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स्टॉक मार्केट फुल टाइम ट्रेडर बनने के 8 स्टेप्स।


                दोस्तों, आज हम यहाँ पर मिलकर यह जानेंगे कि "फुल टाइम ट्रेडर बनने के 8 स्टेप्स" कौन से हैं ? तो चलिए शुरू करते है। 

Stock Market Full Time Trader in Hindi.
How to become a full time trader in Hindi.

            स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते हुए प्रॉफिट होने पर हमें ऐसा लगता है कि, यह तो बहुत ही बढ़िया है! हमें तो फुल टाइम ट्रेडर बनना चाहिए। इस विचार पर काम करने के लिए हमें यह जानकारी उपयुक्त साबित हो सकती हैं। 
 


    1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी के सोर्सेस 

    जाहिर-सी बात है की, हमें अपने कार्यक्षेत्र की पूरी जानकारी होनी चाहिये। ऐसा तो किसी भी काम के लिए करना होता है। यहीं से स्टॉक मार्केट का रोमांचक सफर शुरू होता है। 

                    दोस्तों, स्टॉक मार्केट में काम करते वक्त हमें "जानकारी के भरोसेमंद माध्यमों के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है।" क्योंकि कई बार दोस्तों, स्टॉक मार्केट में कुछ ऐसी न्यूज़ वायरल हो जाती है, तेजी से फैलती है जिससे हम कंफ्यूज हो जाते हैं। और इस सोच में पड़ते हैं कि, इस न्यूज़ पर भरोसा किया जाए या नहीं। और हम यह भी सोचते हैं कि, हम इस विषय में किस सोर्स पर भरोसा करें। ऐसी स्थिति कभी भी उत्पन्न हो सकती हैं। इस लिए सही माध्यम को चुनकर स्टॉक मार्केट की जानकारी को फ़िल्टर करते रहना चाहिए। 

     

    स्टॉक मार्केट की जानकारी के माध्यम 

    एन. एस. ई. 

    बी. एस. ई. 

    इन्व्हेस्टिंग इंडिया 

    याहू फायनान्स 

    मनी कन्ट्रोल 


    स्टॉक मार्केट के बेस्ट ब्रोकर्स की लिस्ट 

    1) Axis Direct.

    2) ICICI Direct.

    3) SBICAP Securities.

    4) Zerodha.

    5) Upstox.

    6) Angel One.

    7) Groww.

    8) HDFC Securities.

    9) SAS Online.

    10) Kotak Securities.

    यह स्टॉक मार्केट के भरोसेमंद ब्रॉकर्स की लिस्ट है। इनमें से किसी भी ब्रोकर के पास आप डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कर सकते हैं। 


    बिज़नेस न्यूज़ चॅनेल

    हम टी. व्ही. पर "जी बिज़नेस" और "सी एन बी सी आवाज़" पर हिंदी में स्टॉक मार्केट बिज़नेस न्यूज़ देख सकतें है। इसके बारें में हम सभी को मालूम होना महत्वपूर्ण है।

                    यह सोर्स हमें स्टॉक मार्केट के बारें में "करन्ट अफेयर्स की जानकारी" देतें है। इस जानकारी को हम इस तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। 

    1 ) जानकारी को सही समय पर पाना। 

    2 ) इस जानकारी पर अपने तरिके से प्रोसेस करना। 

    3 ) प्रोसेस करके जानकारी के आधार पर सिच्युएशन को समज़ना। 

    4 ) सिच्युएशन को समज़ने से अवसरों का जायजा लेना। 

    5 ) इन अवसरों के अनुसार ट्रेडिंग करके प्रॉफिट कमाना। 


    2 ) स्टॉक मार्केट में स्पेशलाइजेशन करना 

    स्टॉक मार्केट में स्पेशलाइजेशन करना याने की, हमें स्टॉक मार्केट में चल रही सारी घटनाओं का स्टडी करते रहना होता है। और स्टॉक मार्केट के इवेंट्स को फॉलो करते रहना होता है। इससे हमारे अंदर एक कॉमन अंडरस्टैंडिंग बनने लगती है। और हम स्टॉक मार्केट में माहिर बन जाते है। और स्टॉक मार्केट में चल रही घटनाओं की कड़ियां आपस में जोड़ने में हम कामयाब बन जाते है। इससे हम पूरे स्टॉक मार्केट का ओव्हर ऑल "ट्रेन्ड समझने लगते है।" 

