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Stock Market की शब्दावली। स्टॉक मार्केट के शब्द और उनके अर्थ।

 
दोस्तों, आज हम यहाँ पर मिलकर, "Stock Market की शब्दावली। स्टॉक मार्केट के शब्द और उनके अर्थ।" को हिंदी में जानेंगे। इससे हम स्टॉक मार्केट रिलेटेड भाषा को समझ सकते है। इससे स्टॉक मार्केट की जानकारी का आंकलन आसानी से हो जाता हैं। 
Stock Makret ke shabd aur arth in hindi.
Stock Market ki Shabdawali in hindi.


               Stock Market के बारें में जितना समझे उतना कम है, ऐसा तो नहीं! लेकिन जितना समझे उतना अच्छा होता है। इस बात पर हम सहमत हो सकते है। तो चलिये इस शब्दावली को पढ़ते है। और स्टॉक मार्केट के बारें में अपनी समझ बढ़ाते है।


    मुख्य शब्द    (Main Words)


    1 )    शेअर    (Share)

    शेअर याने की भाग, हिस्सा। कंपनी के कैपिटल का टुकड़ा। शेअर बड़ी पूंजी का "एक सिंगल युनिट" होता है।

    2 )    स्टॉक    (Stock)

    स्टॉक याने की कंपनी के एक से ज्यादा शेयर्स। मतलब एक को शेअर कहतें है। और "अनेक को स्टॉक" कहतें है। अनेक कम्पनीज के, अनेक शेअर्स को स्टॉक्स कहतें है। आसान है ना !

    3)    बाज़ार    (Market )

    बाज़ार याने की खरेदी-बिक्री की जगह। "कारोबार की जगह।" 

    Stock Market में यह ऑनलाइन होती है।

                    अच्छा, तो दोस्तों अब Stock Market हम समझ गयें है, तो आगे बढ़तें है। Stock Market में पहले कौन आता है ? जवाब में कहते है - कंपनी।

    4 )    कंपनी    (company)

    "कंपनी याने की संस्था।" ठीक है ? कंपनी याने की एक संस्था होती है जो की बड़े बिज़नेस करने के लिए बनाई जाती है। 

    5 )    आय. पी. ओ.    (I.P.O.)

    आय. पी. ओ. याने की "कंपनी की Stock Market में एंट्री।" आय. पी. ओ. से नयी कंपनी आती है। एकदम आसान है।


    अच्छा, अब कंपनी आई हैं - आय. पी. ओ. लाई है। फिर कौन आता है ? जवाब में कहते हैं - इन्वेस्टर।


    6 )    इन्वेस्टर    (Investor)

    इन्वेस्टर याने की "पैसा लगाने वाला।" यहाँ इन्वेस्टर मतलब I.P.O. में पैसा लगाने वाला। 

    7 )    इन्वेस्टमेंट    (Investment)

    इन्वेस्टमेंट याने की "लम्बे समय के लिए" पैसा लगाना। 

    )    ट्रेडर    (Trader)

    ट्रेडर याने की "व्यापार करने वाला।" यहाँ ट्रेडर मतलब शेयर्स में ट्रेडिंग करने वाला।

    )    ट्रेड    (Trade)

    "ट्रेड याने की सौदा, व्यापार।" Stock Market में कम समय में मुनाफा कमाने के लिये काम करना।


                    अब इन्वेस्टर्स आकर इन्वेस्टमेंट करने लगे। और ट्रेडर्स आकर ट्रेडिंग करने लगे। फिर कौन आता है ? जवाब में कहते हैं - व्यवस्था। यहां एक्सचेंजेस। 


    10 )    एक्सचेंजेस    (Exchanges) 

     एक्सचेंजेस याने की, "Stock Market के कारोबार को चलाने वाले संघटन।"

    11 )    बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज    (B.S.E.)

    B.S.E. मतलब "मुंबई का स्टॉक एक्सचेंज।" 

    12 )    सेन्सेक्स    (Sensex)

    सेन्सेक्स, "B.S.E. का निर्देशांक" है। इसमें बड़ी 30 कम्पनीज होतीं है।

    13 )    नेशनल स्टॉक एक्सचेंज    (N.S.E.) 

