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कंपनी का गुडविल कैसे निकालते है ? Goodwill in Hindi.

गुडविल यह एक अदृश्य संपत्ति मानी जाती है। आज हम मिलकर, कंपनी के गुडविल के बारे में हिंदी में जानकारी लेंगे। इसमें कंपनी का गुडविल क्या होता है ? गुडविल के उपयोग क्या होते हैं ? "कंपनी का गुडविल कैसे निकालते हैं ?" यह जानेंगे। और गुडविल निकालने का फार्मूला हिंदी में जानेंगे। गुडविल बैलेंस शीट में कहां दिखाया जाता है ? यह देखेंगे। तो आइए शुरू करते हैं। 

Company Goodwill Meaning Uses in Hindi.
Stock Market Company Goodwill in Hindi.


            कंपनी चलाना उसको आगे बढ़ाना चैलेंजिंग काम होता है। कोई कंपनी कई साल अपना बिजनेस चलाती है, ग्रोथ करती है। तो उसकी वैल्यू की जाती है। 

     

    गुडविल क्या होता है ?

                कंपनी के वास्तविक कीमत जो है उसके ऊपर जो कीमत बनती हैं उसे गुडविल कहते है। गुडविल को कंपनी के हर साल के बैलेंस शीट में मेंशन किया जाता है।

                दोस्तों जैसा कि हम सभी जानते है कि, कोई कंपनी सालों से अपना बिजनेस चलाती हैं तो उस बिजनेस में उस कंपनी का नाम होता है, उसकी शोहरत होती है। इसको गुडविल के नाम से दर्शाया जाता है। 

    गुडविल में कंपनी का ब्रांड नेम, कस्टमर के साथ अच्छा रिश्ता, मजबूत विक्री क्षमता, अच्छे कर्मचारी और इसकी जैसे ही अच्छी बातें जो कि कंपनी ने की है उनका समावेश होता है। गुडविल के दम पर कंपनी बाकियों से ज्यादा सामान और सेवांए बेचती हैं। 

    गुडविल के उपयोग

    1 ) जब एक बड़ी कंपनी अपने ही क्षेत्र में किसी छोटी कंपनी का एक्विजिशन करना चाहती है। या फिर नए क्षेत्र में अपना उद्योग बढ़ाने के लिए किसी कंपनी को खरीदना चाहती है। तब गुडविल निकाला जाता है।  

    2 ) जब एक कंपनी, दूसरी कंपनी को खरीदती हैं तब वह उस कंपनी की वैल्यू से भी ज्यादा जो ज्यादा रकम देती है। वह कैलकुलेट करने के लिए गुडविल निकाला जाता है। 

    3 ) कंपनी के अभी जो पार्टनर है उनके बीच प्रॉफिट शेयरिंग रेशो में डिफरेंस हो तो गुडविल निकाला जाता है। 

    4 )किसी पार्टनर के रिटायरमेंट के वक्त गुडविल निकाला जाता है। 

    5 ) किसी पार्टनर की डेथ हो जाती है। तो ऐसी परिस्थिति में भी गुडविल की वैल्यू निकाली जाती है। 


    गुडविल कैसे निकालते है ? 

                किसी कंपनी का गुडविल कैलकुलेट करना यह कॉम्प्लिकेटेड प्रोसेस होता है। 

    कंपनी की एक्चुअल प्राइस निकालना

    इस प्रोसेस में पहले कंपनी की एक्चुअल प्राइस निकाली जाती है। 

    एक्चुअल कीमत = (असेट की कीमत - लायबिलिटीज की कीमत)

                अगर कंपनी की असेट ज्यादा हो तो वह डेब्ट फ्री कंपनी मानी जाएगी। और उसकी जो वैल्यू निकलेगी उससे भी ज्यादा कीमत में उसका सौदा हो सकता है। ऐसे में गुडविल मिलेगा।

                अगर कंपनी की लायबिलिटीज ज्यादा हो तो वह डिस्ट्रेस्ड असेट कंपनी मानी जाएगी।  और उसकी जो वैल्यू निकलेगी उससे भी कम कीमत में उसका सौदा हो सकता है। ऐसे में गुडविल नहीं मिलेगा। 


    गुडविल निकालने का फॉर्म्युला 

    गुडविल = अभी कंपनी बिकती है तो किस प्राइस पर बिकेगी वह प्राइस - (कंपनी के मालमत्ता की कीमत - कंपनी के देनेदारी की कीमत) 

    उदाहरण

                आइए, इसे उदाहरण लेकर समझते है। मान लो "X" एक बड़ी कंपनी है और वह "Y" कंपनी को खरीदना चाहती है। तो इनके बीच में सौदा कुछ इस प्रकार से होगा। हवाई  

    1 ) "X" कंपनी, "Y"कंपनी को खरीदने के लिए एक करोड़ रुपए देना चाहती है। जो कि कंपनी की एसेंट और लायबिलिटीज की एक्चुअल कीमत निकल रही है। 

    एक्चुअल कीमत एक करोड़ रुपए असेट की कीमत एक करोड़ चालीस लाख रुपए - लायबिलिटीज की कीमत चालीस लाख रुपए। 

    2 ) "Y" कंपनी अपने गुडविल के लिए और बीस लाख रुपए ज्यादा की मांग रख रही है।

    3 ) इन दोनों कंपनियों के बीच मीटिंग होकर "Y"कंपनी की कीमत एक करोड़ दस लाख रुपए तय होती है। 

    4 ) इस सौदे में "X" कंपनी ने "Y" कंपनी को खरीदने के लिए जो एक्स्ट्रा दस लाख रुपए दिए है यह गुडविल कहलाता है।

                चलिए इसे और ज्यादा आसान बनाते है। इस उदाहरण को फॉर्मूला में डालकर गुडविल को समझते है। 


    गुडविल दस लाख रुपए = कंपनी की तय कीमत एक करोड़ दस लाख रुपए - कंपनी की वास्तविक कीमत एक करोड़ रुपए।


    गुडविल कहाँ दिखाया जाता हैं ?

