टेक्निकल एनालिसिस क्या हैं ?
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Stock Market Technical Analysis in Hindi. |
टेक्निकल एनालिसिस याने की "रेडीमेड ढाँचा याने की स्ट्रक्चर होता है।" जो की किसीने पहले-से ही बनाकर रखा है। और उसपर लोग सहमत होते हैं। हमें उस ढाँचे को समज़ना होता है। उसके शर्तों को याद करना होता हैं। उसका इस्तेमाल करना होता है।
यहाँ रेडीमेड ढ़ाँचे का मतलब जानना हैं तो आप कोई भी इंडिकेटर उठाकर देख लो। आप अपने आप ही समझ जायेंगे। ठीक हैं ?
"तो इस स्ट्रक्चर के कुछ रूल्स होते हैं।" इस्तेमाल के लिए भी रूल्स होते है। इनसे डाटा स्ट्रक्चर के अंदर जाकर पहले से ही कुछ उम्मीद (अपेक्षित) की हुई जानकारी निकलकर आती हैं। इस जानकारी के उपयोग से स्ट्रेटेजी बनानी होती है। फिर उसके अनुसार ट्रेडिंग करनी होती हैं। स्टॉक मार्केट में "प्रचलित मान्यता" की चार्ट का स्टडी इन-इन तरीकों से किया जाना चाहिए। उसे एक अच्छा-सा नाम दिया गया है, टेक्निकल एनालिसिस।
चार्ट के पॅटर्न के साथ इंडीकेटर्स जुड़ते हैं। अगर ज्यादातर लोग इनसे सहमत हुए "तो वैसा पॅटर्न बनता है।" इस पॅटर्न के साथ ट्रेड करने पर मुनाफा होता है। अगर वैसा पॅटर्न नहीं बना तो "स्टॉप लॉस" हिट हो जाता है।
टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं ?
टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए, शेयर्स का "पिछला डाटा" उपयोग में लाया जाता है। इससे गुजरे हुए समय में इस शेअर में क्या और कैसे एक्शन हुई हैं ? शेअर की कीमत कहाँ तक "निचे और ऊपर" गई हैं ? और किस तरह से गई है ? इसकी जानकारी मिलती है।
याने की किसी असेट की, "शेअर की "ओपन, हाई, लो और क्लोज" की कीमतों के संग्रहित डाटा से तांत्रिक विश्लेषण किया जा सकता है।" और वो ऐसे की - उस इन्फॉर्मेशन को टेक्निकल एनालिसिस के ढ़ाँचे में डालना होता है। इससे कुछ तय सवालों के जवाब मिलते है। इन्ही जवाबों से ट्रेडिंग की स्ट्रेटेजी बनाई जाती है। आसान हैं ?
भाषा थोड़ी कठिन हुई है। आइये इसे और एक बार - आसान करके समज़ते है।
1 ) हमारा उद्देश्य - "पैसा" कमाना।
2 ) हमारा फील्ड - स्टॉक मार्केट "ट्रेडिंग" करना।
3 ) हमारा काम - "स्ट्रेटेजी" बनाना और उपयोग में लाना।
4 ) हमारी जरूरत - स्ट्रेटेजी बनाने के लिए "जानकारी" चाहिए।
5 ) हमारे जानकारी का जरिया - "टेक्निकल एनालिसिस।"
तो टेक्निकल एनालिसिस करना याने की काम को करने की टेक्निक सीखना और काम टेक्नीकली करना। इसमें शेअर की कीमत, वास्तविक मूल्य से कम या ज्यादा होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। कंपनी कौन-सी है और क्या उद्योग चलाती है इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता। टेक्निकल एनालिसिस में चार्ट का स्टडी किया जाता है। फिर चाहे वो चार्ट किसी भी कंपनी के शेअर का हो।
याने की यहाँ पर यह बात निकलकर सामने आई हैं की, टेक्निकल एनालिसिस का लिबास चार्ट पर चढ़ाना है। या फिर यूँ कहे की "चार्ट को डेकोरेट" करना है। इससे हमें स्टॉक मार्केट में काम करने लायक डाटा उत्पन्न होता है।
टेक्निकल एनालिसिस - महत्व
दोस्तों, स्टॉक मार्केट में "टेक्निकल एनालिसिस का महत्व" हैं क्योंकि, जब रेजिस्टेंस लेवल्स ऊपर की तरफ ब्रेक हो रहे हो तब हमें बायिंग का ट्रेड लेने का सिग्नल मिलता है। और जब सपोर्ट लेवल्स नीचे की तरफ ब्रेक हो रहे हो तब हमें ट्रेड से बाहर निकलने का सिग्नल मिलता है। सही हैं ?
