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India Vix को कैसे समझे ? Nifty Vix इन हिंदी।


            दोस्तों, आज हम यहाँ पर मिलकर, स्टॉक मार्केट में आ सकने वाली बढ़त और गिरावट को नापने वाले इंडिया विक्स के बारे में हिंदी में जानकारी लेंगे। इसमें, India Vix को कैसे समझे ? इंडिया विक्स क्या होता है ? इंडिया विक्स को हिंदी में कैसे समझें ? इंडिया विक्स का महत्व क्या है ? और इंडिया विक्स का उपयोग कैसे करें ? यह जानकारी लेंगे। तो आइए शुरू करते हैं। 


India Vix Today


Friday, 18-08-2024 India Vix 14.40 Down by 6.69%

India Vix in Hindi. Nifty Vix in Hindi.
India Vix in Hindi. Nifty Vix in Hindi.
 

            दोस्तों, हम सभी को स्टॉक मार्केट से बहुत लगाव है। इसलिए हम स्टॉक मार्केट के सभी टर्म्स की ज्यादा-से-ज्यादा जानकारी हासिल करके फुल टाइम ट्रेडर बनना चाहते हैं। 

            और हम सभी को यह चाहत होती है कि, स्टॉक मार्केट का थोडासा अंदाजा आ जाए तो अच्छा है। इससे काम, तसल्ली के साथ होगा। सही है ? इस तसल्ली को पाने के लिए इंडिया विक्स बहुत उपयुक्त साबित होता है। इसे "निफ़्टी विक्स" भी कहा जाता है।



    India Vix क्या है ?

                इंडिया विक्स याने की, इंडियन स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव को दर्शाने वाला नंबर। आसान है ? 

    इंडिया विक्स यह व्होलॅटिलिटी इंडेक्स है। इसे निफ़्टी ऑप्शंस के इम्प्लॉयड व्होलॅटिलिटी से कैलकुलेट किया जाता हैं। इससे अगले 30 दिनों में हो सकने वाली व्होलॅटिलिटी का अनुमान लगाया जाता है। इंडिया विक्स को इंडीकेटर्स के साथ इस्तेमाल करने से ट्रेडिंग में बेहतरीन रिजल्ट्स मिलते हैं। 

                एनएसई के द्वारा निकाले जाने वाला इंडिया विक्स, निफ्टी के जैसा प्राइस निर्देशक नहीं होता है। यह इंडेक्स ऑप्शन्स के ऑर्डर बुक के अनुसार अपनी वैल्यू परसेंटेज में दर्शाता है। "ऑप्शन्स ट्रेडिंग ऑर्डरबुक में होने वाले उतार-चढ़ाव के कारण इंडिया विक्स प्रभावित होता है।" इसको देख कर हम यह पता लगाते है कि, स्टॉक मार्केट में परिवर्तनशीलता कितनी है, याने कि व्होलॅटिलिटी कितनी है। 

    "इंडिया विक्स बढ़ने का मतलब होता है कि, उतार-चढ़ाव बढ़ेंगे। और इंडिया विक्स घटने का मतलब होता है कि, उतार-चढ़ाव कम होंगे।" 

    इंडिया विक्स याने की, निफ़्टी में कितनी बढ़त और कितनी गिरावट होने के आसार बन रहे है इसकी रेंज को आंकड़े के द्वारा समज़ना। नहीं समझे इस बात को ? तो आइए, इसे उदाहरण के माध्यम से समज़ते है। 

    उदाहरण

    इंडिया विक्स 12 आया तो ऐसा माना जाता है की, अगले 30 दिनों में निफ़्टी 12 % ऊपर और निचे की रेंज में कामकाज कर सकता है। एकदम आसान है। है ना ? 

                अब हमने यह जाना की इंडिया विक्स क्या है ? तो आगे बढ़कर इसे समज़ना शुरू करते है। ताकि इसका ट्रेडिंग और इन्व्हेस्टमेंट के लिए उपयोग किया जाए। 


    India Vix को कैसे समझे ?

    India Vix 15 Min. Chart from 09-01-0224 to 11-01-2024.
    India Vix 15 Min. Chart.


