल स्टिक चार्ट लिया है। 

    1 ) एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के चार्ट पर, 2 फरवरी 2023 से 8 फरवरी 2023 तक रेजिस्टेंस जोन बनता हुआ दिखाई दिया। यह रेजिस्टेंस जोन 1140 और 1148 इन दो रेजिस्टेंस लेवल्स को मिलाकर बना है। 

    2 ) 8 फरवरी 2023 को, प्री ओपन सेशन में इस कंपनी के स्टॉक में 0.7 % का गैप अप ओपनिंग हुई है। इसका प्रीवियस क्लोजिंग प्राइस Rs. 1135 के आसपास का है। 

    3 ) प्री ओपन सेशन में Rs. 1135 से 1140 के बीच में हमने इस कंपनी के 100 शेयर में खरीदारी की। मान लो कि, हमारी खरीद Rs. 1140 पर हुई। इस ट्रेड के लिए हमने Rs. 1134 का स्टॉपलॉस तय किया

    4 ) सुबह 9:15 am बजे, स्टॉक मार्केट शुरू होते ही एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के शेयर की कीमत बढ़ने लगी और रेजिस्टेंस जोन के ऊपर Rs. 1150 पर पहुंची। 

    5 ) हमने ख़रीदे हुए 100 शेयर्स Rs. 1150 पर बेच दिए। इस तरह से हमें, "प्री ओपन सेशन से ओपनिंग तक" के इंट्राडे ट्रेडिंग में Rs. 1000 का मुनाफा हुआ। 

                यहां जानकारी प्री ओपन से ओपनिंग तक के इंट्राडे ट्रेडिंग को अच्छे से समझने के लिए उपलब्ध की है। इस प्रकार से ट्रेडिंग करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस की जानकारी और इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रेटजी आवश्यक होती है। 


    B ) ओपनिंग से पहले अवर तक की ट्रेडिंग 

    पहले अवर की ट्रेडिंग "सुबह 9:15 am बजे से 10:15 am बजे तक" के टाइम फ्रेम में होती है। इस प्रकार के ट्रेडिंग में हम शेयर्स में बायिंग के और शॉर्ट सेलिंग के ट्रेड बना सकते हैं। इसके साथ ही शेयर के और इंडेक्स के फ्यूचर्स और ऑप्शंस में भी ट्रेडिंग कर सकते हैं। 

                सुबह-सुबह मार्केट में जोरदार मोमेंट होता है। इसका फायदा लेने के लिए यह ट्रेडिंग कर सकते हैं। 

    C ) ओपनिंग से फर्स्ट हाफ तक की ट्रेडिंग

    ओपनिंग से फर्स्ट हाफ तक की ट्रेडिंग में हम "सुबह 9:15 am बजे से 12:30 pm बजे तक" के लिए ट्रेडिंग कर सकते हैं। ऐसी ट्रेडिंग किसी न्यूज़ को फॉलो करते हुए करनी चाहिए। इस तरह से काम करते वक्त शेयर के सेक्टर की दूसरी कंपनियों को भी अच्छे से ट्रैक करना होता है। 

    D ) सेकंड हाफ के शुरुआत से क्लोजिंग तक की ट्रेडिंग

    स्टॉक मार्केट में दोपहर 12:30 pm बजे के आसपास सेकंड हाफ के मूवमेंट होना शुरू होते हैं। फर्स्ट हाफ में सुबह तकरीबन 11:00 am बजे तक मार्केट में ज्यादा हलचल होती है और डेढ़-दो घंटे के लिए मार्केट में आराम से कामकाज होता है। 

                "दोपहर 12:30 pm बजे के आसपास, मार्केट में फ्रेश मूवमेंट शुरू होता है।" इस अवसर का फायदा उठाने के लिए सेकंड हाफ में हम नए ट्रेड्स बना सकते हैं। इस प्रकार के ट्रेड्स 3:00 pm बजे तक बढ़िया मूवमेंट पकड़ते हैं। इससे हमें काफी लाभ हो सकता है। 

    E ) ओपनिंग से क्लोजिंग तक पुरे दिन की ट्रेडिंग 

    ओपनिंग से क्लोजिंग तक पूरे दिन के लिए ट्रेडिंग करनी हो तो, दमदार शेयर में दमदार न्यूज़ के साथ और दमदार टेक्निकल सेट अप के साथ ट्रेडिंग करनी चाहिए। 