टेक्निकल एनालिसिस में शेअर के (या किसी भी असेट के) कीमतों के "चार्ट का स्टडी" किया जाता है। स्टॉक मार्केट चार्ट्स के बारें में यहीं से दूसरे पेज पर पढ़ सकते हैं। और फिर यहाँ पर कंटीन्यू कर सकते है।
पिछले दिनों या हप्तों का चार्ट देखकर आगे के लिए अंदाज लगाया जाता है की कीमत में किस तरह के बदलाव आ सकते हैं। उनके अनुसार स्ट्रेटेजी बनाकर, ट्रेडिंग करके, मुनाफा कमाया जा सकता है।
"तांत्रिक विश्लेषण" के जानकार, चार्ट की समझ रखते है। चार्ट से कीमत के वर्तन को भली-भाँति जानते हैं। और अपनी समझ और अच्छे-खासे अनुभव के माध्यम से जानकार, स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग करके पैसा कमाने में कामयाब होते है।
तो, आप और मैं, हम दोनों अपने आप-से क्या उम्मीद करते है। क्या हम मिलकर इस काम को कर सकते हैं ? जी हाँ! बिल्कुल, क्यों नहीं! तो हमें इसी वक्त शुरू करना होगा। ताकि स्टॉक मार्केट की स्टडी के इस प्रकार में हम जानकार बनें। और हम भी स्वतंत्र रूप से तांत्रिक विश्लेषण करें। क्योंकि "इसी से स्टॉक मार्केट इंट्रा-डे में हमें मुनाफा मिलता है।"
टेक्निकल एनालिसिस में हम जानते हैं की, कंपनी के "चार्ट का बिहेविअर" क्या है। सही हैं ? फिर सपोर्ट, रेजिस्टेंस और ट्रेंड लाइन सेट अप के अनुसार हम काम करते है। हम स्टॉप लॉस और टार्गेट लगाते है। ऐसा आत्म-विश्वास पूर्वक करने के लिए यह बहुत जरुरी होता है।
"स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग करियर" करने के हमारे सफर में हम जानतें हैं की, Stock Market क्या है ? फिर अपना अकाउंट खोलकर शुरुआत करते है। तब जाहिर है हमें टेक्निकल जानकारी की जरूरत महसूस होती है। इसमें हम स्टॉक मार्केट के बारें में ऊपरी-ऊपरी जान जाते है। फिर सीधे ट्रेड करना शुरू करते है।
यहाँ मेरा अपना अनुभव बता रहा हूँ। तो - कुछ लेते है इन्व्हेस्टमेंट के लिए पर "मुनाफा" दिखते ही बेच देते है। कुछ लेते हैं ट्रेडिंग के लिए उसमें "लॉस" हो रहा है तो - पोजीशन लेकर बैठ जाते है। हैं ना ? ऐसा करने के बाद हम टेक्निकल एनालिसिस करना सही में शुरू करते है।
इसके अच्छी समझ "स्टॉक मार्केट के शोर-गुल में सही निर्णय लेने के लिए मददगार साबित होती है।" सही निर्णय लेने से हमें प्रॉफिट मिलने की दर में बढ़त होती है। इससे हमारे ट्रेडिंग परफॉर्मन्स में सुधार होता है।
टेक्निकल एनालिसिस की अवधारणाएँ
स्टॉक मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस की कुछ "अवधारणाएँ" होती है। जैसे की तंग गलियों में क्रिकेट खेलने वाले बच्चे, इन बातों पर सहमत होते हैं की, वहाँ तक बॉल गयी तो सिक्स और उधर गई तो आउट। सही हैं ?