                यहाँ पर हमने "09-01-2024 से 11-01-2024 तक" का इंडिया विक्स का चार्ट लिया है। अगर हम शेयर के प्राइस मूवमेंट को चार्ट के माध्यम से समझ सकते है तो इंडिया विक्स को जानना बहुत ही आसान साबित होगा। 

    1 ) किसी शेयर के प्राइस की तरह इंडिया विक्स की भी एक प्राइज होती है।

    2 )इस प्राइस का डेली चार्ट होता है। 

    3 ) इस चार्ट पर इंडिया विक्स की कीमत में हो रहा उतार-चढ़ाव दिखाया जाता है। 

    4 ) ज्यादातर बार इंडिया विक्स की, डेली क्लोजिंग कीमत के अनुसार वोलैटिलिटी का जायजा लिया जाता है। 

    5 ) चार्ट के माध्यम से, स्टॉक मार्केट के बदलाव की गति और ऊपर नीचे की रेंज का पता चलता है। इससे स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग और इन्व्हेस्टमेंट करने में आसानी होती है। 

                तो इस तरह से, इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स को समझना बहुत ही आसान है। अब हम इस बारे में जानकारी लेते हैं कि इंडिया विक्स को जानना महत्वपूर्ण क्यों है। 


    India Vix का महत्व क्या है ?

    इंडिया विक्स जिसे निफ़्टी विक्स भी कहा जाता है। इसके नाम से ही इसका महत्व उजागर होता है। 

    "इंडिया विक्स यह निफ्टी से संबंधित है।" निफ्टी हमारे स्टॉक मार्केट का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण इंडेक्स है। 


    इंडिया विक्स कॅल्क्युलेशन के घटक

                यहाँ पर हमने इंडिया विक्स को बनाने के लिए कौन-कौन से घटकों का इस्तेमाल किया जाता है इसके बारें में जानकारी उपलब्ध की है।

    1 ) इंडिया विक्स की कैलकुलेशन के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटक "ऑप्शन्स की एक्सपायरी" होतीं है। एक्सपायरी के लिए बचे हुए टाइम पीरियड के लिए इंडिया विक्स कॅल्क्युलेट किया जाता है। 

    2 ) इंडिया विक्स कैलकुलेट करते वक्त, "आउट ऑफ द मनी ऑप्शंस के ट्रांजैक्शंस" को भी कंसीडर किया जाता है। और एट द मनी ऑप्शन की स्ट्राइक प्राइस को लेकर फॉरवर्ड इंडेक्स लेवल निकाला जाता है। 

    3 ) निफ़्टी फ्यूचर्स और ऑप्शन्स के एक्सपायरी के समय तक के "रिस्क फ्री इंटरेस्ट रेट" को भी ध्यान में लिया जाता है। यह पिरियड 30 दिनों का होता है। इंटरेस्ट रेट ज्यादा होंगे तो इंडिया विक्स ज्यादा बढ़ सकता है। 

    4 ) निफ़्टी के एट द मनी ऑप्शन्स कॉन्ट्रैक्ट के "बिड-आस्क प्राइस" को इंडिया विक्स कैलकुलेट करने के लिए कंसीडर किया जाता है। 


    India Vix का उपयोग कैसे करे ?

                इंडिया विक्स को बनाने का फार्मूला, कॉम्प्लिकेटेड और गणितीय होता है। स्टॉक मार्केट में काम करते वक्त हमें, इंडिया विक्स को कैसे उपयोग करे ? यह जानना, ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसलिए हम यहां पर "ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में Nifty Vix का उपयोग" किस तरह से किया जा सकता है इसके बारे में विस्तार से जानकारी लेंगे। 


    इंडिया विक्स का इन्व्हेस्टमेंट में उपयोग

                यह इंडेक्स लंबी अवधि के इन्वेस्टमेंट के लिए भी बहुत लाभदायक साबित होता है। हालाँकि लंबी अवधि के इन्वेस्टमेंट करने वाले इन्व्हेस्टर्स को, शॉर्ट टर्म के बदलावों को ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत नहीं होतीं है। सही है ? 

                लेकिन शॉर्ट टर्म के बदलावों के कारण पोर्टफोलियो पर जो असर सकता है। उसे कम करने के प्लान बनाने के लिए इंडिया विक्स उपयुक्त होता है। 

                अपने निवेश को एव्हरेज करते वक्त, इंडिया विक्स के जरिए व्होलॅटिलिटी चेक करनी चाहिए। इससे चालू निवेश में पोज़िशन बढ़ाने के लिए समय अनुकूल है या नहीं इसका अंदाजा लगता है। यहाँ इंडिया विक्स की जरूरत इसलिए होती है, क्योंकि पोजीशन ऊपर के लेवल पर या निचे की लेवल पर, एव्हरेज की जाए तो पोर्टफोलियो प्रभावित होता है। 

    एक्सिस्टिंग शेयर्स में कम प्राइस पर पोजीशन बढ़ाना 

                हमारे पोर्टफोलियो में जो शेयर्स है उनमें, गिरावट में निवेश बढ़ाने से हमारे उस निवेश का एव्हरेज प्राइस तो निचे आता है लेकिन शेयर्स की संख्या बढ़ती है। याने की ऐसा करने में रिस्क तो है। सही है ? 

