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स्टॉक मार्केट ऑप्शंस ट्रेडिंग में टार्गेट और स्टॉपलॉस कितना होना चाहिए ?

दोस्तों, आज हम यहां पर मिलकर, "स्टॉक मार्केट ऑप्शंस ट्रेडिंग में टार्गेट और स्टॉप लॉस कितना होना चाहिए ?" इसके बारे में जानकारी हिंदी में जानेंगे। इसमें स्टॉक मार्केट ऑप्शन ट्रेडिंग की पूर्व तैयारी करने के बारे में जानकारी लेंगे। ऑप्शन ट्रेडिंग की नई स्ट्रैटेजी को समझेंगे। 
            ऑप्शन ट्रेडिंग की कार्य पद्धति, महत्वपूर्ण अंग और ऑप्शन ट्रेडिंग के फैक्ट्स को समझेंगे। इसके साथ ही ऑप्शन स्ट्रेटजी के उद्देश्य क्या होने चाहिए जानेंगे। ऑप्शन स्ट्रेटजी को उदाहरण के माध्यम से विस्तार से समझने की कोशिश करेंगे। तो आइए शुरू करते हैं। 

            ऑप्शन्स ट्रेडिंग याने कि, छोटा शेअर और बड़ा मुव्ह। सही है ? इससे पैसा कमाने की चाहत हर एक को होती है। इसे पूरा करने के लिए, यहाँ पर आपके लिए लेकर आए है एक शानदार ऑप्शन्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी जिसका नाम है, "टार्गेट = कॅपिटल X 2 अँड स्टॉप लॉस =  कॅपिटल ÷ 3"
Stock Market in Hindi. Option Trading Strategy.
Option Trading Strategy for Index Option Trading in Hindi.


            इस स्ट्रेटजी को समझकर हम ऑप्शंस ट्रेडिंग में टार्गेट और स्टॉप लॉस फिक्स करके रिस्क रीवार्ड रेशों को मैनेज कर सकते हैं। इससे ऑप्शंस ट्रेडिंग में हमारा परफॉर्मेंस बेहतर होता है। 


                स्टॉक मार्केट इंडेक्स ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए हमने एक नया सोल्युशन उपलब्ध किया है। यहाँ पर हम टार्गेट और स्टॉप लॉस के सेटिंग को समझ लेते है। ताकि नए सोल्युशन के अनुसार ट्रेडिंग करने में सहूलियत हों। 


    ऑप्शन्स स्ट्रेटेजी की पूर्व-तैयारी

    1 ) शेअर या इन्डेक्स चुनना 

                    हम शेअर्स और इन्डेक्स के ऑप्शन्स में ट्रेडिंग कर सकतें है। तो इसे हम अपने हिसाब से चुन सकतें है। समज़ने के लिए यहाँ "निफ़्टी" को सिलेक्ट करतें है। और ऑप्शन्स के PCR रेश्यो को देखते हुए निफ़्टी के दिशा का अंदाजा लगाया है। 

    2 ) चार्ट सेट-अप

                    अब हमें चार्ट का सेट-अप बनाना है। इसके लिए हम स्टॉक मार्केट चार्ट्स क्या है पढ़ सकते है। हम निफ़्टी का "कॅंडल स्टिक चार्ट" लेंगे। चार्ट लेकर उसे अपने आवश्यकता के अनुसार टाइम फ्रेम में लगाना है। हम "5 मिनट का टाइम फ्रेम" लगाएंगे। निचे की "व्होल्युम वाली लाइन्स" को हटा देंगे। 

                    9:15 am की कॅंडल पर और 3:30 pm एक-एक "खड़ी लाइन" लगाकर "Pitch" याने की काम करने का एरिया बनाएंगे। और पिछले दिन की क्लोजिंग प्राइस को एक "आड़ी लाइन" लगाकर ऊपर और निचे का क्षेत्र तय करेंगे। ठीक है ?   

