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Stock Market Pre-mortem टेक्निकल एनालिसिस : एक नई आइडिया।

दोस्तों, आज हम यहाँ पर मिलकर प्रोजेक्ट प्री मोर्टेम को स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में कैसे यूज़ करना है यह जानेंगे। 

Stock Market Pre-Mortem.
Stock Market Pre-Mortem Technical Analysis.


    
        वैसे तो हम सभी क्रिएटिव्ह होते है। नए विचार और नई तकनिक का इस्तेमाल करना 
भी पसंद करते है। और अवसर मिले तो नई आइडिया को प्रत्यक्ष में लाना भी हमें बहुत अच्छा लगता है। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए, यहाँ पर एक नई आइडिया लेकर आए है। "स्टॉक मार्केट प्री- मॉर्टम टेक्निकल एनालिसिस।" तो आइए, इसे समज़ने की और प्रत्यक्ष में लाने की कोशिश करते हैं।


    प्री- मॉर्टम एनालिसिस

    "प्री-मॉर्टम एनालिसिस याने की रिजल्ट को पूरा हुआ है ऐसा मान कर वहां से काम के शुरू तक की प्रोसेस का एनालिसिस करना।" हम शुरुआत करते है इस कन्सेप्ट को क्लियर करने से। ठीक है? तो इसमें हम अपने तय काम को एज ए प्रोजेक्ट टेबल पर लाते है। फिर फाइनल रिजल्ट को प्राप्त हुआ है ऐसा मानते है। अब रिजल्ट से शुरुआत तक की सारी घटनाओं को और उनके प्रति लिए गए डिसीजन्स को और किए गए रिस्पॉन्सेस को डिटेल में लिखा जाता है।

                यहाँ रिजल्ट फेल लेते है। तो हम फेल्युअर से पीछे मुड़कर देखतें है की हमें किन दिक्क़तों का सामना करना पड़ा। और हमने किन-किन परस्थितियों में क्या-क्या गलतियाँ की। इससे सिच्युएशन किस तरह से फेल्युअर में तब्दील होती गयी इसका पता चलता है।

                तो इस तरह से फेल्युअर रिजल्ट्स का एनालिसिस करके हम अपने सामने आ सकने वाली हर दिक्क़तों से काफी हद तक वाकिब होतें है। और उनके प्रति अपने रिस्पॉन्सेस को सोच समज़कर देने के लिए तैयारी करते है। ताकि फेल्युअर आने पर भी नुकसान कम से कम हों। सही है?

                अब रिजल्ट सक्सेस लेते है। और हम अचिव्हमेंट से पीछे मुड़कर देखतें है की हमारे लिए कौन सी अच्छी बातें हुई है जिनके बदौलत हम यह मुकाम हासिल कर पाए। और हमने किन-किन परस्थितियों में क्या-क्या बढ़िया किया। इससे सिच्युएशन किस तरह से सक्सेस में तब्दील होती गयी इसका पता चलता है।   

                तो इस तरह से सक्सेस रिजल्ट्स का एनालिसिस करके हम हर लाभदायक अवसरों को पहले से ही मार्क करके तैयार होते हैं। और उनके प्रति अपने ग्रेट रिस्पॉन्सेस देकर बहुत ही बढ़िया परफॉर्मन्स करने की तैयारी करते है। ताकि सक्सेस रिजल्ट से ज्यादा से ज्यादा लाभ हो।  

                अब यह कन्सेप्ट काफी हद तक क्लियर हो गयी होगी। तो चलिए आगे बढ़ते हुए इसे स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए प्रत्यक्ष में लाने की कोशिश करते है। 


    इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए प्री- मॉर्टम एनालिसिस 

                इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए ट्रेड सिलेक्ट करना तो स्ट्रेटेजी के अनुसार ही होता है। अब किसी की स्ट्रेटेजी ही टिप लेने की हो तो कोई क्या कह सकता है। है ना? लेकिन मुझे पूरा यकीन है की जो यहाँ तक हमारे साथ बने हुए है वो अपने काम से रिलेटेड कुछ नया सिखना चाहतें है। आप सभी को साथ बने रहने के लिए धन्यवाद। चलिए आगे बढ़ते है। 

                तो हम अपनी स्ट्रेटेजी के अनुसार ट्रेड सिलेक्ट करते है। और जाहिर-सी बात है की हम स्ट्रेटेजी इस तरह से बनाते है की टार्गेट ज्यादा से ज्यादा मिले। और स्टॉप लॉस कम से कम लगाया जा सकें। सही है?

                यहाँ पर ऐसा महसूस हो रहा है की ट्रेडिंग करते वक्त की हमारी चाहत! या इसे रिस्क रिवार्ड रेश्यो कहो। ये तो प्री मॉर्टम एनालिसिस के आउटपुट से बिल्कुल मेल खाता है। है ना?  

