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स्टॉक मार्केट में कितना पैसा लगाना चाहिए ?


             दोस्तों, जैसा की हम सभी जानते है की, स्टॉक मार्केट में बहुत पैसा है। और हम सभी यह चाहत रखते है कि, "हमें स्टॉक मार्केट से ढेर सारा पैसा कमाना है।" और मैं गलत नहीं हूँ तो हम सभी इसी के बीच में होते है। और लगाते रहते है अपना पैसा स्टॉक मार्केट में। और इस पर मेहनत करतें जातें है की अपने पैसों से चिपक कर कुछ पैसा हमारे खाते में आ जाये। सही है ?

            इसलिए आज हम यहां पर मिलकर, "स्टॉक मार्केट में कितना पैसा लगाना चाहिए ?" इसके बारे में हिंदी में जानकारी लेंगे। इसमें स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में कितना पैसा लगाना चाहिए ? स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट में कितना पैसा लगाना चाहिए ? स्टॉक मार्केट में कब पैसा लगाना चाहिए ? इसके बारे में जानेंगे। तो आइए शुरू करते हैं

Stock Market Capital
Stock Market Capital in Hindi.

                हम तो बस इसी फ़िराक में होते है कि, हमें पैसा मिलना चाहिए। कितना ? इस चाहत की कोई सीमा नहीं होती है। है ना ? इस बात पर गौर करें कि, ट्रेडिंग के साथ ही बेस्ट पोर्टफोलियो बनाने का लक्ष्य बनाकर हम ऐसा जरूर कर सकते है। 

      

    स्टॉक मार्केट में कॅपिटल

                हमें सही काम यह करना है की हम तय करें अपना कॅपिटल। "हमारा कॅपिटल ही स्टॉक मार्केट में हमारा अस्तित्व होता है।" चलिए एक और बार, "हमारा कॅपिटल ही स्टॉक मार्केट में हमारा अस्तित्व होता है।" इसे दुबारा पढ़ने का उद्देश्य यह है की यह सच्चाई है! इसका सामना करने के लिए फियर अँड ग्रीड पर कंट्रोल करना आना चाहिए। 

                तो सवाल यह है की इसे कैसे करना है ? जवाब में कहते है की, "Just Throw Money In The Stock Market." हमें ध्यान में लेना चाहिए की यह एक गोल्डन स्टेटमेंट है। इसका निवेश के नजरिये से यह मतलब यह निकलता है कि, "स्टॉक मार्केट निवेश में उतना ही पैसा लगाना चाहिए, जितना खो देने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा।" ठीक है ? और ट्रेडिंग की इच्छा है तो "ट्रेडिंग में हमें उतना ही पैसा लगाना चाहिए, जितना हमारा स्टॉप लॉस हमें Allow करता है।"


    स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में कॅपिटल

                स्टॉप लॉस के द्वारा हमें ट्रेडिंग में पैसा लगाने के लिए Allow किए जाना। यह एक महत्वपूर्ण संकल्पना है। इसका मतलब यह निकाला जा सकता है की, हम अपने कॅपिटल का कितना हिस्सा गँवाना बर्दाश्त कर सकते है। जिसे की "रिकव्हर करने का प्लान" भी हमारे पास है।

    उदाहरण 

                आइए, इसे मिस्टर एस कुमार के उदाहरण के माध्यम से समज़ने की कोशिश करते है। इससे हम अपने ट्रेडिंग कॅपिटल की रकम तय कर सकते है। 

    (1) मिस्टर एस कुमार टोटल Rs. 30,000 का लॉस बर्दाश्त कर सकते है।

    (2) मिस्टर एस कुमार एक ट्रेड में Rs. 3,000 का लॉस बर्दाश्त कर सकते है।

    (3) उनके पास अब 10 स्टॉप लॉस है। जो की उन्हें 10 बार, Rs. 3,000 का लॉस Allow करतें है।

    (4) अगर एक ट्रेड में स्टॉप लॉस हिट होता है तो उस अमाउन्ट को याने की Rs. 3,000 को नेक्स्ट ट्रेड में रिकव्हर करने का प्लान और डिसिप्लिन उनके पास है। 

                अब आतें है मेन मुद्दे पर, (A) मिस्टर एस कुमार Rs. 30,000 का टोटल लॉस बर्दाश्त कर सकते है। यह उनके टोटल कॅपिटल का कितना हिस्सा है ? अगर यह लॉस बर्दाश्त की सीमा 20% ऑफ़ टोटल कॅपिटल है। तो मिस्टर एस कुमार को टोटल Rs. 1,50,000 ट्रेडिंग के लिए लगाना चाहिए। सही है ?

    (B) एक ट्रेड में Rs. 3,000 का स्टॉप लॉस लगाने की क्षमता के साथ ट्रेड करने के लिए उन्हें हर एक ट्रेड में 2% के आसपास का स्टॉप लॉस लगाना चाहिए।

    (C) अपनी इन सारी क्षमताओं के साथ ट्रेडिंग करने के लिए उन्हें 2% के स्टॉप लॉस के अनुकूल ट्रेडिंग आइडियाज फाइंड करने वाली "ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी" बनानी चाहिए। 


    स्टॉक मार्केट निवेश में कॅपिटल

                अब बात करते है स्टॉक मार्केट में निवेश की। यहाँ हम नया नजरिया, नया विचार लेकर आएं है। निचे हम कोअर कॉम्पीटन्सी के बारें में समझेंगे। इसे जानकर हो सकता है की आपका भी इसे अपनाने का मन करें। 

    स्टॉक मार्केट में पैसा कैसे लगाना है ?

