दोस्तों, हम यहाँ मिलकर यह जानने की कोशिश करेंगे कि, "Out of the Money ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें ?" इसमें हम जानेंगे की, आउट ऑफ़ द मनी ऑप्शन क्या होता है? आउट ऑफ़ द मनी ऑप्शन ट्रेडिंग की तैयारी और प्रैक्टिस कैसे करे? Out Of The Money Options में ट्रेडिंग करने के लिए कौन-से नियमों का पालन करना चाहिए? तो आइए शुरू करते हैं।
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Small Options Trading in the Stock Market. |
इस बात पर जरूर गौर करें कि, वीकली एक्सपायरी के दिन आउट ऑफ़ द मनी ऑप्शन्स में बहुत बड़े मूव बनते हैं।
ऑप्शन्स क्या होते हैं ?
ऑप्शन्स क्या होते है यहाँ से शुरू करते हैं। जैसा की हम सभी गुनी ट्रेडर्स को मालूम ही है की, तेजी के लिए "कॉल ऑप्शन" और मंदी के लिए "पुट ऑप्शन" लिया जाता है।
दूर के ऑप्शन्स (Out Of The Money Options)
दूर का ऑप्शन, जी हाँ दोस्तों, जो की हमेशा एक्ट्रॅक्टिव्ह दिखता है। हमें ललचाता भी हैं अपने परफॉर्मन्स से! यह हो जाता है 5 रूपये से 50 का 100 का या उससे भी ज्यादा। हैं ना?
दूर का छोटा ऑप्शन याने की ऐसा ऑप्शन जो अंडरलेइंग असेट (शेअर, इंडेक्स) के "चालू कीमत से काफी दूर होता है।" कीमत के उतार-चढ़ाव से ऑप्शन में हलचल होती हैं। "तेज और बड़े बदलाव से" ही दूर के ऑप्शन में बड़ी बढ़त या गिरावट आती है। इस पर हमारा एकमत हो सकता है।
और इस पर भी की बड़े मुव्ह किसी बड़े फंडामेंटल या टेक्निकल के कारण ही आते हैं। इसलिए स्ट्रॉन्ग फंडामेंटल न्यूज़ या टेक्निकल सेट अप को बनते देखकर Out Of The Money ऑप्शन्स में ट्रेड लिया जाता है।
उपयुक्त जानकारी
स्टॉक मार्केट B.T.S.T. कैसे करें ?
ऑप्शन ट्रेडिंग में टार्गेट और स्टॉपलॉस कितना होना चाहिए ?
दूर का कॉल ऑप्शन
उदाहरण
1 ) कंपनी के शेअर की कीमत Rs. 500 है। ऑप्शन के लिए स्ट्राइक प्राइस 5 रूपये के फर्क से है। तो Rs. 500 से ज्यादा की स्ट्राइक प्राइसेस जैसे की 505, 510, 515, ... कॉल ऑप्शन आउट ऑफ़ द मनी कहलाती हैं। यहाँ दूर का छोटा कॉल ऑप्शन Rs. 550 स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।
2 ) बॅंक निफ़्टी अगर 45,000 पर है तो 45,100, 45,200, 45,300, ... यह कीमतें कॉल ऑप्शन के लिए आउट ऑफ़ मनी कहलाती हैं। इसमें दूर का छोटा कॉल ऑप्शन 46,000 के स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।
दूर का पुट ऑप्शन
उदाहरण
1 ) कंपनी के शेअर की कीमत Rs. 500 है। Rs. 500 से कम की स्ट्राइक प्राइसेस जैसे की 495, 490, 485, ... यह आउट ऑफ़ द मनी पुट ऑप्शन कहलाती हैं। यहाँ दूर का छोटा पुट ऑप्शन Rs. 450 स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।
2 ) बॅंक निफ़्टी अगर 45,000 पर है तो 44,900, 44,800, 44,700, ... यह कीमतें पुट ऑप्शन के लिए आउट ऑफ़ मनी होती हैं। इसमें दूर का छोटा पुट ऑप्शन 44,000 तक के स्ट्राइक प्राइस का हो सकता है।