    3 ) लाइन्स का सेट-अप 

                    अब हम पिछले कुछ दिनों के अनुसार बन रहे सपोर्ट को ग्रीन कलर की और रेजिस्टन्स को रेड कलर की "आड़ी लाइन्स" से जोड़ेंगे। और टॉप की कीमतों को ग्रीन कलर की और लो की कीमतों को रेड कलर की "तिरछी लाइन्स" से जोड़ना है।


    ऑप्शन्स स्ट्रेटेजी

    टार्गेट = कॅपिटल × 2 और स्टॉप लॉस = कॅपिटल ÷ 3

                    स्ट्रेटजी के नाम से ही साफ़ पता चलता है कि, इसमें "टार्गेट और स्टॉप लॉस को कैपिटल के साथ जोड़ा है।" ठीक है ? तो स्ट्रेटजी के अनुसार हम निफ़्टी ऑप्शन बायिंग का ट्रेड करते हैं तो अपने ट्रेडिंग के रिजल्ट का अपने कैपिटल पर क्या असर होता है इसके अनुसार यह स्ट्रेटजी महत्वपूर्ण होती है।

    उदाहरण

    मान लो हमारा कैपिटल Rs.1,00,000 है। अब इसमें से Rs. 80,000 का बैंक निफ़्टी ऑप्शन का एक ट्रेड लिया। अब हमारा स्ट्रेटजी के अनुसार टार्गेट Rs. 80,000 का रहेगा और स्टॉप लॉस तकरीबन Rs. 25,000 का रहेगा। अब, अगर हमारा टार्गेट हिट होता है तो हमारा कैपिटल 2 गुना हो जाएगा। और अगर स्टॉप लॉस हिट होता है तो Rs. 1,00,000 में से Rs. 25,000 का लॉस हो जाएगा।

                    अब हम यह कहते हैं कि हमारा स्टॉप लॉस हिट होता है तो हमें Rs. 25,000 का नुकसान होगा। इससे हमारा कैपिटल Rs. 75,000 होगा और हमने नुकसान में गवाई हुई राशि Rs. 25,000 है। अब हमारे स्ट्रैटेजी के अनुसार हमें Rs. 25,000 का दुसरा ट्रेड लेना है। तो हम Rs. 25,000 का ऑप्शन का ट्रेड लेते हैं।

                अब हमारा अगला टार्गेट रहेगा Rs. 25,000 मुनाफे का। ठीक है? इस ट्रेड के लिये स्टॉप लॉस Rs. 8,000 के आसपास लगाते हैं। अब हमारा टार्गेट हिट होता है तो हमें 25,000 का मुनाफा होगा, इससे हमारा लॉस कव्हर हो जाएगा। और हम आगे के लिए निफ़्टी में ट्रेडिंग करेंगे इससे हमारे ट्रेडिंग में डिसिप्लिन बनी रहती है।

    विशेष उपलब्धि

    हर दिन बैंक निफ़्टी के कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग में सेकंड ओपिनियन कैसे लें ? इसमें "आज की संभावना इंडिकेटर" का जिक्र किया है। हमारा विश्वास है कि, इससे बैंक निफ्टी से पैसे कमाए जा सकते हैं।


    ऑप्शन्स स्ट्रेटेजी की कार्यपद्धती 

                    सुबह 9:00 am को प्री-ओपन होने पर हम Stock Market की चाल पर नजर रखते है। फिर 15 मिनट बाद ऑप्शन्स का कामकाज शुरू होता है।


    1 )    कॉल ऑप्शन्स बायिंग     (Call Options Buying) 

    ट्रेन्ड देखना है। 

    बैंक निफ़्टी में बुलिश ट्रेन्ड है। तो हम तेजी का सौदा ले सकते है। 

    सपोर्ट, रेजिस्टन्स देखना है। 

    बैंक निफ़्टी सपोर्ट नजदीक और रेजिस्टन्स काफी ऊपर हो तो ट्रेंड लाइन के अनुसार और सपोर्ट के पास हमें कॉल ऑप्शन्स में बायिंग करनी है।