                सुबह मार्केट शुरू होते ही ट्रेड में एंट्री करनी चाहिए। ट्रेड चाहे बढ़त की दिशा में हो या गिरावट की दिशा में हो, "ट्रेड पर पकड़ बनते ही स्टॉप लॉस ट्रेल करना चाहिए।" और अपनी पोजीशन को मार्केट क्लोजिंग तक होल्ड करनी चाहिए। ऐसे ट्रेड हम दोपहर 2:30 pm बजे से 3:00 pm बजे तक के बिच क्लोज कर सकते हैं। इस प्रकार के ट्रेडिंग से पूरे दिन के मूवमेंट का फायदा ले सकते हैं।

    2 ) टेक्निकल सेटअप को फॉलो करते हुए इंट्राडे ट्रेडिंग करना 

    इस प्रकार की इंट्राडे ट्रेडिंग सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर की जाती है। इसमें "चार्ट के मल्टीपल टाइम फ्रेम के ऊपर इंडिकेटर्स का इस्तेमाल" करके ट्रेड कंफर्म हो तो ट्रेडिंग की जाती है। 

                इस प्रकार के ट्रेडिंग के लिए एंट्री की पोजीशन एवरेज करते-करते करनी चाहिए। इससे बढ़िया प्राइस पर ट्रेड में एंट्री कर सकते हैं। और टारगेट आने पर ट्रेड क्लोज करते के वक्त भी थोड़ा-थोड़ा करके एंट्री क्लोज करनी चाहिए। इससे हमें बेटर एग्जिट मिलती है। इस प्रकार की ट्रेडिंग करके मुनाफा कमाना, टेक्निकल एनालिसिस में हम कितने माहिर है इसके ऊपर डिपेंड होता है। 

    3 ) न्यूज़ को फॉलो करके इंट्राडे ट्रेडिंग करना

    इस प्रकार की ट्रेडिंग 3-4 सालों के अनुभव से सीखने को मिलती है। इस प्रकार के ट्रेडिंग के लिए, किसी इंडिविजुअल शेयर में क्या न्यूज़ बन रही है ? इसका "फंडामेंटल स्टडी" करना होता है। 

                किसी कंपनी के रिजल्ट आने वाले हो या बोनस, डिविडेंड डिक्लेयर हो रहा हो या फिर किसी नए प्रोडक्ट की लॉन्चिंग की न्यूज़ हो। तो पिछले कुछ सालों के दौरान इस प्रकार के न्यूज़ से शेयर की कीमतों पर किस प्रकार का इफेक्ट होता हुआ दिखाई दिया था इसका स्टडी करना होता है। और आगे बन रहे इवेंट का इफेक्ट क्या हो सकता हैं इसका पूरा अंदाजा लेकर न्यूज़ बेस्ड ट्रेडिंग की जाती है। स्टडी करके कंफर्म ट्रेड बन रहा हो तो इस प्रकार के ट्रेड में बड़ी क्वांटिटी के साथ एंटर किया जा सकता है। 

    4 ) स्टॉक मार्केट डेटा के अनुसार इंट्राडे ट्रेडिंग

    ऊपर हमने जिन 3 तरीकों के बारे में जाना है उनका इस्तेमाल करने में एक्सपर्ट होने के बाद हम इस चौथे प्रकार से इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं। क्योंकि "इसमें ऊपरी तीन प्रकारों का अनुभव काम आता हैं।" इसके लिए काफी अनुभव और एक्सपर्टीज की जरूरत महसूस होती है।

    A ) अवरली टॉप गेनर्स, लूजर्स देखकर ट्रेडिंग करना

    इसमें हर घंटे के दौरान स्टॉक मार्केट में बढ़ने वाले और गिरने वाले शेयर की लिस्ट देखनी होती है। हमें कंपनी का नाम देखकर ही उस में चल रहे ट्रेंड का अंदाजा हो जाना चाहिए। शेयर की कीमत और बढ़त या गिरावट इन परसेंटेज देखकर यह अंदाजा लगाना आना चाहिए की, यह ट्रेंड फॉलो होगा या नहीं।