                    जैसे-जैसे हम स्टॉक मार्केट के बारे में सारी जानकारी समझने लगते है। वैसे वैसे हमारे अंदर आत्मविश्वास भी बढ़ने लगता है। और कई बार तो "हमारा अंदाजा सही आने लगता है।" सही है ? यदि हमारे बारे में भी यह सच साबित हो हुआ है तो हम अब स्पेशलाइजेशन की स्टेप पर है ऐसा कह सकते हैं।

                    क्या ट्रेडिंग करियर के लिए इतना काफी होता है ? या फिर हमें आगे बढ़कर सुपर स्पेशलाइजेशन की तरफ भी ध्यान देना चाहिए ? आइए देखते है।

                    अब इसी बात को, जरा इस तरह से देखिए कि, स्टॉक मार्केट में कभी-कभी हमारा अंदाजा सही निकलने लगे तो क्या हम फुल टाइम ट्रेडर बन सकते है ? अगर हम आज के दिन में मुनाफा कमा पाए हैं तो क्या हम यह तसल्ली से मान सकते हैं कि, हमें अगले दिन भी मुनाफा होगा। 

                क्या इतनी जानकारी के दम पर हम अपना चालू जॉब छोड़ सकते है ? क्या हम इतनी जानकारी के बूते पर अपना जीवन चलाने के बारे में निर्णय कर सकते है ? अगर नहीं। तो क्या हम स्टॉक मार्केट में अपना स्टैंड लेने के लिए ज्यादा मेहनत करने के लिए तैयार है ? क्या हम FII की तरह सुपर स्पेशलाइजेशन करने के लिए तैयार है ? अगर हां तो आगे बढ़ते हैं। और यहां पर हम मिलकर इसके बारे में जानने की कोशिश करते है। 


    3 ) स्टॉक मार्केट में सुपर स्पेशलाइजेशन करना

    "स्टॉक मार्केट में सुपर स्पेशलाइजेशन करने का मतलब यह होता है कि, हम स्टॉक मार्केट में किसी पर्टिकुलर सेक्टर में, किसी पर्टिकुलर ट्रेडिंग में, किसी स्ट्रैटेजी को लेकर सक्सेसफुली काम कर सकते है।" नहीं समझे मेरी बात ? तो आइए, इसे आसान करके समझते है।

                पहले स्टेप में हमने स्टॉक मार्केट में स्पेशलाइजेशन किया है। अब हम अपने लिए कार्यक्षेत्र सिलेक्ट कर सकते है। 

    1 ) स्टॉक मार्केट में अलग-अलग प्रकार के कई सेक्टर होतें है। उनमें से अपने लिए जो सेक्टर अच्छा लगता है उस "सेक्टर को चुनना है।" 

    2 ) सिलेक्ट किए सेक्टर में से जिन कंपनियों में हम ट्रेनिंग करना चाहते हैं उन "कंपनियों की लिस्ट बनानी है।"  

    3 ) उसे अपने "वॉच लिस्ट में ऐड करना है।" उन कंपनियों को अच्छे से ट्रॅक करते रहना है।  

                और इस तरह से हम अपना सुपर स्पेशलाइजेशन शुरू करते है। यहां पर स्टॉक मार्केट के सेक्टर दिए गए है। हम उनमें से कोई एक या एक से ज्यादा सेक्टर में काम कर सकते है।  


    A ) ट्रेडिंग के लिए सेक्टर चुनना

    1 ) बैंकिंग

    2 ) फाइनेंस 

    3 ) सॉफ्टवेयर

    4 ) इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी 

    5 ) कैपिटल गुड्स

    6 ) हेल्थ केयर

    7 ) एनर्जी 

    8 ) कंज्यूमर ड्युरेबल्स

    9 ) मीडिया सेक्टर 

    10 ) रियल एस्टेट


    B ) ट्रेडिंग करने का प्रकार चुनना

    ट्रेडिंग कई प्रकार से की जाती है। इसमें शार्ट टर्म ट्रेडिंग, पोजीशनल ट्रेडिंग, इंट्राडे ट्रेडिंग, लॉन्ग पोजीशन शार्ट पोजीशन ट्रेडिंग, बीटीएसटी ट्रेडिंग और एसटीबीटी ट्रेडिंग ऐसे प्रकार शामिल है। 