    2 )    पुट ऑप्शन्स बायिंग     (Put Options Buying)

    ट्रेन्ड देखना है।

    बैंक निफ़्टी में बियरीश ट्रेन्ड है। तो हम मंदी का सौदा ले सकते है।

    सपोर्ट, रेजिस्टन्स देखना है। 

    बैंक निफ़्टी रेजिस्टन्स के नजदीक और सपोर्ट काफी निचे हो तो ट्रेंड लाइन के अनुसार रेजिस्टन्स के पास हमें पुट ऑप्शन्स में बायिंग का ट्रेड लेना है।   

     

    ऑप्शन्स स्ट्रेटेजी के पार्ट्स 

    इस स्ट्रेटेजी में तीन महत्वपूर्ण पार्ट्स (अंग) है। आइए अपने स्ट्रेटेजी के अनुसार नजरिया बनाने की लिए यह पढ़ते है।  

    1 ) कैपिटल 

                    याने की हमने जो पैसा स्टॉक मार्केट में लाया है। यह हमारा स्टॉक मार्केट में अस्तित्व माना जायेगा। मतलब स्टॉक मार्केट की गेम में अपना कॅरेक्टर (पात्र )। हम जो भी एक्टिव्हिटी करते है, इसी से करते है। और उसका जो भी परिणाम निकलता है वह कॅपिटल पर ही होता है।

    2 ) टार्गेट

                    टार्गेट याने की वह पैसा जो की हम कमाने वाले है। ऐसा इस लिए कहा गया है क्योंकि हमने टार्गेट लगाया तो भी प्राइस वहाँ तक जाने पर ही उतना पैसा हम कमाते है। तो यह अनिश्चित होता है। 

    3 ) स्टॉप लॉस 

                    स्टॉप लॉस याने की वह पैसा जो की हम गँवाने को राजी होते है। सही है? स्टॉप लॉस कितना होना चाहिए। 


    स्टॉक मार्केट ऑप्शन्स के फैक्ट्स

    1 ) बैंक निफ़्टी ऑप्शन्स में "बड़े मुव्ह आते है।" इसलिए बड़े टार्गेट रख सकते है। जैसे की ट्रेड में लगाए हुए कॅपिटल का दोगुना। बड़े मुव्ह के कारण जाहिर है की स्टॉप लॉस भी बड़ा लगाना होता है।

    2 ) बैंक निफ़्टी ऑप्शन्स की "कीमत टाइम के साथ कम-कम होती जाती है।" इसलिए सही वक्त पर ट्रेड में एंटर करना जरुरी  होता है। इसके लिए हम चार्ट पर सपोर्ट, रेजिस्टन्स और ट्रेंड लाइन बनाते है।

    3 ) बैंक निफ़्टी ऑप्शन्स कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या याने कि, "ओपन इंटरेस्ट बदलता रहता है।" ओपन इंटरेस्ट में बायर्स का इंटरेस्ट छिपा है या ऑप्शन्स रायटर्स का यह पता लगाना मुश्किल होता है। इसलिए टेक्निकल स्टडी के अनुसार काम करना होता है।

    4 ) बैंक निफ़्टी ऑप्शन्स की "एक्सपायरी होती है।" इसलिए थर्सडे को ध्यान में रखते हुए ऑप्शन्स में काम करना होता है। एक्सपायरी के दिन कामकाज ख़त्म होने के साथ ही उस समय-सीमा के ऑप्शन्स एक्सपायर्ड हो जाते है। 

     

    ऑप्शन्स स्ट्रेटेजी के उद्देश्य 

                    इस स्ट्रेटेजी की सबसे बढ़िया बात यह है कि, इसमें कॅपिटल पर ध्यान दिया गया है। मतलब अपने पैसों पर जो की "हमने ट्रेडिंग में लगाए है।" क्योंकि जो पैसा लगाया वह सुरक्षित रहेगा तो ही बढ़ेगा भी। है ना?