                अब चीजे आईने की तरह साफ़ हो चुकीं है। और हम आसानी से देख और समझ पा रहे हैं की, जिस ट्रेड को हम करने जा रहे है। अब उसे हम अपनी टेबल पर एज ए प्रोजेक्ट लेकर आते है। उसका टार्गेट।, स्टॉप लॉस और "वक्त" तय करते है। और अपने ट्रेड का रिजल्ट मिल गया है ऐसा मानते है। अब रिजल्ट से एन्ट्री तक के चार्ट पर हो रही एक्शन को डिटेल में लिखते है। और चार्ट पर बन रहे पॅटर्न और हमारी उसके प्रति एक्टिव्हिटी को बारीकी से समझ लेते है। 

                 हम रिजल्ट को स्टॉप लॉस हिट हुआ है ऐसा लेते है तो स्टॉक मार्केट में चल रही कई घटनाओं में से कौन सी घटनांए हमारे ट्रेड में रोड़ा उत्पन्न कर सकती है। उनको अच्छे से समज़ना है। और चार्ट पर दिख रहे अप्स अँड डाउन्स को (यहाँ पर अंदाजे से ही) कागज पर ड्रॉ करना है। इससे ट्रेड में आ सकने वाली दिक्क़तों के बारें में हमें अंदाजा होता है। 

                चार्ट के अनुसार स्टॉप लॉस हिट हो सकने वाले प्राइस पॉइंट्स को ध्यान में लेते हुए हम अपने स्टॉप लॉस को इस तरह से सेट कर सकते हैं की, अगर स्टॉप लॉस हिट हो जाये तो भी नुकसान कम हो। यह हमारी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। ताकि हम ज्यादा से ज्यादा ट्रेड कर सकें। इससे हमारा ट्रेडिंग परफॉर्मन्स प्रॉफिट में आने के चान्सेस बढ़ जाते है। 

                अब टार्गेट हिट हुआ है ऐसा रिजल्ट मिला है यह मानते है। तो हम अपना टार्गेट हिट होने के लिए कौन-कौन सी घटनाँए मदद्गार साबित हुई है उनका डिटेल में स्टडी करते है। याने की यहाँ पर यह कहा जा रहा है की, ट्रेड तो डाला नहीं लेकिन टार्गेट हिट हुआ है ऐसा मानना है। ठीक है? और टार्गेट से पिछे मुड़कर हमें यह देखना है की, (कागज पर इमेजिन करना है) इस टार्गेट के मिलने के लिए हमने किस तरह से काम किया है। 

                इस दौरान क्या अच्छा हुआ जिससे हमारा ट्रेड चलता रहा। और हमने होल्ड करते रहने की काबिलियत किस तरह से पाई। खास करके ऐसा हम "ट्रेलिंग स्टॉप लॉस" से कर सकते है।

                इस तरह से एनालाइज करके हम ट्रेड ले सकते है। और टार्गेट को पूरा अचिव्ह होने तक ट्रेड में बने रह सकते है। ट्रेड में पुरे वक्त तक बने रहना यह काबिलियत कितनी महत्वपूर्ण है यह हर एक अनुभवी ट्रेडर जानता ही है। इसी से हमारा ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट लेने का मक़सद पूरा होता है। 

    Stock Market Pre-Mortem Image 2
    स्टॉक मार्केट रिजल्ट स्टॉप लॉस अँड टार्गेट


    प्री- मॉर्टम एनालिसिस का उदाहरण

                बॅंक निफ़्टी में हमारी स्ट्रेटेजी के अनुसार बायिंग का ट्रेड बन रहा है। तो हमने कॉल ऑप्शन्स में पाँच लॉट का ट्रेड लेने का डिसीजन लिया। यहाँ पर एट द मनी के आसपास का कॉल ऑप्शन Rs. 150 के प्राइस पर मिल रहा है। इस ट्रेड के लिए एक घण्टे का वक्त तय किया है। 

                यहां पर हमारा टार्गेट Rs. 230 और स्टॉप लॉस Rs. 110 पर बनता हुआ दिखाई दे रहा है। याने की इसमें से एक रिजल्ट आने की संभावना है। सही है? तो,अब हम टार्गेट और स्टॉप लॉस दोनों का प्री-मोर्टेम एनालिसिस करते है।


    प्री- मॉर्टम एनालिसिस का रिजल्ट = स्टॉप लॉस

                यहाँ पर हम अपना Rs. 110 का स्टॉप लॉस हिट हुआ है ऐसा रिजल्ट लेते है। तो वहां से ट्रेड लेने तक की एक्टिव्हिटी को लिख लेते है। जैसे की बॅंक निफ़्टी में व्होल्यूम ही नहीं आया। इससे वक्त निकलता गया। और इसकी वजह से प्रिमियम कम होता गया। 