    N.S.E. मतलब "नेशन का स्टॉक एक्सचेंज।"

    14 )    निफ़्टी    (Nifty)  

    निफ़्टी, "N.S.E. का निर्देशांक" है। इसमें बड़ी 51 कम्पनीज होती है।


     B.S.E. और N.S.E. तकरीबन समान ही हैं। N.S.E. पर ज्यादा लोग ट्रेडिंग करते है। अब तक लोग आए, एक्सचेंजेस आए अब इनको जोड़ने वाला दुवा याने की मध्यस्थ आए।

      

    15 )    ब्रोकर    (Broker)

    ब्रोकर याने की मध्यस्थ, "दलाल।" हम सीधे स्टॉक एक्सचेजेस से शेयर्स खरीद नहीं सकतें। इसके लिए ब्रोकर की आवश्यकता होती है। 


    अब ब्रोकर के पास खोला गया खाता - 


    16 )    डी-मॅट अकाउंट    (D-Mat Account)

    शेअर्स को "डी-मटेरियलाइज़ फॉर्म" में रखने का अकाउंट।

    17 )    ट्रेडिंग अकाउंट    (Trading Account)

    इसमें "शेअर्स खरीदने के लिए पैसा डाला जाता है।" और शेअर्स बेचने पर इस अकाउंट में पैसा आता है। बाद में हम पेआउट करके बॅंक अकाउंट से निकाल सकतें है। 

    18 )    3 इन 1 अकाउंट    (3 in 1 Account)

    याने की "डी-मॅट अकाउंट+ ट्रेडिंग अकाउंट+ बँक अकाउंट।"


    एक्सचेंजेस के जरिए Stock Market का कामकाज चलता है। ब्रोकर एक्सचेंजेस और लोगों को (ट्रेडर्स,इन्वेस्टर्स को) जोड़ता है। लोग काम करतें है। इस कामकाज के नियम बनाने वाला कोई तो होना चाहिए। जो की नियम भी बनाएं और देख-रेख भी करें। तो अब आता है - रेग्युलेटर। 


    19 )    रेग्युलेटर    (Regulator) 

    रेग्युलेटर याने की "नियमन करने वाला।" नियंत्रण, मार्गदर्शन के नियम बनाने वाला।                              

                     रेग्युलेटर Stock Market के सारें कार्यों का संचलन करता है। जहां आवश्यक लगता है वहां नये रूल्स लगाता है। इससे निवेशकों का हित संरक्षण होता है। Stock Market का कारोबार पारदर्शी होता है।

    20 )    सेबी    (S.E.B.I. )

    सेबी का मतलब "सिक्युरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया।"  यह इंडिया का Stock Market रेग्युलेटर है।


                    अच्छा तो अब हमें Stock Market की बेसिक कन्सेप्ट्स मालूम हो गई है। Stock Market की सारे कार्य इन्हीं के द्वारा किये जातें है। आगे बढ़ते हुए हम और जानकारी लेतें है।   

     

    21 )    प्रायमरी मार्केट    (Primary Market)

     यहाँ होने वाले कामकाज से इसे प्रायमरी मार्केट कहा जाता है। "कंपनी Stock Market में अपने शेअर लेकर आती है।" अपना I.P.O. जारी करती है। इन्वेस्टर इसे सब-स्क्राइब करतें है। उन्हें शेअर अलॉट होतें है। यह कार्य प्रायमरी मार्केट में होतें है।

    22 )    सेकंडरी मार्केट    (Secondary Market)

    हम यहाँ होतें है। "इसे ही हम Stock Market के नाम से जानतें है।" शेअर के भाव चढ़ना-गिरना यहीं होता है। 

    कंपनी ने शेअर बेचे - वह पैसा इकट्ठा करके गई - प्रायमरी मार्केट। 

    लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर, शार्ट टर्म इन्वेस्टर (ट्रेडर्स) ने शेअर बेचे -  बाकियों ने लिये - सेकंडरी मार्केट। आसान है ? 


    ट्रेडिंग के शब्द    (Trading Related Words List 

    1 )    बायिंग ऑर्डर    (Buying Order)

    बायिंग ऑर्डर मतलब शेअर्स खरीदने के निर्देश देना। सुचना देना।

    2 )    सेलिंग ऑर्डर    (Selling Order)

    सेलिंग ऑर्डर मतलब शेअर्स बेचने के निर्देश देना। सुचना देना।

    3 )    पेंडिंग ऑर्डर    (Pending Order)

    पेंडिंग ऑर्डर मतलब ऑर्डर डाली है पर पूरी नहीं हुई है।

    4 )    रिजेक्टेड ऑर्डर    (Rejected Order)