एक्सपायरी के अनुसार, नजदीक का इन द मनी ऑप्शन भी छोटा याने की कम कीमत पर मिल सकता है।
स्टॉक मार्केट इंडेक्स का दूर का ऑप्शन
अब आतें हैं स्टॉक मार्केट में। और अपना अकाउंट खोलकर उसमें थोडासा पैसा डालते है। और अपने अकाउंट पर "F&O Trading की सुविधा" चालू करते हैं। हमने यह किया है तो चलिए आगे बढ़ते है। फंडामेंटल एनालिसिस अच्छे से करके हम इंडेक्स के दूर के छोटे ऑप्शन्स में ट्रेडिंग करके बड़ा मुनाफा कमा सकते है।
1 ) इंडेक्स जैसे की "निफ़्टी, बॅंक निफ़्टी" इनमें दूर के ऑप्शन्स में ट्रेडिंग करना अच्छा होता हैं। इसमें आवश्यक "व्होल्युम होता है।" इंडेक्स के ऑप्शन्स में बायिंग, सेलिंग आसानी से कर सकते है।
2 ) इंडेक्स के ऑप्शन्स का लॉट साइज छोटा होता हैं। जैसे की निफ़्टी का एक लॉट 50 और बॅंक निफ़्टी का तो सिर्फ 25 क्वान्टिटी का एक लॉट आता है। यहाँ पर एक अपडेट शेयर करना चाहूंगा। जुलाई 2023 से बैंक निफ़्टी का एक लॉट 15 क्वान्टिटी का हुआ है। अब कम कॅपिटल में हम "ज्यादा लॉट लें सकतें है।" एवरेज कर सकते हैं। और थोड़ा-थोड़ा बेच सकते है।
3 ) इंडेक्स के ऑप्शन्स में बहुत बड़े मात्रा में ट्रेडिंग होती है। इस लिए "कोई व्यक्तिगत मनमानी नहीं कर सकता।" कोई तय करके अपने हिसाब से भाव बढ़ा या गिरा नहीं सकता।
कंपनी के शेयर्स का दूर का छोटा ऑप्शन
कंपनी के शेअर का दूर का ऑप्शन लेने के लिए निचे दी गई चेकलिस्ट पूरी करनी होती हैं।
1 ) कंपनी का शेअर "F&O लिस्ट में होना आवश्यक है।" हमें इसपर ध्यान देना चाहिए कि, जिन शेअर्स के दूर वाले ऑप्शन्स में व्होल्युम नहीं है। उनमें ट्रेडिंग करने से हमें बचना चाहिए।
2 ) कंपनी से जुड़ा कोई "विशेष कारण होना चाहिए" जैसे की न्यूज़। न्यूज़ अच्छी हो या बुरी, उसका हमें शीघ्र पता लगाके दूर का ऑप्शन लेना होता है। अच्छी खबर के चलते कॉल लेना है। बुरी खबर हो तो पुट ऑप्शन लेना चाहिये। इस तरह की सारी न्यूज़ हम इन्व्हेस्टिंग इंडिया पर पढ़ सकते है।
3 ) "ओपन इंटरेस्ट और चेंज इन ओपन इंटरेस्ट" को हम N.S.E.India पर कंपनी का नाम सर्च करके, डेरीव्हेटिव्हज में, ऑप्शन चेन में देख सकते है। उनका जिक्र Change IN OI और OI ऐसा किया गया है।
4 ) "टेक्निकल एनालिसिस" का महत्व ध्यान में लेतें हुए ट्रेड के लिए टेक्निकली राइट एन्ट्री पॉइन्ट तय करना हैं। टेक्निकल एनालिसिस शेअर के चार्ट का करना होता है। सपोर्ट,रेजिस्टन्स और ट्रेन्ड लाइन तो शेअर के चार्ट पर ही लगानी है। दूर के छोटे ऑप्शन का चार्ट "मुव्ह की तुलना करने के लिये" देखा जा सकता है।
5 ) टार्गेट और स्टॉप लॉस
A ) दूर के छोटे ऑप्शन ट्रेडिंग का उसकी कीमत के अनुसार टार्गेट और स्टॉप लॉस प्राइस तय करेंगे।
B ) कंपनी के शेअर के प्राइस के अनुसार भी टार्गेट और स्टॉप लॉस प्राइस तय करेंगे।