                इंडिया विक्स के उपयोग से, इस रिस्क को "कॅल्क्युलेटेड रिस्क" में तब्दील किया जा सकता है। यह आसान भी है। इंडिया विक्स कम हों तो उतार-चढ़ाव कम होतें है। ऐसे समय पर स्टॉक मार्केट की जानकारी को फ़िल्टर करते हुए पोर्टफोलियो में निवेश बढ़ाया जा सकता है। 


    इंडिया विक्स का ट्रेडिंग में उपयोग

                स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते वक्त, इंडिया विक्स का इस्तेमाल करना बहुत ही आवश्यक होता है। क्योंकि इसी से हमें इंट्राडे में चल रही व्होलॅटिलिटी का पता चलता है। इसके बगैर हम ट्रेडिंग में कहीं पर भी हाथ-पाव मारे तो हमें कंसोलिडेशन जैसी कंडीशन का सामना करना पड़ेगा। इस वजह से ट्रेडिंग पोजीशन बनाकर उसको होल्ड करना और पेशंस रखना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा। 
                इसलिए इंडिया विक्स का इस्तेमाल करके स्टॉक मार्केट की उतार चढ़ाव की दर को समझ कर, ट्रेडिंग करने से प्रॉफिट होने की संभावना बढ़ती है। निफ़्टी ऑप्शंस में ट्रेडिंग करते वक्त इस निफ़्टी विक्स इंडेक्स को इस्तेमाल करके हम ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट बना सकते है। 
                निफ़्टी ऑप्शंस एक्सपायरी के लिए बचे हुए दिनों को ध्यान में रखते हुए, हम निफ़्टी कॉल ऑप्शन, पुट ऑप्शन में कुछ दिनों की पोजीशन होल्ड करने की सोचते है। इस "स्ट्रेटजी को प्रॉफिटेबल बनाने के लिए इंडिया विक्स" की मदद से उतार-चढ़ाव का अंदाजा लेकर पोजीशनल ट्रेडिंग करनी चाहिए। जिससे ट्रेडिंग प्रॉफिट टारगेट और स्टॉप लॉस कितना होना चाहिए ? इसका मोटा मोटी अंदाजा मिलता है। 

    उपयुक्त जानकारी

    Stock Market Advances Declines को कैसे समझे ?

    स्टॉक मार्केट वीकली अपडेट्स।

    ओपन इंटरेस्ट को कैसे समझे ?


    इंडिया विक्स के बारें में हमने यह जाना

                हमने यहाँ पर इंडिया विक्स के बारे में हिंदी में जानकारी ली हैं। इसमें, India Vix को कैसे समझे ? इंडिया विक्स क्या होता है ? इंडिया विक्स को कैसे समझें ? इंडिया विक्स का महत्व क्या है ? और इंडिया विक्स का उपयोग कैसे करें ? यह जानकारी ली हैं। 

                इंडिया विक्स यह, इंडियन स्टॉक मार्केट के सबसे बड़े इंडेक्स निफ्टी ऑप्शंस ट्रेडिंग से संबंधित है। इंडिया विक्स से यह पता चलता है कि, आने वाले दिनों में स्टॉक मार्केट कितना ऊपर जा सकता है और कितना नीचे आ सकता है। इस जानकारी के मदद से हम स्टॉक मार्केट में निवेश और ट्रेडिंग कर सकते है।


    India Vix FAQs

    1) इंडिया विक्स कम होने से क्या होता है ?

    इंडिया विक्स कम होने से स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव कम होते है।

    2) क्या इंडिया विक्स कम होना निवेश के लिए अच्छा होता है ?

    हाँ, इंडिया विक्स में कमी होना निवेश के लिए अच्छा होता है। क्योंकि इससे वोलैटिलिटी कम होती है

    3) इंडिया विक्स की आम तौर पर नॉर्मल लेवल क्या होती है ?

    इंडिया विक्स की नॉर्मल लेवल 13 से 19 के बीच होती है। इस लेवल पर उतार चढ़ाव नॉर्मल होते है।

    4) इंडिया विक्स कौन से इंडेक्स से जुड़ा होता है ? और इसे कौन कैलकुलेट करता है ?

    इंडिया विक्स निफ़्टी से जुड़ा होता है। इसे एनएसई के द्वारा कैलकुलेट किया जाता है।

    5) इंडिया विक्स को देखकर रिस्क कितनी है यह कैसे समझें ?

    अगर इंडिया विक्स 20 से नीचे है तो निवेश के लिए रिस्क कम है। और इंडिया विक्स 20 के लेवल के ऊपर हो तो निवेश के लिए रिस्क ज्यादा है ऐसे समझे।

     

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