उनमें शामिल हो रहे नये बच्चे को उनके साथ सहमत होकर खेल को खेलना होता है। हैं ना ? ठीक उसी प्रकार से स्टॉक मार्केट में भी खेलने के लिए याने काम करने के लिए कुछ अवधारणां को समज़ना होता है।
1 ) स्टॉक मार्केट में शेअर से जुडी हर बात प्राइस में दिखती हैं।
इसपर ध्यान देना चाहिए, क्योंकी यह महत्वपूर्ण अवधारणा है। इसमें कहा गया हैं की, शेअर के बारें में कोई भी बात उसके कीमत पर असर करते हुए चार्ट पर दिखती है। तो अगर कुछ एक्टिविटी गुप्त रूप से हो रही होगी तो भी चार्ट पर उसका पॅटर्न बनता ही है। और अनुभवी एनालिस्ट इस को समझकर काम करते है। उनको वह न्यूज़ जानने की जरूरत नहीं पड़ती।
चार्ट के पॅटर्न गोल्डन रेश्यो को फॉलो करते हैं, इस लिए स्टॉक मार्केट में गोल्डन रेश्यो कैसे काम करता है। यह समझ कर हम टेक्निकल एनालिसिस कर सकते है।
2 ) क्यों से महत्वपूर्ण है क्या ?
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करके पैसा कमाना है तो यहाँ जो कुछ हो रहा है वह "क्यों हो रहा है ?" यह महत्व नहीं रखता बल्कि "क्या हो रहा है ?" यह जल्दी से जानकर उससे लाभ उठाना महत्व रखता है।
3 ) चार्ट पर ट्रेन्ड दिखते हैं।
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग होते हुए कीमतों का चलन याने की ट्रेन्ड्स चार्ट पर बनते जाते है। टेक्नीकल एनालिसिस में उन ट्रेन्ड्स को शुरुआत से ही समझा जा सकता है। ट्रेन्ड्स तीन प्रकार के होते है।
ⅰ ) अप-ट्रेन्ड - याने की कीमतें बढ़ती जाती हैं।
ⅱ ) डाउन-ट्रेन्ड - याने की कीमतें गिरती जाती हैं।
ⅲ ) साइड-वेज ट्रेन्ड - याने की कीमतों में ठहराव आता हैं।
4 ) ट्रेन्ड्स रिपीट होते रहते हैं।
स्टॉक मार्केट में ऊपर, निचे या साइड-वेज ट्रेंड्स चलते रहते है। तो वह रिपीट होते ही रहते है। यह एक आम मान्यता है। इसपर हम सब आसानी से सहमत हो सकते है। कहते हैं, इतिहास अपने आपको दोहराता है।
तो ट्रेन्ड का बारीकी से अध्ययन करते रहना होता है। स्टॉक मार्केट का प्री मोर्टेम एनालिसिस करना होता है। और जैसे ही कोई ट्रेन्ड रिपीट होता हुआ दिखे, सही वक्त पर उसमें ट्रेड करना होता है।
महत्वपूर्ण जानकारी
टेक्निकल एनालिसिस का RSI इंडिकेटर।
स्टॉक मार्केट चार्ट पैटर्न क्या होते हैं ?
हमने यह जाना
स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस के विषय पर हमने जाना की ट्रेडिंग में "स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस क्या है ? टेक्निकल का महत्व क्या है ?" इसे कैसे इस्तेमाल करना होता है। और हमने जाना की इस विषय का स्टडी करने की अवधारणाएं क्या हैं ? इन अवधारणाओं पर स्टॉक मार्केट का टेक्निकल एनालिसिस किया जाता हैं।
2 Comments
Technical analysis ke upyog aur Awdharnaye achchi lagi
ReplyDeleteYou always wel come.
DeleteThank You for visit Taralmoney.