                और इस समझ के ऊपर ट्रेडिंग का डिसिजन लेना चाहिए। इस प्रकार के ट्रेडिंग करने के लिए ना तो चार्ट को ज्यादा देखने की जरूरत होती है। ना ही टेक्निकल एनालिसिस को देखने की जरूरत होती है और ना ही न्यूज़ को देखने की जरूरत होती है। "शेयर की चल रही प्राइस और प्राइस में हो रहे बदलाव पर नजर डालते ही हमें ट्रेंड फाइंड करना आना चाहिए।" तब हम इस प्रकार से ट्रेडिंग कर सकते हैं। 

    B ) सेक्टर के बुलिश, बेयरिश ट्रेंड्स देखकर ट्रेडिंग करना 

    यह स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने का बहुत ही बढ़िया तरीका है। सेक्टर में चल रही किसी अच्छी या बुरी न्यूज़ के कारण, सेक्टर के सारे स्टॉक्स चढ़ रहे हो या गिर रहे हो, उनमें से स्टॉक्स को सिलेक्ट करके ट्रेडिंग पोजीशन बनानी होती है। 

                इसके लिए हमें काफी सारे सेक्टर की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। और उन सेक्टर्स में शामिल कंपनियों के कारोबार के बारे में, उनके शेयर्स के परफॉर्मेंस के बारे में हमें ऑलरेडी जानकारी होनी चाहिए। और जब सेक्टर में मूवमेंट बन रहा हो तब उसके शेयर्स पर नजर डालते ही "हमें कौन से शेयर्स चल रहे ट्रेंड को और ज्यादा फॉलो कर सकते हैं ? उन्हें फाइंड करना आना चाहिए।" 

                और उनमें से 2 या 3 स्टॉक्स सिलेक्ट करके उनमें थोड़ी-थोड़ी पोजीशन बनानी है। इससे डायवर्सिफिकेशन भी होगा और ओवर ऑल सेक्टर के ट्रेंड का हम लाभ उठा सकते हैं। 

    C ) टॉप इंडेक्स को फॉलो करके ट्रेडिंग करना 

    इस प्रकार में ट्रेडर्स, "मुंबई में स्टॉक एक्सचेंज के बिल्डिंग के सामने खड़े होकर" टॉप इंटेक्स की चाल को समझते हुए ट्रेडिंग करते हैं। तो सोचिए यह कितनी कॉन्प्लेक्स प्रोसेस होगी ? या यूँ कहे की, इसके लिए बहुत ही ज्यादा एक्सपर्टीज की जरूरत होती है। 

                इसमें टॉप इंडेक्स में क्या चल रहा है इसे समझकर शेयर्स में पोजीशन बनाई जाती है। और स्टॉक मार्केट से बढ़िया लाभ कमाया जाता है। स्टॉक मार्केट के टॉप इंडेक्स का डाटा अपने अंदर सारी इनफार्मेशन और ट्रेंड को शो करता रहता है। इसे फॉलो करते हुए ट्रेड लेकर, उस ट्रेड पर अपनी पकड़ बना कर इस प्रकार की ट्रेडिंग से मुनाफा कमाया जाता है। 

                इस बात पर गौर करे की, टॉप गेनर्स और लूज़र्स के डाटा को फॉलो करने में सफल होकर हम माहिर ट्रेडर बनने की दिशा में पहला मुकाम हासिल करते हैं। सेक्टर के इंडेक्स को फॉलो करके हम मध्यम दर्जे के माहिर ट्रेडर बन जाते हैं। और "टॉप इंडेक्स को सफलतापूर्वक फॉलो करने से हम अव्वल दर्जे के ट्रेडर बन जाते हैं।" 

                जाहिर सी बात हैं की, इस सफर में ऊपरी तीन ट्रेडिंग प्रकारों का अनुभव बहुत उपयुक्त साबित होता हैं। 


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    इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में हमने यह जाना 

    स्टॉक मार्केट में निवेश करके पैसा कमाना यह लंबी अवधि के लिए किया जाता है। पोजिशनल ट्रेडिंग कुछ दिनों या महीनों के लिए किया जाता है। और इंट्राडे ट्रेडिंग यह 1 दिन के कालावधी के लिए की जाती है। 

                हमने यह जाना कि, स्टॉक मार्केट इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होता है ? स्टॉक मार्केट इंट्राडे ट्रेडिंग की विशेषताँए क्या हैं ? स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करके पैसे कैसे कमाए ?