                हमें अपने लिए जो अच्छा लगता है उस प्रकार को सिलेक्ट करना है। आसान है ? लगता तो है। मगर दोस्तों, कई बार हम यहीं पर मात खा जाते है। क्योंकि ट्रेडिंग के प्रकार को सिलेक्ट करना जितना लगता है उतना आसान यह नहीं है। इसके लिए हमें डिसिप्लिन को अच्छे से फॉलो करना होता है।

                सुपर स्पेशलाइजेशन करने के लिए ऐसा करना जरुरी होता हैं। है ना ? इसे फिक्स करने बाद ही हम आगे की तैयारी शुरू करेंगे। 


    C ) फुल टाइम ट्रेडिंग की तैयारी 

    दोस्तों, अब आते है इस विषय के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर, जो कि ट्रेडिंग की तैयारी करना है। इसमें स्ट्रेटेजी बनाना, स्ट्रैटेजी को डेवलप करना और स्ट्रेटेजी को फॉलो करना शामिल हैं। 

                स्टॉक मार्केट प्री ओपन होने से पहले, हमें उस दिन के ट्रेडिंग की पूरी तैयारी करनी चाहिए। और पूरा सेशन अपनी स्ट्रेटेजी के अनुसार परफॉर्मेंस करना चाहिए। 


    4कैपिटल का नियोजन करना

    और जब यह सवाल उठता है कि, स्टॉक मार्केट में हम कितने कैपिटल से शुरुआत करें ? तब जवाब में कहते हैं कि, स्टॉक मार्केट तो बहुत बड़ा क्षेत्र है। इसलिए हमें "अपनी क्षमता के अनुसार कैपिटल लगाना है।" 

                ऐसे में हम यह कर सकते है की, जितना पैसा लगाकर हम अपने आपको कंफ़र्टेबल महसूस करा सकते है उतना पैसा लगाना चाहिए। किसीकी यह कपॅसिटी Rs. 25,000 की हो सकती है तो किसीकी Rs. 50,000 या उससे ज्यादा हो सकती है। 


    5उत्पन्न और खर्चों का नियोजन करना

    Stock Market Full Time Trader in Hindi.
    Stock Market Full Time Trader in Hindi.
     


    A ) स्टॉक मार्केट में उत्पन्न

    दोस्तों, आम तौर पर यह मान्यता होती है कि, स्टॉक मार्केट में हम जो प्रॉफिट कमाते है वही हमारा उत्पन्न होता है। लेकिन अंदर की बात समझी जाए तो यह स्पष्ट हो जाता है कि स्टॉक मार्केट में छह प्रकार के उत्पन्न होते है। इनमें से पहला तो हम सभी जानतें है। और बाकी के पाँच पर भी हम सभी गुणी लोग सहमत हो ही सकतें है।   

    1 ) टार्गेट हिट होने पर, खरीदे हुए शेयर्स बेचने पर होने वाला उत्पन्न और बेचे हुए शेयर्स खरीदने पर होने वाला उत्पन्न। 

    2 ) शेयर्स खरीदने पर होने वाला उत्पन्न।  

    3 ) शेयर्स बेचने पर होने वाला उत्पन्न। 

    4 ) स्टॉप लॉस से कम लॉस बुक करने पर होने वाला उत्पन्न।  

    5 ) ओवर ट्रेडिंग ना करने से होने वाला उत्पन्न। जैसे की, ब्रोकरेज सेविंग। 

    6 ) किसी विशिष्ट दिन ट्रेडिंग ना करके (ट्रेडिंग से बचकर) होने वाला उत्पन्न।  


    B ) स्टॉक मार्केट में खर्चे

    ट्रेडिंग के लिए कौन-से खर्चे होतें है यह हमें मालूम होता ही है। यहाँ पर हम इसे विस्तार से समज़ने की कोशिश करतें है। स्टॉक मार्केट में छह प्रकार के खर्चे होते है। इनको अच्छे-से जानना महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

    1 ) स्टॉप लॉस हिट होने पर, खरीदे हुए शेयर्स बेचने पर होने वाले खर्चे और बेचे हुए शेयर्स खरीदने पर होने वाले खर्चे। 

