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Stock Market Behavior in Hindi। मुझे ट्रेडिंग में दोनों तरफ से लॉस क्यों हुआ ?


             दोस्तों, हम सब यहाँ पर, स्टॉक मार्केट फंडामेंटल एनालिसिस में "स्टॉक मार्केट बिहेवियर" याने की बर्ताव के बारें में जानकारी लेने के लिए इकट्ठा हुए है। तो चलिए शुरू करते हैं। 


Stock Market Shares Behavior.
Stock Market Shares Behavior. 

    
        "वो शेयर स्टॉक मार्केट के साथ ही 
ऊपर जा रहा था लेकिन जैसे ही मैंने उसे ख़रीदा वह गिरने लगा हर बार - लगातार और उसने मेरा स्टॉप लॉस उड़ाकर ही दम लिया। और जैसे ही उसने अपना मेन सपोर्ट तोडा मैंने उसमें शॉर्ट सेल की पोजीशन बनाई। और मैं ये क्या देख रहा हूँ! मेरे सेल करते ही वह उछल गया। एक मिनट में ही मेरा 1% का स्टॉप लॉस हिट हुआ।" 
इसपर मैंने खूब स्टडी किया क्योंकि मैं यह जानना चाहता था की आखिर मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ। मुझे स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में दोनों तरफ से लॉस क्यों हुआ ? 

            क्योंकि जाहिर-सी बात है की, जब मैंने उसे ख़रीदा तब कुछ तो स्टडी किया ही होगा ना? तो जैसे-जैसे मैं खोजता गया मुझे शेयर के बिहेवियर समझ में आने लगे। और इसी जानकारी को हम आज आपके साथ सांझा करने जा रहे हैं।

                जी हाँ दोस्तों, "शेयर्स के बिहेवियर" जो की फैसला करतें है हमारे ट्रेड का, की हमें प्रॉफिट होना चाहिए या हमारा स्टॉप लॉस ट्रिगर होना चाहिए। ऐसा कहना भी गलत नहीं होगा की हम अपनी स्ट्रेटेजी के अनुसार बिल्कुल सही होकर भी, लॉस बुक करने के लिए, मजबूर किए हुए महसूस कर सकतें है। है ना ? आप जान ही गए होंगे की मैं किन फिलिंग्स की बात कर रहा हूँ !


    शेयर्स के बिहेवियर 

                शेयर का बिहेवियर बनता है उस पर्टिक्युलर शेयर में ट्रेडिंग करने वाले भीड़ के सामुहिक बर्ताव से। डरिए मत, हम यहाँ पर "सामुहिक वर्तन-शास्त्र" के बारें में जानने के लिए इकट्ठा नहीं हुए है, इस बात को मैं भली-भाँति जानता हूँ। हम उस विषय में डीपली घुसने के बजाय अपने काम लायक जानकारी हासिल करने में दिलचस्पी रखते हैं। और हम बिल्कुल ऐसा ही करेंगे। 

       

    डिफ़ेंसिव्ह बिहेवियर

                स्टॉक मार्केट में कुछ शेयर्स डिफ़ेंसिव्ह स्वभाव के होते हैं। जैसे की फार्मा सेक्टर के शेयर्स लीजिए या फिर कंज़्यूमर ड्युरेबल्स। इनकी खासियत यह होती हैं की, यह कस्टमर्स की रेग्युलर नीड पूरी करते है और अपने शेयर होल्डर्स को डिविडेंड भी पे करते है।

                ख़राब न्यूज़ के चलते इन शेयर्स में ज्यादा गिरावट नहीं होती है। और अगर गिरावट आती हैं तब भी "कम व्होलॅटिलिटी" के साथ होती है। और "लॉन्ग टर्म में समय के साथ यह शेयर्स बढते जाते हैं।"

                ऐसे शेयर्स में काम करने वाले लोग का समूह डिफेंसिव्ह नेचर का होता हैं। इसी वजह से जब दूसरे शेयर्स 5% से 8% गिरते हैं तब कही जाकर डिफेंसिव्ह शेयर्स 1% से 2% तक की गिरावट शो करते है। इससे भी बड़ी मजे की बात ये है दोस्तों, की कई बार ओव्हर ऑल मार्केट गिर रहा होता है तब ये बढ़त में कामकाज कर रहे होते हैं। ये तो आपने भी देखा होगा। हैं ना ?