    रिजेक्टेड ऑर्डर मतलब ऑर्डर रदद् हुई है।

    5 )    कम्प्लीट ऑर्डर    (Complete Order)

    कम्प्लीट ऑर्डर मतलब ऑर्डर पूरी हुई है।

    6 )    स्टॉप लॉस ऑर्डर    (Stop Loss Order)

    स्टॉप लॉस ऑर्डर मतलब लॉस को मर्यादा डालने वाली ऑर्डर। स्टॉप लॉस कितना होना चाहिए ? यहाँ से हम डिटेल में समझ सकतें है। 

    7 )    टार्गेट ऑर्डर    (Target Order)

    टार्गेट ऑर्डर मतलब मुनाफा लेकर ट्रेड क्लोज करने की ऑर्डर।

    8 )    लिमिट ऑर्डर    (Limit Order)

    लिमिट ऑर्डर मतलब जिस ऑर्डर में कीमत तय की जाती है।

    9 )    मार्केट ऑर्डर    (Market Order)

    मार्केट ऑर्डर मतलब जिस ऑर्डर को Stock Market में चालू कीमत पर पूरा किया जाता है।

    10 )    कव्हर ऑर्डर    (Cover Order)

    कव्हर ऑर्डर मतलब जिस ऑर्डर में ट्रेड एंट्री के साथ स्टॉप लॉस भी शामिल होता है।

    11 )    ब्रेकेट ऑर्डर    (Bracket Order)

    ब्रेकेट ऑर्डर मतलब जिस ऑर्डर में स्टॉप लॉस और टार्गेट दोनों, ट्रेड एंट्री के साथ लगाए जातें है।

    12 )    बास्केट ऑर्डर    (Basket Order)

    बास्केट ऑर्डर मतलब जिस एक ऑर्डर से अलग-अलग शेअर्स खरीद सकतें है। 

    13 )    आफ्टर मार्केट ऑर्डर    (After Market Order)

    आफ्टर मार्केट ऑर्डर Stock Market का नियमित कामकाज बंद होने के बाद डाली जा सकने वाली ऑर्डर।

    14 )    गुड टिल टुडे ऑर्डर    (Good Till Today Order)

    याने की ऐसी ऑर्डर जो की पूरी होने तक या दिन के कामकाज के समय तक रहती है। 

    15 )    गुड टिल कैंसल्ड ऑर्डर    (Good Till Cancelled Order)

    याने की ऐसी ऑर्डर जो की पूरी होने तक या कैंसल करने तक ब्रोकर की ट्रेडिंग सिस्टम तब तक में रहती है।   

    16 )    इंट्रा-डे ट्रेडिंग    (Intra-day Trading)

    इंट्रा डे ट्रेडिंग मतलब एक दिन में लिए हुए ट्रेड उसी दिन में पुरे करना। इसे एम. आय. एस. ऑर्डर (M.I.S. Order) मतलब मार्जिन इंट्रा डे स्क्वेअर ऑफ ऑर्डर कहतें है। 

    17 )    डिलीवरी ट्रेडिंग    (Delivery Trading)

    डिलीवरी ट्रेडिंग मतलब ट्रेडिंग पोजीशन एक दिन से ज्यादा समय के लिए लेना। इसके लिए ऑर्डर टाइप C N C डाली जाती है।  

    18 )    बी.टी.एस.टी. ट्रेडिंग    (B.T.S.T. Trading)

    बी.टी.एस.टी. ट्रेडिंग मतलब बायिंग टुडे सेल टुमारो। याने की आज खरीदना और कल बेचना। बी.टी.एस.टी. ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से हम अच्छा मुनाफा कमा सकतें है। 

    19 )    एस.टी.बी.टी. ट्रेडिंग    (S.T.B.T. Trading)

    एस.टी.बी.टी. ट्रेडिंग मतलब सेल टुडे बाय टुमारो। याने की आज बेचना और कल खरीदना।

    20 )    स्विंग ट्रेडिंग    (Swing Trading)

    स्विंग ट्रेडिंग मतलब कुछ दिनों के लिए, हप्तों के लिए शेअर्स ट्रेडिंग करना।

    21 )    रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो    (Risk Reward Ratio)

    मतलब लॉस और प्रॉफिट का अनुपात।

    22 )    बिड    (Bid)

    बिड याने की विशिष्ट कीमत पर शेअर्स की विशिष्ट संख्या खरीदने की इच्छा (ऑर्डर डालकर) जताना।