                हमें स्टॉक मार्केट में इस तरह से पैसा लगाना है जिसे पूरी तरह से खोने पर भी हम ठीक रहें। सही है ? तो हम अपने आप को मेन्टेन रखते हुए एक्स्ट्रा मनी स्टॉक मार्केट निवेश में लगाने जा रहे है।

                अपने पैसों की याने की निवेश की सुरक्षा करना और उसे बढ़ाना यह हमारे मेन टार्गेट होते है। उन्हें एचिव्ह करने के लिए हमें किस तरह से काम करना है यह आगे समज़ते है।


    स्टॉक मार्केट में कोअर कॉम्पीटन्सी 

    Stock Market Capital
    Stock Market and Core Competency.

                स्टॉक मार्केट में पैसा लगाकर हमें अपनी कोअर कॉम्पीटन्सी बनानी होती है। "कोअर कॉम्पीटन्सी याने की गाभाभूत सक्षमता।" यह एक ऐसी कपॅसिटी होती है जिससे कुछ भी हो जाए हम हर सिच्युएशन के लिए तैयार होते है। कोअर कॉम्पीटन्सी से हम % Game से बच सकते है। है ना ? तो आइए इसे उदाहरण के माध्यम से समज़ते है। 

    उदाहरण

    मेरे दोस्त के भाई 'मिस्टर एस कुमार' ने ही यह तरीका मुझे बताया है। उन्होंने स्टॉक मार्केट में बहुत ही इनोव्हेटिव्ह तरीके से अपनी कोअर कॉम्पीटन्सी बनाई है। 'एस कुमार' ने कहा, "मेरा फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए स्टॉक मार्केट में Rs. 10 लाख का निवेश है। और ट्रेडिंग के लिए मैंने Rs. 5 लाख कॅपिटल रखा है। मैंने तीन साल पहले Rs. 5 लाख से शुरुआत की है।" 

                "लेकिन शुरू से ही मैं सारा पैसा एकसाथ नहीं लगाता हूँ। स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस का अच्छे से स्टडी करने के बाद मैंने काफी वक्त और दिमाग लगाकर कॅपिटल का नियोजन किया।" यह कुछ इस प्रकार से है कि, "जब भी मैं कोई ट्रेड लेता हूँ। प्रॉफिट का टार्गेट आते ही ट्रेड तो क्लोज कर देता हूँ लेकिन उस ट्रेड का मुनाफा लेने के बजाय उतने शेयर्स रख लेता हूँ। वह शेयर्स मेरे डी-मॅट अकाउंट में आते हैं।" 

                'एस कुमार' ने आगे कहा, "इससे मेरा पोर्टफोलियो अपने आप ही बनता जा रहा है। इस प्रोसेस में मेरी पोजीशन की एव्हरेजिंग भी अपने आप ही होती है।" जैसे की मान लो की मैंने, 

    1 ) ट्रेडिंग के लिए "X" कंपनी के Rs. 100 के 1000 शेयर्स खरीदें। बायिंग ट्रेड 1000 × 100 = Rs. 100,000 का हुआ।

    2 ) प्रॉफिट टार्गेट Rs. 105 ट्रिगर होते ही ट्रेड क्लोज करते हुए मैंने 955 शेयर्स सेल किये। ऐसे में सेलिंग ट्रेड 955 × 105 = Rs. 100,275 का हुआ। इससे मेरी लगाई हुई पूंजी और ट्रेडिंग एक्सपेंसेस निकल आये।

    3 ) बाकी बचे हुए 45 शेयर्स को पोजीशन मॉडिफाई करके CNC में तब्दील किया। इससे वह शेयर्स मेरे होल्डिंग में आ गए। 

                "अब यह शेयर्स कितने भी निचे जाएं मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।" और आगे जब भी कभी इस शेयर में ट्रेडिंग का अवसर आए तब भी मैं इसी प्रकार से काम करूँगा। इससे मेरी होल्डिंग पोजीशन बढ़तीं जाएँगी और एव्हरेज भी होती रहेगी। सही है ? 

                और इस तरह से उन्होंने तीन साल लगन से काम करके अपनी कोअर कॉम्पीटन्सी बनाई है। इनका पोर्टफोलियो बनता गया और बढ़ता गया। आज भी वह ट्रेडिंग के लिए Rs. 5 लाख कॅपिटल रखते है। यह उनकी डिसिप्लिन है। जब की उनका पोर्टफोलियो Rs. 10 लाख का हो गया है।

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    स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने के बारें में हमने यह जाना। 

                यहाँ पर मिलकर हमने यह जाना की, "स्टॉक मार्केट निवेश में और ट्रेडिंग में कितना पैसा लगाना चाहिए ?" इसमें स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग में कितना पैसा लगाना चाहिए और इन्वेस्टमेंट में कितना पैसा लगाना चाहिए ? स्टॉक मार्केट में पैसा कब लगाना चाहिए ? स्टॉक मार्केट में पैसा कैसे लगाना चाहिए ? इसके बारे में डिटेल में जानकारी ली है। अपने पैसों का नियोजन इस तरह से करना चाहिए की हम अपने पैसों से स्टॉक मार्केट में पैसे कमाए। 


     

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