    गुडविल कंपनी की बैलेंस शीट के एसेट साइड में दिखाया जाता हैं। 

    Ashok Layland Balance Sheet 2022 Goodwill.
    Ashok Layland Balance Sheet 2022 Goodwill.


    यह अशोक लेलैंड का सप्टेंबर, जून और मार्च 2022 के बैलेंस शीट का असेट साइड हैं। इमेज में हम देख सकते हैं की, बैलेंस शीट में गुडविल की कीमत दिखाई जाती हैं। 

                कंपनी के गुडविल को देखकर हम उस पर्टिकुलर स्टॉक को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना हैं या नहीं इसका डिसीजन ले सकते हैं। 


    गुडविल अकाउंटिंग की प्रोसिजर

                कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करके, गुडविल पांच अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग तरीकों से निकाला जाता है। कंपनी का एक्विजिशन होने वाला हो तो दो पार्टियों के बीच में होने वाले डील के ऊपर यह प्रोसीजर डिपेंड करता है। 

    1 ) जब गुडविल, अकाउंटिंग बुक में ऑलरेडी एक्जिस्ट करता है, तब उसी अमाउंट से गुडविल तय किया जाता है। 

    2 ) जब कोई नया पार्टनर, अपने साथ कंपनी के शेयर से लेकर आता है। तो उसके शेयर्स के साथ जो गुडविल आता है उससे गुडविल तय किया जाता है। 

    3 ) जब कोई नया पार्टनर, अपने साथ कोई शेयर्स नहीं लेकर आता है। ऐसी परिस्थिति में अलग से गुडविल तय किया जाता है। 

    4 ) जब गुडविल की अमाउंट, अकाउंटिंग बुक में रिकॉर्ड नहीं होती है। और नया पार्टनर गुडविल इन कैश लेकर आता है तब गुडविल तय किया जाता है। 

    5 ) जब कंपनी की अकाउंटिंग बुक में, मेंशन किया हुआ गुडविल अपनी फुल वैल्यू से निकालना होता है। तब गुडविल तय किया जाता है। 

                किन परिस्थितियों में कंपनी का एक्विजिशन होने जा रहा है ? कंपनी की आर्थिक स्थिति कैसी है ? और कंपनी का मार्केट शेयर कितना है ? कंपनी का कामकाज किस तरह से चल रहा है ?कंपनी को एक्विजिशन करने की दोनों पार्टियों को, कितनी ज्यादा जरूरत है ? ऐसी कई सारी चीजों के ऊपर कंपनी के गुडविल की वैल्यू डिपेंड करती है। और बाकी कुछ हो ना हो, स्टॉक मार्केट में शेयर की वैल्यू बरक़रार रखने के लिए भी गुडविल तय किया जाता हैं। 


    गुडविल निकालने के तरीके

    गुडविल की वैल्यू 3 तरीकों से निकाली जाती है। 

    1 ) एवरेज प्रॉफिट्स मेथड 

    2 ) सुपर प्रॉफिट्स मेथड कैपिटल 

    3 ) कैपिटलायजेशन मेथड


    उपयुक्त जानकारी 

    कंपनी के मैनेजमेंट को ट्रैक कैसे करें ?

    स्टॉक मार्केट में, कंपनी का Stock Split और Bonus Issue क्या होता है ?

    स्टॉक मार्केट में सेंसेटिविटी एनालिसिस कैसे करे ?


    गुडविल के बारें में हमने यह जाना

                गुडविल के बारे में हमने यह जाना कि, गुडविल एक अदृश्य संपत्ति है। जो कि दिखाई नहीं देती बल्कि महसूस की जाती है। इसमें कंपनी का ब्रांड, सालों की मेहनत, कस्टमर के साथ अच्छे रिलेशन्स ऐसी कई बातों का जिक्र किया जाता है। 

                हमने यहाँ पर कंपनी के गुडविल के बारे में हिंदी में जानकारी ली। इसमें कंपनी का गुडविल क्या होता है ? गुडविल के उपयोग क्या होते हैं ? "कंपनी का गुडविल कैसे निकालते हैं ?" यह जाना। और गुडविल निकालने का फार्मूला हिंदी में देखा। गुडविल बैलेंस शीट में कहां दिखाया जाता है ? यह भी जाना। 

                गुडविल यह वाकई में एक बहुत ही बढ़िया कंसेप्ट है। जब कोई कंपनी बिकती है तब गुडविल के कारण उसको ज्यादा कीमत मिलती है। यह एक अच्छी बात है। 



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