    1 ) कॅपिटल की सुरक्षा (Keep It Safe)

                    इन्व्हेस्टर अपने कैपिटल का निवेश करते है। उनके "हित का संरक्षण" रेगुलेटर्स करते है। ठीक है ? मगर क्या कोई रेगुलेटर है जो कि, "ट्रेडर्स के पैसों की सुरक्षा" करता हो। नहीं ना? इसलिए "अपने कॅपिटल की सुरक्षा करना" हम ट्रेडर्स के लिए महत्वपूर्ण होता है।

                    यह इतना महत्वपूर्ण टॉपिक है, लेकिन इसपर बात करने के लिए भी कोई शायद ही तैयार है। अच्छी बातें, सही जानकारी किसे चाहिये है ना? पढ़ने-वाला, समझने-वाला कोई हो, तो कोई बात करेगा ना! हर कोई चमक के पीछे भागता है। 

                अपनी मेहनत की कमाई लगाकर किसी के "ट्रेडिंग टिप्स को फॉलो करना" - आसान हो सकता है पर क्या वह सही रास्ता है ? अगर आप यह पढ़ रहे है, साथ है तो इसका अर्थ साफ़ है की आपको काबिल बनकर कामयाबी हासिल करनी है। आप अपनी मेहनत से, "Stock Market" के स्टडी से जिंदगी में अपना मुकाम पाना चाहते है।

                    तो जाहिर है, हम सभी ट्रेडर्स को अपने कैपिटल के सुरक्षा का इन्तजाम करना है। नहीं तो हम Stock Market के % Game में फँस सकते है।


    2 ) मुनाफा कमाना  (Money Makes Money)

                    मुनाफा कमाना यह एक स्ट्रेटेजिक पार्ट होता है। स्ट्रेटेजी मुनाफा कमाने के लिए बनाई जाती है। यह हमारे लिए दूसरे नंबर पर आता है। क्योंकि बचेंगे तो और भी लड़ेंगे। सही है ?   

                    हम स्टॉक मार्केट में मुनाफा कमाने के उद्देश्य से आते है। स्टॉक मार्केट का स्टडी करते है। ट्रेडिंग करने के लिए हम टेक्निकल एनालिसिस करते है। अच्छा! तो हमारा दूसरा उद्देश्य है - पैसा कमाना। ऑप्शन्स स्ट्रेटेजी से मुनाफा कमाने का सफर हम आउट ऑफ़ द ऑप्शन लेकर शुरू कर सकते है। 

        

    ऑप्शन्स स्ट्रेटेजी का उदाहरण 

                    यहाँ हमारे एक दोस्त के भाई, जिनका नाम है "एस कुमार।" उनका उदाहरण लेंगे। अब "एस कुमार" इस स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल करने वाले है।  

                    एस कुमार के पास Rs. 75,000 कैपिटल है। इन्होंने इस ऑप्शन स्ट्रेटजी के अनुसार ट्रेड लेना शुरू किया। इन्होंने स्टॉक मार्केट का जो स्टडी किया है, उसके अनुसार उन्होंने तेजी के तरफ का सौदा यानी के बैंक निफ़्टी कॉल ऑप्शन का Rs. 60,000 का पहला ट्रेड लिया। स्ट्रेटेजी के अनुसार, अपने कैपिटल पर उन्होंने Rs. 60,000 का मुनाफे का टार्गेट रखा और Rs. 20,000 का स्टॉप लॉस लगाया। पहले ट्रेड में एस कुमार का टार्गेट हिट हुआ। इससे उनको Rs. 60,000 का मुनाफा हुआ।