    2 ) शेयर्स खरीदने पर होने वाले खर्चे।  

    3 ) शेयर्स बेचने पर होने वाले खर्चे। 

    4 ) तय स्टॉप लॉस से ज्यादा लॉस बुक करने पर होने वाले खर्चे।  

    5 ) ओवर ट्रेडिंग करने से होने वाले खर्चे। उदाहरण के लिए ब्रोकरेज, टैक्सेस इत्यादि।

    6 ) किसी विशिष्ट दिन ज्यादा रिस्क होकर भी ट्रेडिंग करने से होने वाले खर्चे

     

    6अपना मंथली बजट बनाना

    इस स्टेप में हमें अपना मंथली बजट तय करना है। यह करना इसलिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि, हमें इस बात का पता रहता है कि हमें कितना खर्चा करना है। और उस हिसाब से हमें कितना इनकम स्टॉक मार्केट से कमाना है। ताकि हम फुल टाइम ट्रेडर बन के अपना जीवन चला सकें।

                    अपने कैपिटल के अनुसार और अपने स्ट्रेटेजी के इनकम की कैपेसिटी के अनुसार, हमें अपने मंथली इनकम का एस्टीमेट तैयार करना होता है। और उस अनुसार हम मंथली एक्सपेंस इसका बजट बनाएंगे तो यह हमारे लिए बहुत ही अच्छा साबित होता है।


    7स्टॉक मार्केट में सेटल होने का नियोजन करना 

    अपना मंथली बजट बनाकर, पांच से छह महीने लगातार उसको फॉलो करते हुए चलना है। इससे हमें अपने इनकम और अपने परफॉर्मेंस का पता चलेगा। 

                और हम यह जान सकेंगे कि, हम इस तरीके से अपने लाइफ में स्टॉक मार्केट का यह काम फुल टाइम करके सर्वाईव्ह कर पाएंगे या नहीं। और हमें यह भी समझ में आएगा कि, हमें इस में क्या-क्या सुधार करने हैं। आवश्यक सुधार करके हम अपने मंथली बजट के अनुसार चलेंगे तो हम स्टॉक मार्केट में सेटल हो सकते है। 

    गुड न्यूज़

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    Chart Drawing


    यह जानकारी आपके लिए है। 


    8स्टॉक मार्केट में तरक्की और विकास का नियोजन करना

    अपनी स्ट्रैटेजी के अनुसार हम, पांच से छह महीने अपना परफॉर्मेंस सुधारते जाएंगे। इससे हमारे पास अपने खर्चे चलाकर बचत होना शुरू होगी। 

                उनमें से कुछ पैसे हम हर महीने बैंक अकाउंट में सेविंग करेंगे। ताकि कभी जरूरत पड़े तो उन पैसोंसे काम चला सके। और बाकी पैसों से हम अपना कैपिटल बढ़ाते जाएंगे। आसान है ? बहुत ही बढ़िया! तो अच्छे-से प्लानिंग करके यह काम करना है। 


    फुल टाइम ट्रेडर बनने के फायदे

    फुल टाइम ट्रेडर बनने के फायदे तो हम कई सारे गिनवा सकते है। इसका सबसे बड़ा बेनिफिट यह है कि, हम पैसा कमाने के लिए किसी और के ऊपर डिपेंड नहीं रहते। "हम अपना काम खुद करके अपने लिए पैसा कमा सकते है।" इसके साथ ही हमें समय की पाबंदी नहीं होती यानी कि हमें फ्रीडम मिलता है।

                काम करने के लिए और पैसा कमाने के लिए कहीं पर जाकर हाजिरी नहीं लगानी पड़ती। और महीना भर काम करके उसके बाद में पेमेंट लेने की जरूरत नहीं पड़ती। 

                स्टॉक मार्केट में हम जैसे ही प्रॉफिट बुक करते है वह वह रकम हमारे अकाउंट में आ जाती है। वहां से विथ-ड्रॉ करके हम आसानी से अपने खर्चे चला सकते है। याने की "हमें आर्थिक स्वतंत्रता मिलती है।" और अगर किसी दूसरे किसी काम की वजह से हम स्टॉक मार्केट में काम नहीं करते है। तो भी चल सकता है। ठीक है ?