                इसमें बहुत तेज गति से ट्रेडिंग करना होता है। "इंट्राडे ट्रेडिंग में जोखिम होती है और लाभ कमाने की संभावना भी होती है।" इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए स्टॉक मार्केट में टेक्निकल करना आवश्यक होता है। शेयर के चार्ट का एनालिसिस करके डिसिप्लिन के साथ इंट्राडे ट्रेडिंग करना हमारे लिए अच्छा साबित होता है।


    इंट्राडे ट्रेडिंग के FAQ's

    1) इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है ?

    इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब स्टॉक मार्केट में एक दिन में शेयर्स का सौदा लेकर उसे कंप्लीट करना होता हैं।

    2) इंट्राडे ट्रेडिंग की सबसे बड़ी खासियत क्या है ?

    इसमें हमारे डीमैट खाते में शेयर्स ना होते हुए भी शॉर्ट सेल कर सकते हैं जिन्हें उसी दिन वापस खरीदना होता है। यह इंट्राडे ट्रेडिंग की सबसे बड़ी खासियत है।

    3) इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कौन-से टाइप का ब्रोकर सिलेक्ट करना चाहिए ?

    इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए डिस्काउंट ब्रोकर सिलेक्ट करना चाहिए।

    4) क्या इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए ?

    जी हाँ, पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए। इससे रियल लॉस किए बिना इंट्राडे ट्रेडिंग की प्रैक्टिस होती है।

    5) इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कौन-सा एनालिसिस करना चाहिए ?

    इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए चार्ट का टेक्निकल एनालिसिस करना चाहिए।

    6) क्या इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस लगाना जरूरी है ?

    जी हाँ, इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस लगाना जरूरी होता है। स्टॉप लॉस 1% से 1.5% तक होना चाहिए।

    7) इंट्राडे ट्रेडिंग में प्रॉफिट का टारगेट कितना परसेंट होना चाहिए ?

    इंट्राडे ट्रेडिंग में प्रॉफिट का टारगेट 2% से 3% तक होना चाहिए।

    8) क्या लॉस हो रहे ट्रेड को अगले दिन के लिए होल्ड करना चाहिए ?

    नहीं, क्योंकि इसमें बड़ा लॉस होने की संभावना होती हैं।

    9) क्या प्रॉफिट हो रहे ट्रेड को अगले दिन के लिए होल्ड करना चाहिए ?

    ट्रेलिंग स्टॉप लॉस लगाकर ऐसा कर सकते हैं। लेकिन इंट्राडे में ही प्रॉफिट बुक करना बेहतर होता हैं।

    10) क्या इंट्राडे ट्रेडिंग में फुल टाइम करियर कर सकते हैं ?

    जी हाँ, स्टॉक मार्केट का स्टडी करके इंट्राडे ट्रेडिंग में फुल टाइम करियर कर सकते हैं।

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    3 Comments

    1. Pre Open से Opening तक का ट्रेडिंग का प्रकार अच्छा लगा। कृपया उदाहरण भी दिजिए। हमें और जानना है।

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      1. Welcome Sir,
        जानकारी अपडेट कर दी है। प्री ओपन सेशन से ओपनिंग तक के लिए ट्रेडिंग करते वक्त इस बात पर गौर करना चाहिए कि, स्टॉक मार्केट में बुलिश ट्रेंड चल रहा हो। और रेजिस्टेंस लेवल्स ऊपर की तरफ ब्रेक होने की ज्यादा संभावनाएं बन रही हो।

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      2. "विशेष खबर"
        बैंक निफ़्टी कॉल और पुट ऑप्शन के ट्रेडिंग आईडियाज और टिप्स को क्रॉस चेकिंग करने के लिए, उन पर सेकंड ऑपिनियन लेने के लिए सर्च बार में "Bank Nifty Chart Analysis" टाइप करके जानकारी पढ़ सकते हैं। कमेंट करने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया।

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