                फिर बॅंक निफ़्टी थोड़ा ऊपर गया जरूर लेकिन कॉल ऑप्शन का प्राइस, हमारे बायिंग प्राइस के आसपास ही घूमता रहा। इसे हमने कागज पर ड्रॉ किया। फिर एक रेजिस्टंस बनाकर चार्ट निचे चला गया। उस डीप में हमारा स्टॉप लॉस हिट हो गया।

     

    स्टॉप लॉस का प्री-मोर्टेम एनालिसिस 

    1 ) चार्ट निचे चला गया और हमारा Rs. 110 का स्टॉप लॉस हिट हो गया।

    2 ) चार्ट, रेजिस्टंस बनाता हुआ दिखाई दे रहा है। 

    3 ) आधा घण्टा बित चूका है। प्रिमियम कम होता जा रहा है।  

    4 ) बॅंक निफ़्टी थोड़ा ऊपर थोड़ा निचे हो रहा है। लेकिन बढ़िया मुव्ह नहीं बन रहा है।

    5 ) हमने Rs. 150 पर कॉल बायिंग का ट्रेड लिया। 


    स्टॉप लॉस के प्रति हमारा रिस्पॉन्स

                अब हम यहाँ पर जान चुके है की, इस ट्रेड में हमारा स्टॉप लॉस किन-किन वजहों से हिट हो सकता है। जाहिर है की कुछ और अनजान वजह से भी ऐसा हो सकता है। तो हमें अब एक क्लियर आयडिया आ चूकी है की इस ट्रेड में कौन-कौन सी दिक़्कतें आ सकती हैं। और उन पर ओव्हर-कम करने के लिए हमें किस तरह से रिस्पॉन्स करना है। 

    1 ) हमें पाँच लॉट बायिंग करते वक्त अच्छे से एव्हरेज करना चाहिए। 

    2 ) मुव्हमेंट ना बनता देख हमें PCR और RSI पर नजर रखनी है। 

    3 ) अपने ट्रेड के पर्पज और स्ट्रेटेजी को फिर से बारीकी से समज़ना है।

    4 ) रेजिस्टन्स बनता हुआ दिखाई देने पर उस लेव्हल पर कुछ लॉट कम करने का डिसीजन ले सकते है। 

    5 ) ट्रेड अपनी दिशा में ना बनता देखकर, अपना स्टॉप लॉस थोडासा कम कर सकते है तो करना है। इस तरह से भी "लॉस को कम" किया जा सकता है।  

     

    प्री- मॉर्टम एनालिसिस का रिजल्ट = टार्गेट

                यहाँ पर हम अपना Rs. 230 का टार्गेट हिट हुआ है ऐसा रिजल्ट लेते है। तो वहां से ट्रेड लेने तक की एक्टिव्हिटी को लिख लेते है। जैसे की बॅंक निफ़्टी में बढ़िया व्होल्यूम आया है। इससे चार्ट ऊपर की तरफ गया। और प्रिमियम भी बढ़ता गया। 

                फिर बॅंक निफ़्टी थोड़ा-सा निचे गया और एक सपोर्ट बनाकर और ऊपर जाने लगा। इसे हमने कागज पर ड्रॉ किया। उस मुव्ह से हमारा Rs. 230 का टार्गेट हिट हो गया।


    टार्गेट का प्री-मोर्टेम एनालिसिस 

    1 ) चार्ट ऊपर की तरफ गया और हमारा Rs. 230 का टार्गेट हिट हो गया।

    2 ) चार्ट, सपोर्ट बनाकर और ऊपर जाता दिखाई दें रहा है।

    3 ) ट्रेड लेने के आधे घंटे में ही चार्ट पर अच्छी तेजी बन रही है। इससे प्रिमियम भी बढ़ता जा रहा है।  

    4 ) बॅंक निफ़्टी थोड़ा ऊपर थोड़ा निचे हो रहा है। लेकिन अच्छा मुव्ह बन रहा है।

    5 ) हमने Rs. 150 पर कॉल ऑप्शन के पाँच लॉट में बायिंग का ट्रेड लिया। 


    टार्गेट रिजल्ट के प्रति हमारा रिस्पॉन्स

                हम यहाँ पर जान चुकें है की, हमारा टार्गेट किन-किन वजहों से हिट हो सकता है। इससे हमें एक क्लियर आयडिया आ चूकी है की, इस ट्रेड में कौन-कौन सी अच्छी घटनाँए हो सकतीं है। जिनसे हमारा प्रॉफिट का टार्गेट बन रहा है। और इसके लिए हमें किस तरह से रिस्पॉन्स करना है। 