    23 )    आस्क    (Ask)

    आस्क याने की विशिष्ट कीमत पर शेअर्स की विशिष्ट संख्या बेचने की इच्छा (ऑर्डर डालकर) जताना।


    ब्रोकर के शब्द    (Broker Related Words List)


    1)    फुल सर्विस ब्रोकर    (Full Service Broker)

    मध्यस्थी के साथ आवश्यक और अतिरिक्त सेवा देने वाले ब्रोकर। इन ब्रोकर्स की ब्रोकरेज ज्यादा होती है। 

    2 )    डिस्काउंट ब्रोकर    (Discount Broker)

    डिस्काउंट ब्रोकर याने की किफायत फीस (कम दाम) लेकर आवश्यक सेवा देने वाले ब्रोकर। इन ब्रोकर्स की ब्रोकरेज बहुत कम होती है।   

    3 )    ब्रोकरेज    (Brokerage)

    ब्रोकरेज याने की दलाली, मध्यस्थी का कमीशन, फी, चार्जेस। यह हर एक ट्रेड के हिसाब से या ट्रेडिंग व्होल्युम के परसेंटेज में चार्ज की जाती है। 

    4 )    स्टॉक एडवाइजरी    (Stock Advisory)

    याने की शेअर्स के खरेदी-बिक्री के लिए अपनी राय, सलाह पेश करना। यह एक अतिरिक्त सेवा होती है। इसके लिए ज्यादा चार्ज होते है।

    5 )    मार्जिन    (Margin)

    मार्जिन मतलब ट्रेडिंग अकाउंट में रखे हुए पैसे, जिससे की ट्रेडिंग की जाती है।

    6 )    लिवरेज    (Leverage)

    लिवरेज मतलब ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली उधार  की पूंजी। इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए और डिलीव्हरी ट्रेडिंग के लिए लिवरेज अलग होती है। हर एक ब्रोकर यह सुविधा अपने हिसाब से उपलब्ध करते है। 

    7 )    कॉल अँड ट्रेड    (Call and Trade)

    कॉल अँड ट्रेड मतलब ब्रोकर को फोन करके ट्रेड करना। इस सर्व्हिस के लिए ब्रोकर एक्स्ट्रा चार्ज लेते है। यह चार्ज Rs.20 से Rs.50 भी हो सकता है। इसके बारें में ब्रोकर से जानकारी पहले ही लेनी चाहिए। और बहुत जरूरत हो तो ही इसका उपयोग करना चाहिए।

     

    डी-मॅट अकाउंट के शब्द    (D-Mat Account Related Words List)  


    8 )    पे इन    (Pay In)

    पे इन याने की पैसा, बॅंक अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट में भेजना।

    9 )    पे आउट    (Pay Out)

    पेआउट मतलब ट्रेडिंग अकाउंट से पैसा, बॅंक अकाउंट में भेजने की सुचना देना।


    प्रायमरी मार्केट के शब्द    (Primary Market Related Words List ) 

    अब हम "कंपनी और "आय. पी. ओ." के बारें में इस्तेमाल होने वाले शब्द और उनके अर्थ जान लेते है।

    Stock Market In Hindi. Words List Meaning In Hindi.
    Primary and Secondary Market Words.


    "आय. पी. ओ." की शब्दावली

    1 )    लिस्टींग    (Listing)

    लिस्टींग याने की कंपनी के शेअर्स ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट के लिये Stock Market की लिस्ट में शामिल करना। 

    2 )    मर्चेंट बँकर    (Merchant Banker)

    मर्चेंट बँकर याने की आय. पी. ओ. की प्रोसेस करने वाला। इसे लीड मॅनेजर भी कहते है।

    3 )    ड्यु डिलिजेंस    (Due Diligence)

    याने की बारीकी से जाँचना। लीड मॅनेजर यह जाँच करके ड्यु डिलिजेंस सर्टिफिकेट देता है। 

    4 )    लिस्टींग डॉक्युमेंट्स    (Listing Documents)

    इसमें आय. पी. ओ. के सारे डॉक्युमेंट्स होतें है। जैसे की ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस।

    5 )    प्राइस बैंड    (Price Band)

    प्राइस बैंड मतलब शेअर प्राइस की ऊपरी और निचे की सीमा, जिसके बिच में शेअर बेचे जायेंगे। ये आसान है।

    6 )    फिक्स्ड प्राइस I.P.O.    (Fixed Price I.P.O.) 