C ) "दोनों टार्गेट में जो रकम बड़ी है,वह टार्गेट चुनें।" इससे प्रॉफिट ज्यादा होगा।
D ) "दोन स्टॉप लॉस की कीमतों में जो छोटी है, वह स्टॉप लॉस चुनें।" और जाहिर सी बात है की इससे लॉस कम होगा।
स्मॉल ऑप्शन स्टॉक्स इन द स्टॉक मार्केट
लॉट साइज के बड़े होने से एकदम छोटा ऑप्शन लेने जाए तो भी बहुत कॅपिटल की जरूरत होती है। हमें ट्रेडिंग करने के लिए कम क्वांटिटी वाला अच्छा शेअर चुनना होता है। "जिस शेअर का प्राइस ज्यादा है उसका लॉट साइज कम होता है।" समय-समय पर लॉट साइज में बदलाव होते रहते है।
1 ) निफ़्टी 50
2 ) बॅंक निफ़्टी पहले 25 अब जुलाई 2023 से एक लॉट 15 क्वान्टिटी
3 ) बजाज फिन-सर्व्ह 125
4 ) बजाज ऑटो 250
5 ) बजाज फायनान्स 250
6 ) आयशर मोटर्स 30
7 ) हीरो मोटो कॉर्प 200
8 ) एच. यू. एल. 300
9 ) एल.अँड टी. 375
10 ) टी.सी.एस. 250
11 ) मारुति 100
12 ) एस.आर.एफ. 250
13 ) नेस्ले इंडिया 50
14 ) पी.व्ही.आर. 400
15 ) डॉ. रेड्डी 250
16 ) एच.डी.एफ.सी. बॅंक 250
17 ) इंडस इन्ड बॅंक 400
18 ) ए.सी.सी. 400
19 ) अजन्ता फार्मा 500
20 ) अपोलो हॉस्पिटल 500
छोटे ऑप्शन का स्टडी
इसमें क्या-क्या स्टडी करना है। कौन-कौन से टॉपिक समज़ने है। यह समझ लें तो बहुत आसान है। तो आइये मिलकर शुरू करते है।
1 ) पहला कदम यह है की Stock Market क्या है यह प्राथमिक जानकारी लेना। यह हमें मालूम है तो आगे बढ़ते है।
2 ) फिर हमें फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस के बारें में जानना है। इससे हमें ऑप्शन्स ट्रेडिंग करते वक्त आसानी होती हैं। लगातार बनते चार्ट पर सही तरीके से "टेक्निकल सेट-अप" लगाना फायदेमंद होता है।
3 ) चार्ट्स के अलग-अलग प्रकार होते हैं। इनका स्टडी करके अपने हिसाब से चार्ट सिलेक्ट करना है। ज्यादातर ट्रेडर्स "कॅंडल स्टिक चार्ट" का इस्तेमाल करते है। शेअर के चार्ट में व्होलॅटिलिटी कम होनी चाहिये। शेअर में रिव्हर्सल में ट्रेड लेना और नयी पोजीशन के लिये ट्रेड लेना मुमकिन होना चाहिये। याने की जिन चार्ट पर एक तरफा के अच्छे मुव्ह दिखतें है। उनमें छोटा ऑप्शन ट्रेड ले सकते है।
4 ) चार्ट पर "सपोर्ट, रेजिस्टेन्स और ट्रेन्ड लाइन" का इस्तेमाल करना चाहिए। हमें यह सही से करना आता है। तो अब यहाँ से आगे बढ़ते है।
5 ) कंपनी के शेअर का छोटा ऑप्शन लेने के लिए उस "कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस" करना चाहिए। ताकि उभरते हुए ट्रेन्ड के साथ तालमेल बनाके काम किया जाए। और "टाइम डीके" को ध्यान में रखते हुए स्टॉक मार्केट % गेम से बचकर इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए।
इन बातों का स्टडी करके हम आत्मविश्वास के साथ छोटा ऑप्शन ले सकते है। मन में सवाल यह उठेगा की थोड़ा पैसा ही तो लगाना हैं इसके लिए इतना स्टडी क्यों करना है। जवाब में कहते है कि, स्टडी करके हम छोटा ही क्या बड़े से बड़ा ऑप्शन लें सकेंगे। है ना ?