                अगर हम कहीं पर 9:00 से 5:00 वाला जॉब करते है। तो यह काम काज के 8 घंटे और आने जाने में अगर एक-एक घंटा लगता है। इससे दिन के टोटल 10 घंटे हम काम में ही बिझि हो जाते है। और हम अपने फैमिली को वक्त नहीं दे पाते है। और यहां पर स्टॉक मार्केट में फुल टाइम ट्रेवल बनकर हम अपना "दिन का काम एक-दो घंटे में ही पूरा कर सकते है।" और बाकी के वक्त अपना स्टडी, अपने नॉलेज को अपडेट करना। और अपने फैमिली को वक्त देना मुमकिन होता है।

                और भी कई फायदे हैं जैसे कि "हफ्ते में 5 दिन ही काम होता है और 2 दिन छुट्टी होती है।" तो हम अपना बाकी का काम उन दिनों में कर सकते है। और वैसे भी हमें फुल टाइम ट्रेडर बनने के कई सारे फायदे समझ में आ गए है। इसलिए है हम यह काम करने के लिए उत्सुक है। है ना ? 


    फुल टाइम ट्रेडर बनने की जोखिम

    तो चलिए, आगे बढ़कर हम समझने की कोशिश करते है कि इसमें क्या-क्या जोखिम हो सकती है। और इस जोखिम को कम-से-कम रखने के लिए हमें इंडिया विक्स को अप्लाई करने के जैसे, कौन-कौन से उपाय करने चाहिए ? 

                वैसे भी देखा जाए तो, यह बात साफ है कि, हम अपना कोई भी बिज़नेस करना चाहते है तो उसमें जोखिम तो रहती है। जैसे कि बिजनेस का ना चलना। यहां पर हम समझ लेते है कि, अगर हमें प्रॉफिट ना बन रहा हो और इस कारण से विथ-ड्रॉ करने में दिक्कत आ रही है। तो अपने खर्चे कैसे चलाएं, ऐसी चिंता हमें हो सकती है। 

                तो हम यह समझ सकते है कि, अगर हमें कोई दूसरा सोर्स उपलब्ध ना हो और अगर हमारा कोई जॉब चल रहा है। तो वह जॉब को बंद करके "फुल टाइम ट्रेडर बनने की जोखिम लेना रिस्की हो सकता है।"

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    फुल टाइम ट्रेडर बनने के बारे में हमने यह जाना

                दोस्तों, फुल टाइम ट्रेडर बनने के फायदे उसके जो जोखिम से ज्यादा है इसीलिए हम सभी यह चाहते है कि हम फुल टाइम ट्रेडर बने। इसे पूरी तरह से प्लानिंग करके, हर एक स्टेप में आने वाली सारी चीजों की जानकारी लेकर करना अच्छा होता है। 


    फुल टाइम ट्रेडर के विषय में FAQ

    1) क्या फुल टाइम ट्रेडर बनना जरूरी होता है ?

    फुल टाइम ट्रेडर बनना जरूरी नहीं होता हम अपना जॉब करते हुए भी थोड़ा वक्त निकालकर स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग कर सकते है।

    2) फुल टाइम ट्रेडर बनने के लिए कितना समय लगता है ?

    फुल टाइम ट्रेडर बनने के लिए 3 साल या उससे भी ज्यादा का समय लग सकता है।

    3) क्या मैं फुल टाइम ट्रेडर बन सकता हूं ?

    हां आप यदि आप अपने मंथली खर्चा से ज्यादा इनकम, स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के जरिए कर सकते है तो आप फुल टाइम ट्रेडर्स बन सकते है।

    4) फुल टाइम ट्रेडर कितना कमा सकते है ?

    फुल टाइम ट्रेडर हर महीने रु 30000 या उससे ज्यादा भी कमा सकते है।

    5) क्या हम इंट्राडे ट्रेडिंग में फुल टाइम ट्रेडर बन सकते है ?

    हां, हम इंट्राडे ट्रेडिंग करके मुनाफा कमा सकते है तो इसमें फुल टाइम ट्रेडर बन सकते है।



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    2 Comments

    1. Naye Traders ko Full Time Trading select karane ke liye aha achha information hai

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      1. Thank You, Sir
        Full Time Trading karna ek Goal maan kar hi ismen Success pa sakte hai.

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