    कम्पनी शेअर की विशिष्ट तय कीमत पर I.P.O. लाती है। 

    7 )    I.P.O. रोड शो    (I.P.O. Road Show)

    मतलब पब्लिसिटी करना। जाहिरात करना।

    8  )    प्राइस बैंड - कट ऑफ़ प्राइस    (Price Band - Cut of Price)

    प्राइस बैंड पर I.P.O. लाने के बाद प्राइस बैंड के बिच की एक कीमत चुनना - तय करना।

    9 )    अंडर-सबस्क्रिप्शन    (Under-Subscription)

    याने की I.P.O. में बेचने के लिए लाये हुए सारे शेअर ना बिकना। इससे कंपनी का फर्स्ट इम्प्रेशन ख़राब दिखता है।

    10 )    ओवर-सबस्क्रिप्शन    (Over-Subscription)

    याने की जितने शेअर बेचने के लिए लाएं है उससे ज्यादा की डिमांड आना। इससे कंपनी का फर्स्ट इम्प्रेशन बढ़िया दिखता है।

    11 )    ग्रीन शू ऑप्शन    (Green Shoe Option)

    मतलब की, ओवर-सबस्क्रिप्शन के डिमांड के अतिरिक्त शेअर्स भी इश्यू करना।        


    "राइट्स इश्यू" की शब्दावली     (Rights Issue)

    राइट्स इश्यू से लिस्टेड कंपनी दुबारा अपने नये शेअर्स बेचती है। अपने शेअर होल्डर्स को उनके होल्डिंग के अनुपात में शेअर्स दिए जातें है। 


    1 ) एग्जिस्टिंग शेअर होल्डर्स    (Existing Share Holders)

    कंपनी के शेअर्स पहले से ही लिए हुए इन्वेस्टर्स।            

    2 )    फुल्ली पेड राइट्स इश्यू    (Fully Paid Rights Issue)

    इस प्रकार के इश्यू में निवेशक को जितने शेअर्स के लिए एप्लीकेशन किया है उतने की पूरी कीमत एप्लीकेशन के समय पर ही देनी होती है। 

    3 )    पार्ट-ली पेड राइट्स इश्यू    (Partly Paid Rights Issue)

    इस प्रकार के इश्यू में निवेशक को जितने शेअर्स के लिए एप्लीकेशन किया है उतनी कीमत का कुछ भाग एप्लीकेशन के समय पर देना होता है। बाकी अमाउन्ट बाद में दिया जाता है। 

    4 )    रिनोंसी-एबल राइट्स इश्यू     (Renounce-able Rights Issue)

    किसी इन्वेस्टर को अपने अधिकार का राइट्स इश्यू दूसरे को ट्रान्सफर करना है - तो कर सकते है।

    5 )    नॉन रिनोंसी-एबल राइट्स इश्यू     (Non Renounce-able Rights Issue)

    इन्वेस्टर को अपने अधिकार का राइट्स इश्यू किसी भी दूसरे को ट्रान्सफर  नहीं कर सकता है।

    6 )    रेकॉर्ड डेट    (Record Date)

    रेकॉर्ड डेट से कंपनी राइट्स इश्यू के पात्र शेअर होल्डर्स की पहचान करना शुरू करतीं है।

    7 )    राइट्स इश्यू एक्स-डेट    (Rights issue Ex-Date)

    राइट्स इश्यू के लिये शेअर्स खरीदने की अंतिम तारीख। इसके बाद शेअर्स लेने से राइट्स इश्यू में हिस्सा नहीं ले सकते।


    सेकंडरी मार्केट के शब्द    (Secondary Market Related Words)


    1 )    ट्रेडिंग सेशन    (Trading Session)

    ट्रेडिंग सेशन याने की स्टॉक मार्केट का एक दिन के कामकाज का समय।

    2 )    प्री-ओपन सेशन    (Pre-Open Session)

    प्री-ओपन सेशन याने की स्टॉक मार्केट शुरू होने से पहले का छोटा सेशन। इंडिया में यह 9:00 am से 9:15 am तक होता है। 

    3 )    ओपनिंग बेल    (Opening Bell) 

    ओपनिंग बेल मतलब स्टॉक मार्केट शुरू होना। 

    4 )    क्लोजिंग बेल    (Closing Bell)

     क्लोजिंग बेल मतलब स्टॉक मार्केट का दिन का कामकाज बंद होना।

    5 )    ओ.एच.सी.एल.    (O.H.C.L.)