छोटे ऑप्शन्स ट्रेडिंग की स्टाइल
स्टाइल याने की "काम करने का तरीका।" अपनी चाहत के अनुसार हम शेअर या इंडेक्स का चुनाव करते है। उसके बारें में सारा स्टडी करतें है। और अपनी एक खास स्टाइल बनाते हैं। यहाँ पर एक स्टाइल उपलब्ध की है।
पूर्व-तैयारी करना (Preparation)
हमने बॅंक निफ़्टी को चुना है।
हमें पता है की एक लॉट में 15 क्वान्टिटी है।
हमने बॅंकिंग सेक्टर का फंडामेन्टल एनालिसिस किया है।
निफ़्टी बॅंक की ज्यादा वेटेज वाली बँक्स का भी एनालिसिस किया है।
निफ़्टी के चार्ट के साथ उसका अभी का चल रहे सम्बन्ध का स्टडी किया है।
बॅंक निफ़्टी का टेक्निकल स्टडी करके चार्ट पर सेट-अप किया हैं।
स्मॉल ऑप्शन कॉल और पुट अपने वॉच लिस्ट में लिए है। हमें कॉल लेना है या पुट यह तय किया है।
इस उदाहरण में हम कॉल ऑप्शन लेते हैं।
बैंक निफ़्टी का छोटा कॉल ऑप्शन Rs.40 का सिलेक्ट करते है जो कि, तकरीबन 1,000 पॉइन्ट दूर का है।
कॅपिटल का नियोजन
1 ) कॅपिटल कितना है ? और इसमें से आज के ट्रेड के लिए कितना उपयोग में लाना है ?
2 ) तय किये पैसों में बॅंक निफ़्टी के कितने लॉट आ सकते है ?
3 ) % में हमें कितना "टार्गेट और स्टॉप लॉस" कितना होना चाहिए? यह तय किया है। यहाँ पर टार्गेट 100 % और स्टॉप लॉस 25 % तह करेंगे। इससे वह कितनी रकम हो सकती हैं यह देखना हैं।
उदाहरण
इस उदाहरण में हमारा कॅपिटल Rs. 20,000 है।
इनमें से Rs.6,000 का ट्रेड लेंगे।
इतने पैसों में हम 10 लॉट में काम कर सकते हैं।
स्टॉप लॉस 25% के हिसाब से Rs. 2,500 का तय किया है। बॅंक निफ़्टी चार्ट के टेक्निकल के अनुसार स्टॉप लॉस कम हो तो वहीँ पर निकलेंगे। बड़े लॉस का इन्तजार नहीं करना हैं। ठीक हैं ?