    1 ) टार्गेट रिजल्ट होने पर भी हमें पाँच लॉट बायिंग करते वक्त अच्छे से एव्हरेज करना चाहिए।

    2 ) पांच मिनिट के कॅंडल स्टिक चार्ट के मुव्हमेंट पर नजर बनाये रखनी है। 

    3 ) अपने ट्रेड के पर्पज और स्ट्रेटेजी को पूरी तरह फॉलो करना है।

    4 ) सपोर्ट बनता हुआ दिखाई देने पर हम अपने टार्गेट को पूरा होने तक ट्रेड होल्ड कर सकते है।  

    5 ) ट्रेड में प्रॉफिट बनता देखकर, अपना टार्गेट हिट होने पर पूरी क्वान्टिटी को सेल करने के बजाय अगर हम तीन लॉट बेचकर दोन लॉट को ट्रेलिंग स्टॉप लॉस लगाकर कुछ देर और होल्ड करेंगे तो "ज्यादा प्रॉफिट" बना सकते है। 

    महत्वपूर्ण बात 

                दोस्तों, कभी-कभी हो सकता है की दोनों तरफ का प्री- मॉर्टम करने से कन्फ्यूजन की स्थिती बन जाए। लेकिन ट्रेड टार्गेट की तरफ जा रहा हो या स्टॉप लॉस की तरफ इस एनालिसिस से हम अपने रिस्पॉन्सेस को तय कर सकते ही है। इससे फियर और ग्रीड पर काबू पाना संभव हो सकता है। इससे हमारा स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग करिअर बढ़िया बन सकता है।

     

    अधिक जानकारी 

    RSI इंडिकेटर इन हिंदी। 

    स्टॉक मार्केट गोल्डन रेश्यो इन हिंदी। 

    स्टॉक मार्केट इंडिकेटर ROC 


    प्री- मॉर्टम के बारें में हमने यह जाना 

                यह एक नए तरह का टेक्निकल एनालिसिस है। इसे एक प्रोजेक्ट की तहत किया जाता है। इसे फॉलो करने से हमें ट्रेड में बने रहते हुए क्या-क्या एक्शन्स करनी है। और किन चीजों को करने से बचना चाहिए यह पता चलता है। 


    Stock Market Pre-mortem FAQs

     

    1 ) पोस्ट मॉर्टम और प्री मॉर्टम में क्या फर्क होता है ?

    पोस्ट मॉर्टम किसी घटना या हादसे के होने के बाद किया जाता है। और प्री मॉर्टम यह किसी घटना या हादसे का अंदेशा होने पर उससे निबटने की योजना बनाने के लिए किया जाता है।

    2 ) स्टॉक मार्केट में Pre-mortem क्यों जरूरी है ?

    जैसा की हम सभी जानतें है की स्टॉक मार्केट में जोखिम होता है। इससे डील करने के लिए प्री मॉर्टम करना जरुरी है।

    3 ) प्री मॉर्टम से क्या हासिल किया जा सकता है ?

    स्टॉक मार्केट प्री मॉर्टम एनालिसिस से हमारे निवेश सम्बंधित अवसर और जोखिमों का पहले ही पता लगाया जा सकता है। स्टॉक मार्केट प्री मॉर्टम एनालिसिस से हमारे निवेश सम्बंधित अवसर और जोखिमों का पहले ही पता लगाया जा सकता है। और इस जानकारी को फॉलो करके स्ट्रेटेजी मॉडिफाय कर सकतें है।

    4 ) क्या पोर्टफोलियो बनाने के लिए प्री मॉर्टम उपयुक्त होता है ?

    जी हाँ, जिन शेयर्स में हम निवेश करना चाहते है उनका प्री मॉर्टम एनालिसिस करना उपयुक्त साबित होता है। इसमें आगे बनने वाले फंडामेंटल स्ट्रक्चर का स्टडी शामिल होता है। प्री मॉर्टम एनालिसिस में अच्छे फंडामेंटल्स के शेयर्स चुनने की क्षमता होती है।

    5 ) क्या स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में Pre-mortem एनालिसिस करना चाहिए ?

    स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के लिए रिस्क-रिवार्ड रेश्यो को समज़ना आवश्यक होता है। इसे प्री मॉर्टम एनालिसिस के जरिए समज़ना आसान होता है। रिस्क को समज़कर स्टॉप लॉस तय करना और रिवार्ड को समज़कर टार्गेट सेट करना ट्रेडिंग में महत्वपूर्ण होता है।



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    2 Comments

    1. हाय सर
      Pre mortem technic पहिली बार जाना इस से हमारा नॉलेज बढा है

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      1. "तरलमनी" आपके लिये ऐसी ही और नयी-नयी जानकारी उपलब्ध कराएँगी। आपका बहुत बहुत स्वागत है। शुक्रिया।

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