                    फिर उन्होंने अपने स्टडी के अनुसार, बैंक निफ़्टी पुट ऑप्शन का दूसरा ट्रेड लिया। यह ट्रेड उसी दिन का या फिर किसी और दिन का हो सकता है। इस बार स्टॉक मार्केट में तेजी होने के कारण उनका स्टॉप लॉस हिट हुआ। इससे उन्हें Rs. 20,000 का नुकसान हुआ।

                    फिर अपनी स्टडी के अनुसार उन्होंने बैंक निफ़्टी पुट ऑप्शंस का Rs. 20,000 का तीसरा ट्रेड लिया। इस बार स्ट्रेटेजी के अनुसार उनका टार्गेट Rs. 20,000 का है। और स्टॉप लॉस तकरीबन Rs.7,000 का है। इस बार भी उनका स्टॉपलॉस हिट हुआ है। इससे उनको Rs. 7,000 का नुकसान हुआ है।

                    ऐसे में एस कुमार किसी अच्छे मौके पर, अपने स्टडी के अनुसार, डिसिप्लिन को फॉलो करते हुए बैंक निफ़्टी कॉल ऑप्शंस का Rs. 7,000 का चौथा ट्रेड लेते हैं। इस बार और उनका टार्गेट हिट होकर उनको Rs. 7,000 का मुनाफा हुआ है। इस मुनाफे के कारण उनका इस उदाहरण में से तीसरे ट्रेड का नुकसान कवर हो जाएगा।

                    अब एस कुमार ने अपना अगला टार्गेट Rs. 20,000 का रखा है। उनका यह टार्गेट भी हिट हुआ है। यह टार्गेट हिट होते ही Rs.20,000 के मुनाफे के साथ उनका एक और लॉस कवर हो गया है।

                    इस तरह से अपने पहले ट्रेड के Rs. 60,000 के मुनाफे को बाजू में रखते हुए, एस कुमार ने अपने कैपिटल को, नुकसान से कव्हर करके दोबारा हासिल किया है। और आगे मुनाफे के लिए स्ट्रेटजी के अनुसार काम करते रहेंगे।   


    ऑप्शन्स स्ट्रेटेजी के बारें में हमने यह जाना 

    1 ) Stock Market में "ट्रेडिंग करने के लिए डिसिप्लीन" की आवश्यकता होती है।

    2 ) ट्रेडर्स को अपने "कॅपिटल की सेफ्टी" का ख़याल करना होता है। 

    3 ) ट्रेडिंग की "प्री-प्लॅनिंग" करना आवश्यक होता है। इसलिए हमें स्टॉक मार्केट की जानकारी फ़िल्टर करना आना चाहिए। 

    4 ) अपने बड़े टार्गेट के लिए "चार्ट के ट्रेन्ड के अनुसार" बने रहना होता है।

    5 ) बैंक निफ़्टी के चार्ट सेट-अप के अनुसार तह वक्त में बड़ा टार्गेट ना बन रहा हो तो "छोटे टार्गेट पर प्रॉफिट बुक" करना होता है।     

    6 ) बड़े स्टॉप लॉस से "कीमतों को हलचल के लिए जगह मिलती है।" यह ट्रेडिंग के लिए अच्छा होता है। मगर यह चार्ट फॉर्मेशन के दायरें में हो तो ही अच्छा माना जाएगा।   

    7 ) "बैंक निफ़्टी में ट्रेडिंग चार्ट सेट-अप के साथ ही की जाए।" याने कि, अगर ट्रेंड लाइन ब्रेक हो रही है तो बड़े स्टॉप लॉस का इन्तजार करने से अच्छा है की छोटा लॉस बुक करके निकले। इससे नुक़सान में बचत भी होती है।


     

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    2 Comments

    1. Best information about Options Buying. I like to read this type of knowledge here.

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      1. Thank You very much. taralmoney always wel come you Sir.

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