लॉट प्राइस के अनुसार Rs.40 पर Rs.10 का स्टॉप लॉस बैठता है। तो Rs.30 के आसपास हम स्टॉप लॉस लगाएंगे।
टार्गेट 100% के हिसाब से Rs.6,000 का है। याने की लॉट प्राइस के अनुसार Rs.40 के Rs.80 बनाने है।
विशेष सुचना
दूर के छोटे ऑप्शन्स में ट्रेडिंग करते वक्त चार्ट पर अपेक्षित समय में मुव ना बने तो या स्टॉप लॉस हिट हो जाए तो, ट्रेड से जल्दी बाहर निकलना अच्छा होता हैं। वरना हम Stock Market के % Game में अटक जाएंगे।
आउट ऑफ़ द मनी ट्रेडिंग (Trading)
अब हम पूरी तैयारी के साथ आए हैं। यहाँ पर हम पहली एन्ट्री में बॅंक निफ़्टी के 5 लॉट लेंगे। और थोडासा ऊपर जाने लगें तो बाकी 5 लॉट लेंगे। इस तरह से बायिंग करनी है। अगर पहले 5 लॉट लेने के बाद बॅंक निफ़्टी "निचे जाने लगे तो एव्हरेज बिलकुल नहीं करना है।"
अब ऑप्शन की कीमत Rs.60 हो गयी है तो स्टॉप लॉस ट्रेल करते हुए अपने बायिंग प्राइस पर ले आते हैं। इससे हम नो प्रॉफिट नो लॉस की पोजीशन में आए है। यहाँ से कीमत और ऊपर जाते हुए Rs.80 हुई। हमने अपना 100 % का टार्गेट बुक किया। इस तरह से ट्रेडिंग कर के हम पैसा कमा सकते है।
छोटे ऑप्शन ट्रेडिंग की प्रॅक्टीस
प्रॅक्टीस दो तरह से की जाती हैं।
1) पेपर ट्रेडिंग (Paper Trading)
पेपर ट्रेडिंग के बारें में हम सभी जानते ही हैं। शुरुआत में पेपर पर ट्रेड करना अच्छा होता है। इससे थोड़ा हाथ साफ़ होता है। हमें तकरीबन एक महीना पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए।
2) प्रॅक्टिकल ट्रेडिंग (Practical Trading)
इसमें हम ट्रेड लेकर देखेंगे। मतलब हम कम क्वान्टिटी में ट्रेडिंग करेंगे। और जब अच्छे-से करने लगें तब ज्यादा लॉट में आसानी से काम कर सकेंगे।
रिजल्ट्स का विश्लेषण करना
पेपर ट्रेडिंग करते हुए और प्रॅक्टिकल ट्रेडिंग करते हुए हम जो रिज़ल्ट्स पाते हैं उन्हें लिख लेना है। और विश्लेषण करना है कि, प्रॉफिट हुआ तो कैसे हुआ और लॉस हुआ तो भी यह देखना ही चाहिए की क्या गलती हुई ?
इस विश्लेषण से हमें अपने स्टाइल में बदलाव और सुधार लाने में मदद होती है।
छोटे ऑप्शन ट्रेडिंग का अनुशासन
दोस्तों, जाहिर-सी बात हैं कि, ऑप्शन्स ट्रेडिंग के लिये अनुशासन याने की डिसिप्लीन का होना महत्वपूर्ण है। प्लेन के पायलट्स चाहे कितनी बार भी प्लेन उड़ाएँ। हर बार वह अपनी डिसिप्लीन को फॉलो करते ही है। अपनी तय की हुई और प्रॅक्टीस करके फुल-प्रूफ की गई स्टाइल को "डिसिप्लीन से फॉलो करके" हम छोटा ऑप्शन लेकर बड़ी कमाई कर सकते हैं।
अधिक जानकारी
स्टॉक मार्केट फीयर एंड ग्रीड को कैसे कंट्रोल करें ?
स्टॉक मार्केट में अपना बेस्ट पोर्टफोलियो कैसे बनाएं ?
स्टॉक मार्केट में कितना पैसा लगाना चाहिए ?
हमने यह जाना
इसमें हमने जाना की, आउट ऑफ़ द मनी ऑप्शन क्या होता है? आउट ऑफ़ द मनी ऑप्शन ट्रेडिंग की तैयारी और प्रैक्टिस कैसे करे? Out Of The Money Options में ट्रेडिंग करने के लिए कौन-से नियमों का पालन करना चाहिए?
और हमने यह जाना की, स्टॉक मार्केट में थोड़ा पैसा लगाकर हम, "Out of the Money ऑप्शन ट्रेडिंग" शुरू कर सकते हैं। और बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं। इसके लिए हमें अपने नॉलेज को अप-टू-डेट करते रहना आवश्यक होता है। शुरुआत में थोड़ा वक्त लग सकता है। बाद में इससे बड़ी तरक्की कर सकते है।
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