                डिफेंसिव्ह शेयर्स में, फंडामेंटल एनालिसिस करके पैसे कैसे लगाए ? इसकी जानकारी हम यहीं से दूसरे पेज पर पढ़ सकते है। और फिर यहाँ कंटीन्यू कर सकते हैं। तो चलिए आगे बढ़ते है। 


    एग्रेसीव्ह बिहेवियर

                स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कुछ कम्पनीज बहुत ज्यादा पैमाने पर ग्रोथ दर्ज करती है। वह अपना "एक्सपांशन तेजी से करती जाती हैं।" ऐसी कम्पनीज के शेयर्स एग्रेसिव्ह माने जाते है। जैसे की आय टी सेक्टर और बँकिंग सेक्टर हुआ। बँकिंग सेक्टर को रेट सेन्सेटिव्ह सेक्टर माना जाता है।

                अगर कोई ख़राब न्यूज आती है तो ये शेयर्स बहुत ज्यादा गिर जाते हैं। और इनमें ज्यादा व्होलॅटिलिटी भी होती है। और हम ऐसा भी कह सकते हैं की, "बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ एग्रेसिव्ह शेयर, गिरने के बाद वापिस अपने टॉप कीमत पर जायेगा या नहीं इस बात की शुएरिटी और प्रोबॅबिलिटी भी बहुत कम होती है।"

                अब सवाल ये बनता हैं की इन बातों का हमारे इंट्रा डे ट्रेडिंग से क्या सम्बन्ध है ? इसके जवाब में कहते हैं की, स्टॉक मार्केट में इंट्रा डे ट्रेडिंग करते वक्त टेक्निकल्स के साथ ही फंडामेंटल एनालिसिस भी किया जाता है। इस बात पर हम सभी सहमत हो सकते है। 

                और इस बात पर भी की ट्रेडिंग के लिए शेयर सिलेक्ट करते वक्त, हमें इस बात का बारीकी से ध्यान रखना होता हैं की, क्या यह शेयर डिफेंसिव्ह नेचर का है या एग्रेसिव्ह। इससे हम ट्रेडिंग में अच्छा परफॉर्मन्स कर सकते है। 


    शेयर्स के बिहेवियर और ट्रेडिंग रिजल्ट की संभावना 

    1 ) बढ़िया माहौल में एग्रेसिव्ह शेयर खरीद लिया तो उसमें अपना प्रॉफिट का टार्गेट हिट होने की संभावना 75 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं। और स्टॉप लॉस हिट होने की संभावना 25 प्रतिशत तक ही रह जाती है।

    2 ) बढ़िया माहौल में डिफेंसिव्ह शेयर खरीद लिया तो उसमें अपना प्रॉफिट का टार्गेट हिट होने की संभावना 25 प्रतिशत तक ही रहती हैं। और स्टॉप लॉस हिट होने की संभावना 75 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। 

     3 ) ख़राब माहौल में एग्रेसिव्ह शेयर खरीद लिया तो उसमें अपना प्रॉफिट का टार्गेट हिट होने की संभावना 25 प्रतिशत से कम ही रहती हैं। और स्टॉप लॉस हिट होने की संभावना 75 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ जाती है। 

    4 ) ख़राब माहौल में डिफेंसिव्ह शेयर खरीद लिया तो उसमें अपना "प्रॉफिट का टार्गेट" हिट होने की संभावना 75 प्रतिशत से ज्यादा रहती हैं। और "स्टॉप लॉस" हिट होने की संभावना 25 प्रतिशत तक ही रह जाती है।


    महत्वपूर्ण जानकारी 

    कंपनी का गुडविल कैसे निकालतें है ?


    शेयर्स के बिहेवियर के बारें में हमने यह जाना 

                सबसे पहले हमने यह जाना की, स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए हमें इसका बारीकी से स्टडी करना होता है। कई सारे कंसेप्ट्स क्लियर कर लेने होते हैं। वरना हम सोचते ही रह जायेंगे की मुझे स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में दोनों तरफ से लॉस क्यों हुआ ?

                और हमने यह जाना की, शेयर्स को उनके बिहेवियर के अनुसार डिफेंसिव्ह नेचर और एग्रेसिव्ह नेचर की कैटेगरी से कैसे समज़ना हैं। और हमने यह भी जाना की शेयर्स का बिहेवियर को ध्यान में लेते हुए इंट्रा डे ट्रेडिंग करने से हमें प्रॉफिट होने की संभावना बढ़ती है।


     

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    2 Comments

    1. Hi Sir
      Information about Defensive and aggressive stocks is very useful. And your style of explaining is great.

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      1. Wel-Come Sir,
        Thank You very much for your appreciation.

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