    ओ.एच.सी.एल. मतलब ओपन,हाय, लो और क्लोज। इससे शेयर के ओपनिंग प्राइस की, दिनभर के उतार-चढ़ाव की और क्लोजिंग प्राइस की जानकारी मिलती है।  

    6 )    टॉप गेनर्स    (Top Gainers) 

    टॉप गेनर्स मतलब दिन के सबसे ज्यादा ऊपर चढ़ने वाले कुछ शेअर्स। 

    7 )    टॉप लूज़र्स    (Top Losers)

    टॉप लूज़र्स मतलब दिन के कामकाज में सबसे ज्यादा गिरने वाले कुछ शेअर्स। 

    8 )    स्टॉक मार्केट सर्किट्स    (Stock Market Circuits) 

    स्टॉक मार्केट सर्किट्स याने की कीमतों को बहुत ऊपर या निचे जाने से रोकने के लिए लगाया गया नियंत्रण। यह आम तौर पर 20 % होता है। और  विशेष स्थिति में 5 % का होता है।  

    9 )    स्टॉक मार्केट कॅपिटल    (Stock Market Capital)

    स्टॉक मार्केट कॅपिटल याने की पुरे स्टॉक मार्केट की वैल्यू।  

    10 )    व्होलॅटिलिटी    (Volatility) 

    व्होलॅटिलिटी मतलब स्टॉक मार्केट के तेज गति के उतार-चढ़ाव। 

    11 )    व्होल्युम    (Volume)

    व्होल्युम मतलब विशिष्ट समय में ट्रेड हुई शेअर्स की संख्या।

    12 )    डेरिवेटिव्ज    (Derivatives)

    डेरिवेटिव्ज शेअर्स और इंडेक्स से निर्माण होने वाली उनके जैसे ही ट्रेडिंग इंस्ट्रुमेन्ट्स। याने की फ्यूचर्स और ऑप्शन्स।

    13 )    फ्यूचर्स    (Futures)

    फ्यूचर्स याने की शेअर की आगे आने वाले तय समय में (एक्सपायरी  कितनी कीमत हो सकती है उसके अनुसार ट्रेडिंग करना।  

    14 )    ऑप्शन्स    (Options)

    ऑप्शन्स याने की कॉन्ट्रेक्ट जिसके जरिए शेअर्स खरीदने या बेचने का अधिकार मिलता है। पर ऐसा करना अनिर्वाय नहीं होता। इसके 1) कॉल, 2) पुट यह दो प्रकार है।

    15 )    लॉट साइज    (Lot Size)  

    लॉट साइज याने की एक लॉट में तय की गई शेअर्स की संख्या। यह निफ़्टी के लिए 50 और बॅंक निफ़्टी के लिए 25 तय की है। 

    16 )    एक्सपायरी    (Expiry)

    एक्सपायरी याने की फ्यूचर्स और ऑप्शन्स के कॉन्ट्रेक्ट की तय की गई समय सीमा। यह हर थर्सडे वीकली एक्सपायरी होती है। और महीने के आखरी थर्सडे मंथली एक्सपायरी होती है। 

    17 )    रोल ओव्हर    (Roll Over)

    रोल ओव्हर याने की फ्यूचर्स, ऑप्शन्स कॉन्ट्रेक्ट को अगली एक्सपायरी में लेके जाना।

    18 )    पीसीआर रेश्यो     (PCR Ratio)

    ऑप्शन्स के पुट और कॉल का अनुपात। यह एक महत्वपूर्ण रेश्यो माना जाता है। 

                 

    हमने यह जाना 

    यहाँ हमने Stock Market में उपयोग में आने वाले शब्दों को और उनके अर्थ को जाना। इन शब्दों को और उनके अर्थ को जानकर, स्टॉक मार्केट के हमारे कंसेप्ट्स अच्छे से क्लियर होते है। यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होता है। 


    आपके लिए अधिक जानकारी

    स्टॉक मार्केट की जानकारी को फ़िल्टर कैसे करें ?

    FII हमारे स्टॉक मार्केट में क्यों आते है ?

    इंडिया विक्स को कैसे समझे ? Nifty Vix इन हिंदी। 



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    2 Comments

    1. यह शब्दावली बहुत ही आसान भाषा में जानकारी देती है । पढकर अच्छा लगा।

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      1. हाय सर
        "तरलमनी" के साथ जुड़े रहने के लिए धन्यवाद।

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